जयपुर: प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोमवार को अपनी ही पार्टी के नेताओं और पदाधिकारियों को खरी-खरी सुनाई. उन्होंने तंज कसते हुए पदाधिकारियों को कहा कि 'आप लोगों को किस बात का डर है जो बीजेपी और संघ के खिलाफ नहीं बोलते'. डोटासरा ने यह बात प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में अंबेडकर जयंती पर आयोजित संगोष्ठी में कही.
गाड़ी पर नेमप्लेट लगाने से काम नहीं चलेगा: डोटासरा ने कहा कि केवल गाड़ी के आगे पदाधिकारी की नेमप्लेट लगाने से और आधे घंटे की मीटिंग में आने से काम नहीं चलेगा. संविधान की रक्षा करनी है तो हम सबको उठ खड़ा होना होगा. एक माह तक गांव, ढाणी और कस्बों में संविधान रक्षा का अभियान चलेगा. इसमें भाग लेना होगा. उन्होंने कहा कि जो इसमें भाग लेगा, वही असली नेता होगा. उन्होंने कहा, यदि हमने संविधान बचाने का काम नहीं किया तो इतिहास हमें माफ नहीं करेगा.
बैठक में नहीं आने वाले पदाधिकारी होंगे पदमुक्त: पीसीसी चीफ ने पदाधिकारियों को चेतावनी देते हुए कहा कि जिला, ब्लॉक और प्रदेश लेवल पर लगातार बैठकों का दौर चल रहा है, जो पदाधिकारी लगातार 3 महीने तक बिना कारण बताए बैठक में नहीं आएंगे, वे स्वत: ही पदमुक्त हो जाएंगे. उनकी जगह पर समर्पित कार्यकर्ताओं को मौका दिया जाएगा. उन्होंने कहा कि आने वाले दिनों में कार्यकताओं और पदाधिकारियों को खुद को फील्ड में झोंकना होगा. समय रहते सरकार की गलत नीतियों का विरोध करना होगा.
राजनीतिक दुर्भावना सहन नहीं: डोटासरा ने कहा कि कार्यकर्ताओं के साथ गलत हुआ तो सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे. अगर किसी ने अपराध किया है चाहे वो हमारी पार्टी का ही क्यों न हो, उसे गिरफ्तार कीजिए, लेकिन राजनीतिक दुर्भावना से किसी को परेशान किया तो हम कार्यकर्ता के साथ खड़े रहेंगे. भाजपा सरकार की ईंट से ईंट बजा देंगे.
एक सीएम काम करने के लिए भी बना दीजिए: डोटासरा ने कहा कि भाजपा आलाकमान पर्ची के माध्यम से ऐसे लोगों को मुख्यमंत्री बना देते हैं, जिन्हें कोई जानता भी नहीं है. जिन्हें मुख्यमंत्री बनाया है, वे केवल देवदर्शन कर रहे हैं तो ऐसे मुख्यमंत्री को केवल दर्शन के लिए रख लीजिए और काम करने के लिए दूसरा मुख्यमंत्री बना दीजिए. उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार जनप्रतिनिधियों का अपमान कर रही है. विधानसभा में मुख्यमंत्री ने कहा था कि बीजेपी और कांग्रेस के जनप्रतिनिधियों को बराबर सम्मान मिलेगा, लेकिन भाजपा सरकार में हारे हुए नेताओं से ही लोकार्पण और शिलान्यास कार्यक्रम करवाए जा रहे हैं. यह चुने हुए जनप्रतिनिधि का अपमान है. उन्होंने कहा कि निकाय और पंचायतों के परिसीमन के नाम पर भाजपा सरकार संविधान की धज्जियां उड़ा रही है. हमने समय रहते इसका विरोध नहीं किया तो हम अपने आपको माफ नहीं कर पाएंगे.