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शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन का ऐलान- स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल होगा छऊ-पाता नृत्य - EDUCATION MINISTER RAMDAS SOREN

सरायकेला के आदित्यपुर स्थित दिंदली बस्ती में पौराणिक चड़क पूजा सह मेला में शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने शिरकत की.

education minister ramdas soren
शिक्षा मंंत्री रामदास सोरेन (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : June 11, 2025 at 1:12 PM IST

2 Min Read

सरायकेला: झारखंड के शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने पौराणिक चड़क पूजा सह मेला में शिरकत की. उनका दिंदली पौराणिक शिव मंदिर पूजा कमेटी की ओर से स्वागत किया गया. इस मौके पर आयोजित छऊ नृत्य कार्यक्रम का भी मंत्री रामदास सोरेन ने उद्घाटन किया.

मेले में आए लोगों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि दिंदली बस्ती में सन 1818 से लगातार आयोजित हो रहा पौराणिक चड़क पूजा एवं मेले में लोगों की गहरी आस्था है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह पूजा 200 साल से भी अधिक पुरानी है, जिसमें हमारे आदिम कला, सभ्यता और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है.

चड़क पूजा में शामिल हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन (Etv bharat)

उन्होंने आगे कहा कि 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने भी भारत पर शासन किया था, उस वक्त भी आदिवासी समुदाय ने अपनी कला, सभ्यता और संस्कृति को बचाए रखने के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया था. आज आदिवासी सभ्यता विश्व विख्यात है. इसे संजोकर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.

छऊ और पाता नृत्य स्कूली पाठ्यक्रम में होंगे शामिल

छऊ नृत्य कार्यक्रम उद्घाटन समारोह के मौके पर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि, झारखंड की कला संस्कृति छऊ नृत्य आज पूरे विश्व में विख्यात है. इन्होंने कहा कि प्रकृति, प्रेम, युद्ध और सामाजिक जीवन पर आधारित छऊ एवं पाता नृत्य के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इसे स्कूली पाठ्यक्रम में भी शामिल कराया जाएगा, जिसका ब्लूप्रिंट जल्द तैयार होगा.

Education Minister Ramdas Soren
शिक्षा मंत्री का स्वागत करते शिव मंदिर पूजा कमेटी के सदस्य (Etv bharat)

इसके अलावा शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने बताया कि जनजातीय शिक्षकों की भी बहाली सरकार जल्द करेगी, जिससे स्कूलों में जनजातीय भाषा की भी पढ़ाई हो सकेगी. शिक्षा मंत्री के साथ छऊ नृत्य मेला उद्घाटन कार्यक्रम में अध्यक्ष लालटू महतो, छवि महतो, रितेन महतो समेत अन्य पूजा कमेटी के सदस्य मौजूद थे.

ये भी पढ़ें: शिक्षा मंत्री ने सीएम हेमंत सोरेन को सौंपी रिपोर्ट, जनजातीय एवं क्षेत्रीय भाषाओं की पढ़ाई शुरू करने के उद्देश्य से बनी थी कमेटी

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मेले में आए लोगों को संबोधित करते हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि दिंदली बस्ती में सन 1818 से लगातार आयोजित हो रहा पौराणिक चड़क पूजा एवं मेले में लोगों की गहरी आस्था है. शिक्षा मंत्री ने कहा कि यह पूजा 200 साल से भी अधिक पुरानी है, जिसमें हमारे आदिम कला, सभ्यता और संस्कृति की झलक देखने को मिलती है.

चड़क पूजा में शामिल हुए शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन (Etv bharat)

उन्होंने आगे कहा कि 200 वर्षों तक अंग्रेजों ने भी भारत पर शासन किया था, उस वक्त भी आदिवासी समुदाय ने अपनी कला, सभ्यता और संस्कृति को बचाए रखने के लिए अंग्रेजों से लोहा लिया था. आज आदिवासी सभ्यता विश्व विख्यात है. इसे संजोकर आगे बढ़ाने की आवश्यकता है.

छऊ और पाता नृत्य स्कूली पाठ्यक्रम में होंगे शामिल

छऊ नृत्य कार्यक्रम उद्घाटन समारोह के मौके पर शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने कहा कि, झारखंड की कला संस्कृति छऊ नृत्य आज पूरे विश्व में विख्यात है. इन्होंने कहा कि प्रकृति, प्रेम, युद्ध और सामाजिक जीवन पर आधारित छऊ एवं पाता नृत्य के इतिहास को जन-जन तक पहुंचाने के लिए इसे स्कूली पाठ्यक्रम में भी शामिल कराया जाएगा, जिसका ब्लूप्रिंट जल्द तैयार होगा.

Education Minister Ramdas Soren
शिक्षा मंत्री का स्वागत करते शिव मंदिर पूजा कमेटी के सदस्य (Etv bharat)

इसके अलावा शिक्षा मंत्री रामदास सोरेन ने बताया कि जनजातीय शिक्षकों की भी बहाली सरकार जल्द करेगी, जिससे स्कूलों में जनजातीय भाषा की भी पढ़ाई हो सकेगी. शिक्षा मंत्री के साथ छऊ नृत्य मेला उद्घाटन कार्यक्रम में अध्यक्ष लालटू महतो, छवि महतो, रितेन महतो समेत अन्य पूजा कमेटी के सदस्य मौजूद थे.

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