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स्टेट सीआईडी ने बंबर ठाकुर के पीएसओ को किया सम्मानित, संजीव कुमार की बहादुरी को किया सलाम - BUMBER THAKUR PSO

स्टेट सीआईडी ने बंबर ठाकुर के पीएसओ को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया. ये प्रशस्ति पत्र उनके प्रमोशन के लिए भी फायदेमंद रहेगा.

स्टेट सीआईडी ने बंबर ठाकुर के पीएसओ को किया सम्मानित
स्टेट सीआईडी ने बंबर ठाकुर के पीएसओ को किया सम्मानित (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : March 20, 2025 at 6:20 PM IST

2 Min Read

बिलासपुर: पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर हुई गोलीबारी में घायल हुए कांस्टेबल संजीव कुमार को स्टेट सीआईडी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. वीरवार को सिक्योरिटी/इंटेलिजेंस स्टेट सीआईडी के पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह नेगी एम्स बिलासपुर में घायल कांस्टेबल से मिलने पहुंचे और उन्होंने एम्स में उपचाराधीन कांस्टेबल संजीव कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया साथ ही संजीव कुमार का हाल भी जाना. उन्होंने संजीव कुमार की बहादुरी को खूब सराहा.

पुलिस अधीक्षक (सीआईडी) भूपेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि, 'कांस्टेबल संजीव कुमार ने अपनी बहादुरी का परिचय दिया है, जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया है. उम्मीद है कि सरकार उन्हें मेडल देकर सम्मानित करेगी. वहीं, ये प्रशस्ति पत्र उनके प्रमोशन के लिए फायदेमंद रहेगा.' बताते चलें कि कांस्टेबल संजीव कुमार पूर्व विधायक बंबर ठाकुर के पीएसओ थे और होली के दिन गोलीबारी के दौरान उन्होंने पूर्व विधायक को बचाते हुए दो गोलियां खाई थी, जिससे वो गम्भीर रूप से घायल हो गए थे. अभी वो एम्स बिलासपुर में उपचाराधीन हैं.

स्टेट सीआईडी ने बंबर ठाकुर के पीएसओ को किया सम्मानित
स्टेट सीआईडी ने बंबर ठाकुर के पीएसओ को किया सम्मानित (ETV BHARAT)

ऐसे लगी थी गोलियां

अब एम्स में उपचाराधीन बंबर ठाकुर के पीएसओ संजीव कुमार का बयान सामने आया है. उन्होंने बताया कि कैसे मौके पर उन्होंने समझदारी से अपनी और बंबर ठाकुर की जान बचाई. उन्होंने बताया कि, 'मैं अपने विभाग का नाम कभी खराब नहीं होने देता. मेरा मेन मोटिव था साहब (बंबर ठाकुर) की सुरक्षा करना और उन्हें बचाना इसके लिए चाहे जान भी देनी पड़ती. मैं उन्हें मार भी देता और साहब की जान नहीं बचती तो ये मेरे लिए शर्मिंदगी हो जाती. इसलिए मैंने साहब को पहले साइड किया फिर उनपर फायर किया. मुझे पहले गोली लग चुकी थी, इसलिए मेरा निशाना सही से नहीं लगा, क्योंकि गोली लगने से मुझे दिखना बंद हो गया था. मैं साइड से फायर कर शूटरों को आसानी से मार सकता था, लेकिन शूट करने में मुझे समय लगता, क्योंकि पिस्टल को पहले लोड और फिर कॉक करना पड़ता, इतने में साहब को फायर लग जाते. मेरा मेन मोटिव साहब की सुरक्षा करना था. इसमें मैं कामयाब हुआ और मेरी और साहब की जान भी बच गई.'

ये भी पढ़ें: कौन हैं संजीव कुमार, जिन्होंने बचाई बंबर ठाकुर की जान, अब प्रशासन देगा ये इनाम

बिलासपुर: पूर्व विधायक बंबर ठाकुर पर हुई गोलीबारी में घायल हुए कांस्टेबल संजीव कुमार को स्टेट सीआईडी ने प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया है. वीरवार को सिक्योरिटी/इंटेलिजेंस स्टेट सीआईडी के पुलिस अधीक्षक भूपेंद्र सिंह नेगी एम्स बिलासपुर में घायल कांस्टेबल से मिलने पहुंचे और उन्होंने एम्स में उपचाराधीन कांस्टेबल संजीव कुमार को प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया साथ ही संजीव कुमार का हाल भी जाना. उन्होंने संजीव कुमार की बहादुरी को खूब सराहा.

पुलिस अधीक्षक (सीआईडी) भूपेंद्र सिंह नेगी ने कहा कि, 'कांस्टेबल संजीव कुमार ने अपनी बहादुरी का परिचय दिया है, जिसके लिए उन्हें सम्मानित किया गया है. उम्मीद है कि सरकार उन्हें मेडल देकर सम्मानित करेगी. वहीं, ये प्रशस्ति पत्र उनके प्रमोशन के लिए फायदेमंद रहेगा.' बताते चलें कि कांस्टेबल संजीव कुमार पूर्व विधायक बंबर ठाकुर के पीएसओ थे और होली के दिन गोलीबारी के दौरान उन्होंने पूर्व विधायक को बचाते हुए दो गोलियां खाई थी, जिससे वो गम्भीर रूप से घायल हो गए थे. अभी वो एम्स बिलासपुर में उपचाराधीन हैं.

स्टेट सीआईडी ने बंबर ठाकुर के पीएसओ को किया सम्मानित
स्टेट सीआईडी ने बंबर ठाकुर के पीएसओ को किया सम्मानित (ETV BHARAT)

ऐसे लगी थी गोलियां

अब एम्स में उपचाराधीन बंबर ठाकुर के पीएसओ संजीव कुमार का बयान सामने आया है. उन्होंने बताया कि कैसे मौके पर उन्होंने समझदारी से अपनी और बंबर ठाकुर की जान बचाई. उन्होंने बताया कि, 'मैं अपने विभाग का नाम कभी खराब नहीं होने देता. मेरा मेन मोटिव था साहब (बंबर ठाकुर) की सुरक्षा करना और उन्हें बचाना इसके लिए चाहे जान भी देनी पड़ती. मैं उन्हें मार भी देता और साहब की जान नहीं बचती तो ये मेरे लिए शर्मिंदगी हो जाती. इसलिए मैंने साहब को पहले साइड किया फिर उनपर फायर किया. मुझे पहले गोली लग चुकी थी, इसलिए मेरा निशाना सही से नहीं लगा, क्योंकि गोली लगने से मुझे दिखना बंद हो गया था. मैं साइड से फायर कर शूटरों को आसानी से मार सकता था, लेकिन शूट करने में मुझे समय लगता, क्योंकि पिस्टल को पहले लोड और फिर कॉक करना पड़ता, इतने में साहब को फायर लग जाते. मेरा मेन मोटिव साहब की सुरक्षा करना था. इसमें मैं कामयाब हुआ और मेरी और साहब की जान भी बच गई.'

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