रांची: रमजान को लेकर भाजपा केंद्रीय नेतृत्व के द्वारा शुरू की गई सौगात-ए-मोदी कार्यक्रम झारखंड में दम तोड़ने लगा है. भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के द्वारा शुरू किए गए इस कार्यक्रम के जरिए देश भर में जिला स्तर पर होने वाले ईद मिलन समारोह में करीब 32 लाख जरूरतमंदों की सहायता करना था. लेकिन हालत यह है कि रमजान का महीना समाप्त होने वाला है इसके बावजूद पार्टी के द्वारा जो कार्यक्रम चलाया जाना चाहिए वह धरातल पर नहीं उतर पाया है.
सौगात-ए-मोदी जमशेदपुर और अन्य शहरों में कुछ कुछ स्थानों पर आयोजित कार्यक्रम में इसकी झलक जरूर देखने को मिली मगर रांची जैसे राज्य की राजधानी में कोई कार्यक्रम अब तक आयोजित नहीं हुआ है.
प्रदेश भाजपा अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी से जब यह पूछा गया तो उन्होंने कहा कि अभी दो तीन बचे हुए हैं आगे किया जाएगा. भाजपा विधायक मेहता शशि भूषण कुशवाहा से जब यह पूछा गया कि आप सौगात-ए- मोदी कार्यक्रम में कहां शिरकत करेंगे तो उन्होंने इस मामले में अभिज्ञता जाहिर की. उन्होंने कहा कि मुझे इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी नहीं है और ना ही मैं शामिल होने वाला हूं. हालांकि भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष अनवर हयात ने दावा करते हुए कहा कि अब तक कई शहरों में आयोजित कार्यक्रम के जरिए करीब 500 सहायता किट वितरित किए जा चुके हैं.
विपक्ष के निशाने पर बीजेपी का सौगात-ए-मोदी कार्यक्रम
रमजान के मौके पर भाजपा द्वारा शुरू की गई सौगात-ए-मोदी कार्यक्रम विपक्ष के निशाने पर है. कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने इसकी आलोचना की है. इधर माले विधायक अरूप चटर्जी इसे बिहार चुनाव को लेकर भाजपा की चली गई चाल बताया है. उन्होंने कहा कि इसका लाभ बिहार चुनाव में मिलने वाला नहीं है और भाजपा को निराशा ही हाथ लगेगी.
बहरहाल सौगात-ए-मोदी कार्यक्रम की शुरुआत ईद जैसे पर्व से होते ही इसपर सियासी जंग शुरू हो गई है जबकि यह कार्यक्रम गुड फ्राइडे, ईस्टर, नवरोज और भारतीय संवत नए साल जैसे मौके पर चलाने की योजना है जिसके लिए भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा को विशेष रूप से जिम्मेदारी दी गई है.
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