धीरज सजवाण, देहरादून: लोकसभा में हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र रावत की ओर से उठाए गए अवैध खनन के मुद्दे ने अब नया मोड़ ले लिया है. जहां एक तरफ त्रिवेंद्र रावत लगातार अपने बयान पर टिके हुए हैं. उनका कहना है कि एक संवैधानिक प्रक्रिया के तहत और एक सही विषय पर अपने विचार रखे हैं. वहीं दूसरी तरफ अब त्रिवेंद्र रावत को गलत साबित करने के लिए सरकार की तरफ से कई लोग मैदान में कूद गए हैं. इसी कड़ी में आज धामी सरकार के दायित्वधारी दर्जा प्राप्त मंत्री विश्वास डाबर ने त्रिवेंद्र रावत को लेकर पूछे सवालों पर जवाब देते हुए सरकार के पक्ष में तमाम तथ्य पेश किए. साथ ही आंकड़े भी गिनाए.
गौर हो कि बीती 28 मार्च को लोकसभा में बजट सत्र के दौरान सदन में हरिद्वार सांसद त्रिवेंद्र रावत ने अवैध खनन पर अपनी चिंता जताकर धामी सरकार को कटघरे में खड़ा किया था. आज भी त्रिवेंद्र रावत अपने बयान पर कायम हैं. इस बार भी वही बात दोहराई कि उन्होंने नियमों के तहत सवाल उठाए थे, लेकिन कुछ लोग पर्सनल ले लेते हैं. यह किसी व्यक्ति विशेष से हैं. इसे पर्सनली नहीं लिया जाना चाहिए.
'प्रदेश में चल रहे अवैध या अवैज्ञानिक तरीके से खनन को लेकर अपनी बात को पुरजोर तरीके से रखा था. रात को 2:30 बजे एक बच्चा जो सड़क के किनारे खड़ा था, उसे अवैध खनन का ट्रक कुचलकर चला जाता है, जिसे हम सबने देखा है. मैंने डोईवाला का ताजा वीडियो भी देखा. जिस परिवार में मौत हुई, उसके बारे में कोई सोचता है? इन घटनाओं के चलते जिन घरों के चिराग उजड़ रहे हैं, जिस घर के दो जवान बच्चे एक महीने के अंदर सड़क दुर्घटनाओं की वजह से मारे गए और उनके छोटे-छोटे बच्चे पीछे रह गए. उनके बारे में सवाल खड़ा किया था. मैंने नियमों के तहत सवाल उठाए, लेकिन कुछ लोग पर्सनल ले रहे हैं.'- त्रिवेंद्र सिंह रावत, हरिद्वार सांसद
वहीं, लोकसभा सांसद त्रिवेंद्र रावत अवैध खनन के चलते हुई मौतों पर अपनी पीड़ा रख रहे हैं और उस पर कार्रवाई की मांग भी कर रहे हैं. ऐसे में त्रिवेंद्र रावत को लेकर पूछे सवालों पर सरकार के दर्जाधारी मंत्री और अनुश्रवण परिषद के उपाध्यक्ष विश्वास डाबर जवाब भी दे रहे हैं. उन्होंने जो कहा, वो इस प्रकार से है.
'केजरीवाल स्टाइल की राजनीति उत्तराखंड में नहीं चलेगी. कुछ भी बोलो और निकल जाओ. कौन बोल रहा है और कौन नहीं, मुझे उससे लेना देना नहीं है, लेकिन इस तरह की अव्यावहारिक आरोपों का जवाब देने के लिए मैं नहीं आया हूं.' - विश्वास डाबर, दायित्वधारी दर्जा प्राप्त मंत्री
त्रिवेंद्र रावत के अवैध खनन के चलते हुई मौतों के बयान पर विश्वास डाबर ने कहा कि-
'कोई दुर्घटना हुई है, वो खनन का ट्रक नहीं था. शराब पीकर बहुत तेज गाड़ी चलाने से वो दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई. उसके बाद एक घटना और हुई, उसी तरह की तो ऐसे मामलों में अभिभावकों को समझना चाहिए कि हमें गाड़ी किस तरह से चलानी हैं. इस संबंध में जागरूकता के लिए सरकार भी काम कर रही हैं.' - विश्वास डाबर, दायित्वधारी दर्जा प्राप्त मंत्री
क्योंकि, ये तमाम सवाल बीजेपी के ही वरिष्ठ नेता और पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र रावत की ओर से उठाए गए थे. जब उनसे पूछा गया कि क्या वो त्रिवेंद्र रावत को जवाब दे रहे हैं तो उन्होंने कहा कि 'हर बात को वहीं ले जाने की जरूरत नहीं है.'
