मुंगेर: जिले के हवेली खड़गपुर में विभागीय आदेश पर नगर के पश्चिम अजीमगंज स्थित मध्य विद्यालय ग्वाल टोली की कक्षा 6,7 और 8 के बच्चों को दूसरे विद्यालय में शिफ्ट किया जा रहा है,. इसको लेकर लोगों में नाराजगी देखी जा रही है. संबंधित क्षेत्र के अभिभावक, ग्रामीण और छात्र नेताओं के बाद अब विद्यालय के छात्रों ने भी विभाग के निर्देश को अनुचित करारा दिया है.
स्कूल शिफ्ट करने को लेकर आक्रोश: सरकारी आदेश के खिलाफ शुक्रवार को स्टूडेंट्स का आंदोलन देखने को मिला. पिछले दो दिन से चल रहे आंदोलन में अब बच्चे भी शामिल हो गए हैं. शुक्रवार को विद्यालय के छात्र छात्राओं ने विभाग के इस निर्णय के खिलाफ जमकर भड़ास निकालते हुए हवेली खड़गपुर-जमुई मुख्य मार्ग एनएच-333 को मध्य विद्यालय ग्वाल टोली के समीप जाम कर दिया.
बच्चों ने किया सड़क जाम: सड़क जाम कर रहे छात्रों ने हाथों में तख्तियां लेकर अपनी मांगों से शिक्षा विभाग और प्रसासन को अवगत कराया. छात्रों ने मांग कि विद्यालय की 6 से 8 तक की कक्षा को विद्यालय में यथावत रखने दिया जाए और जबतक विभाग निर्णय वापस नहीं लेता है, तबतक आंदोलन जारी रखने की बात कही. इधर छोटे-छोटे छात्रों के सड़क जाम की वजह से रोड के दोनों ओर वाहनों की लंबी कतार खड़ी हो गई.

'भारत सरकार की योजना है..': मौके पर पहुंचे प्रखंड विकास पदाधिकारी,प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ब्रजकिशोर के आश्वासन के बाद सड़क जाम हटाया गया. वहीं मामले को लेकर प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी ब्रजकिशोर ने बताया कि भारत सरकार की योजना हैं, जिसमे खड़गपुर प्रखंड के दो हाई स्कूल में मिडिल स्कूल के 6 से 8 क्लास के बच्चों को उसमें मर्ज किया जा रहा है.
"भारत सरकार की स्कीम है. खड़गपुर प्रखंड में दो हाईस्कूल में मिडिल स्कूल के 6 से 8 कक्षा के बच्चों को शिफ्ट किया जा रहा है. बच्चों को सारी सुविधा दी जाएगी. हमने आवेदन देने की मांग की है. अभिभावक आवेदन दें."- ब्रजकिशोर, प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, खड़गपुर
अभिभावकों से आवेदन की मांग: वैसे मिडिल स्कूल के बच्चे हाई स्कूल में 9वीं में जाते हैं, लेकिन सरकार की योजना के अनुरूप इस स्कूल को मर्ज किया जा रहा है, जिसका यहां के बच्चों और अभिभावकों द्वारा विरोध किया गया. स्कूल प्रशासन से बात कर अभिभावकों से इस विषय पर आवेदन मांगा गया है. आवेदन प्राप्त होने पर आला अधिकारियों को इस बात से अवगत कराया जाएगा.
"ग्वाल टोली के स्कूल को पूर्व की स्थिति में ही रहने दिया जाए. बच्चे बच्चियों को यही रहने दिया जाए. दूसरे स्कूल में शिफ्ट नहीं होगा. चार गांव के बच्चे यहां पढ़ने आते हैं."- बिपिन ख़िरहरी, वार्ड पार्षद-21
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