पटना: बिहार में तापमान 38-40 डिग्री सेल्सियस के बीच बना हुआ है. ऐसे में पटना के संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना चिड़ियाघर) प्रशासन ने जानवरों और पक्षियों को भीषण गर्मी से बचाने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं. बाघ-शेर की गुफाओं में कूलर, चिम्पांजी के लिए एसी, भालू के लिए बर्फ की सिल्लियां और पक्षियों के बाड़े में फॉगर जैसी सुविधाओं का इंतजाम किया गया है. साथ ही, जानवरों के आहार में बदलाव कर उनके हाइड्रेशन और स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है. ताकि वे हीट स्ट्रोक से सुरक्षित रहें.
जानवरों के मिजाज के हिसाब से दी गई हैं सुविधाएं: चिड़ियाघर के निदेशक हेमंत पाटील के मुताबिक, मांसाहारी और शाकाहारी जानवरों की जरूरतों के अनुसार अलग-अलग व्यवस्था की गई हैं. बाघ और शेर जैसे बड़े मांसाहारी जानवरों के बाड़ों में कूलर लगाए गए हैं, ताकि उन्हें ठंडी हवा मिल सके. वहीं चिम्पांजी के केज में एसी की सुविधा दी गई है. भालू को गर्मी से राहत देने के लिए उनके बाड़े में बर्फ की सिल्लियां रखी जाती हैं, जिनसे खेलते हुए वे अपने शरीर का तापमान नियंत्रित करते हैं. हिरन, चीतल और सांभर जैसे शाकाहारी जानवरों के बाड़े में फॉगर लगाए गए हैं, जो पानी का हल्का छिड़काव कर ठंडक बनाए रखते हैं.

गर्मी की वजह से आहार में बदलाव, हाइड्रेशन पर फोकस: पटना जू प्रबंधन की मानें तो, गर्मी के प्रभाव को देखते हुए जानवरों के आहार में भी बदलाव किया गया है. बाघ को अब रोजाना 11 किलो के बजाय 9 किलो मीट दिया जा रहा है, क्योंकि गर्मी में उनकी भूख कम हो गई है. चिम्पांजी को दही-चावल के साथ नारियल पानी (डाभ) दिया जा रहा है. साथ ही, उन्हें अंगूर, सेब, केला और अनार जैसे रसदार फलों से विटामिन और पानी की पूर्ति की जा रही है. हाथियों को गन्ने की जगह केले का थम्ब (गुच्छा) दिया जा रहा है, जबकि भालू को ठंडक देने के लिए खीर खिलाई जा रही है.

पक्षियों के लिए वाटर स्प्रिंकलर और हल्दी ट्रीटमेंट: पक्षियों को गर्मी से बचाने के लिए उनके बाड़े में वाटर स्प्रिंकलर और फॉगर लगाए गए हैं, जो लगातार पानी का छिड़काव कर रहे हैं. वहीं जलीय पक्षियों के बाड़े में नमी बनाए रखने के लिए फॉगर की व्यवस्था की गई है. साथ ही, बर्ड फ्लू के खतरे को देखते हुए हर सोमवार पक्षियों के बाड़े में हल्दी का छिड़काव किया जाता है. सोमवार को पटना जू बंद रहता है और इस दिन पूरे जू में ब्लीचिंग पाउडर और चूना जैसे डिसइंफेक्टेंट का भी छिड़काव होता है. गर्मी के मौसम में फिलहाल पक्षियों के पीने के पानी को दिन में दो बार बदला जा रहा है.

पढ़ें-
पटना जू मेट्रो स्टेशन के निर्माण पर लगा ग्रहण! राजभवन ने जमीन देने से किया इनकार
अब दार्जिलिंग जाने की जरूरत नहीं! नए साल में पटना जू में टॉय ट्रेन का उठा सकेंगे लुत्फ