जयपुर: राजधानी के 75 वर्षीय बुजुर्ग को तीन दिन तक डिजिटल अरेस्ट कर 23.56 लाख रुपए की ठगी के मामले में एसओजी की साइबर थाना टीम ने दिल्ली से एक शख्स को गिरफ्तार किया है. वह इस मामले में मुख्य खाताधारक है. ठगी की रकम सबसे पहले इसी व्यक्ति के बैंक खाते में ट्रांसफर की गई.
एसपी (साइबर क्राइम) शांतनु कुमार ने बताया कि इस मामले में साइबर क्राइम पुलिस ने मुख्य बैंक खाताधारक सुरेश कुमार जाट उर्फ सुरेंद्र को गिरफ्तार किया है. वह मूलतः अलसीसर (झुंझुनू) का रहने वाला है. अभी रोहिणी (नई दिल्ली) में रहता है. उससे गहनता से पूछताछ की जा रही है.
एक दिन में जमा हुए 3 करोड़, दूसरे खातों में भेजे: आरोपी के बैंक खाते की पड़ताल में सामने आया है कि 26 मई को इस खाते में जयपुर के बुजुर्ग से की गई ठगी की रकम जमा हुई थी. इस खाते में इसी दिन कुल 3 करोड़ रुपए जमा हुए हैं. जांच में यह भी सामने आया कि 26 मई को ही इस बैंक खाते से पूरी राशि नेट बैंकिंग के जरिए अन्य बैंक खातों में जमा करवा दी गई.
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खाताधारक की पहचान कर दबोचा: बैंक अकाउंट होल्डर की पहचान के बाद साइबर क्राइम पुलिस थाना से एएसआई अजय कुमार और हेड कांस्टेबल दौलतराम के नेतृत्व में एक टीम तत्काल दिल्ली के लिए रवाना की गई. इस टीम ने आरोपी सुरेंद्र उर्फ सुरेश को उसके दिल्ली स्थित घर से दबोच लिया. इसके बाद उसे जयपुर लाकर पूछताछ की और फिर गिरफ्तार कर लिया.
पूछताछ में कई राज खुलने की संभावना: अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि उसके खिलाफ चंडीगढ़ और सोनीपत के साइबर क्राइम पुलिस थानों में भी इसी तरह के साइबर ठगी के मामले दर्ज है. अब उसे रिमांड पर लेकर पूछताछ चल रही है. उससे पूछताछ में साइबर ठगी के रैकेट के बारे में कई अहम जानकारियां सामने आने की संभावना है.
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मनी लॉन्ड्रिंग का डर दिखाया: दरअसल, परिवादी के मोबाइल नंबर पर 23 मई को दो अलग-अलग नंबरों से कॉल आए थे. पहले कॉल करने वाले ने खुद को मुंबई के कोलाबा थाने का पुलिसकर्मी संजय कुमार बताया. उसने पीड़ित को डराया और कहा कि उनके नाम से खरीदी गई एक सिम का इस्तेमाल मनी लॉन्ड्रिंग और आपत्तिजनक संदेश भेजने के लिए किया गया है. कॉल करने वाले बदमाश ने परिवादी को डराने के लिए कहा कि उनके खाते से 2.80 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग हुई है.
फर्जी सीबीआई अधिकारी बनकर धमकाया: उसने उसे गैर जमानती वारंट जारी होने का हवाला देकर डराया. साइबर ठगों ने परिवादी को डराने के लिए सीबीआई अधिकारी के नाम से भी कॉल करवाया. वीडियो कॉल कर अदालत का फर्जी दृश्य भी दिखाया और जज बने एक शख्स ने परिवादी के बैंक अकाउंट फ्रीज करने का आदेश भी सुनाया. इससे डरकर पीड़ित ने कृष्ण सर्जिकल के नाम के बैंक खाते में 23.56 लाख रुपए आरटीजीएस के जरिए जमा करवा दिए.