त्रिवेंद्र रावत के यातायात नियमों के उल्लंघन के आरोप पर डाबर ने गिनाए चालान के आंकड़े: वहीं, इसके अलावा सरकार के दर्जाधारी राज्य मंत्री विश्वास डाबर ने त्रिवेंद्र रावत की ओर से उठाए गए अन्य सवालों के भी जवाब दिए. त्रिवेंद्र रावत ने मोटर व्हीकल एक्ट, जो कि केंद्र सरकार ने लागू किया है, उसके उल्लंघन का भी सवाल उठाया था. जिस पर विश्वास डाबर ने जवाब दिया. उन्होंने कहा कि 'रात को बड़े-बड़े ट्रक सड़कों पर चलते हैं तो इसमें गैर कानूनी क्या है?'
प्रश्न काल के दौरान आज संसद में देहरादून-हरिद्वार-नैनीताल और उधमसिंह नगर जिलों में रात्रि के समय अवैध रूप से संचालित खनन ट्रकों के बेहद ही गंभीर और संवेदनशील विषय की और सरकार का ध्यान आकर्षित किया| pic.twitter.com/zrZWOsKgEh
— Trivendra Singh Rawat (@tsrawatbjp) March 28, 2025
दर्जा मंत्री विश्वास डाबर ने कहा कि 'शहरों में भारी वाहनों की एंट्री रात में चलने की अनुमति है, इसलिए रात को ही बड़े ट्रक शहर में चलेंगे. दिन में चलने का कोई सवाल नहीं होता है.' लेकिन खनन पॉलिसी के उस नियम को उन्हें जब याद दिलाया गया कि रात में खनन की अनुमति नहीं है तो उनका कहना था कि 'रात को खनन नहीं होता है, खनन दिन में होता है, लेकिन शहर में ट्रक रात में आते हैं.' उन्होंने अपने बयान के पक्ष में कुछ आंकड़े भी पेश किए.
विश्वास डाबर ने कहा कि वित्तीय वर्ष 2022-23 में 8,16,848 वाहनों की चेकिंग की गई, जो बढ़कर अगले साल 10,58,791 पहुंची. इसके बाद चेकिंग का आंकड़ा 2024-25 में बढ़कर 10,91,933 हो गई. यानी बड़ी संख्या में वाहनों की चेकिंग की जा रही है. इतना ही नहीं उन्होंने चालान किए गए वाहनों की संख्या भी बताई. उन्होंने बताया कि 1,27,044 वाहनों का 2022-23 में चालान किया गया, जो साल 2023-24 में बढ़कर 2,15,661 पहुंच गया. हाल में ही वित्तीय वर्ष 2024-25 में फरवरी तक 2,20,939 वाहनों का चालान हो चुका है.

त्रिवेंद्र के पर्यावरणीय सवाल पर डाबर ने दिया SGD का आंकड़ा: पूर्व मुख्यमंत्री और हरिद्वार से सांसद त्रिवेंद्र रावत ने खुले तौर पर इस बात को कहा था कि निश्चित तौर से उत्तराखंड खनन से राजस्व जुटा रहा है. उन्होंने इस बात में सरकार को बधाई भी दी और कहा कि निश्चित तौर से राजस्व बढ़ा है, लेकिन हमें इसकी कीमत तय करनी पड़ेगी. क्या हम अपने पर्यावरणीय नुकसान उठाकर इस राजस्व को अर्जित करना चाहते हैं और हम अपने भविष्य के लिए क्या कर रहे हैं?
इसको मद्देनजर रखते हुए हमें सोचना चाहिए. खुद त्रिवेंद्र रावत ने कहा है कि हमें डेवलपमेंट भी करना है और पर्यावरण संरक्षण भी करना है. हमें इस तरह से सस्टेनेबल डेवलपमेंट की ओर काम करना चाहिए. हालांकि, त्रिवेंद्र के इस आरोप पर भी विश्वास डाबर का जवाब तैयार था.
विश्वास डाबर ने कहा कि 'उत्तराखंड की धामी सरकार को हाल ही में सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स (SGD) को पूरा करने में पहला स्थान मिला है, लेकिन इसके बावजूद भी लोग सवाल उठा रहे हैं. उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी संस्था और खुद यूएनओ के अधिकारियों ने उत्तराखंड की उपलब्धि की तारीफ की है, इससे हम अंदाजा लगा सकते हैं कि उत्तराखंड सस्टेनेबल डेवलपमेंट में बेहतर काम कर रहा है.'
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