सीतामढ़ी: बिहार के सीतामढ़ी में बांग्लादेश से भारत आए एक नागरिक को कोर्ट ने सजा सुनाई. अब उसे 21 महीने तक भारत में जेल में रहना होगा. सीतामढ़ी सिविल कोर्ट ने सुनवाई के दौरान यह फैसला सुनाया.
बांग्लादेशी नागरिक की पहचान रकिबूल इस्लाम, पिता बादल गोडा जो बांग्लादेश के ढाका राज्य के मादीरपुर जिले के मादीरपुर गांव का रहने वाला है. कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि दोनों सजा साथ-साथ चलेगी.
घुसपैठ के मामले में यह सजा: बुधवार को अनुमंडल न्यायिक दंडाधिकारी पुपरी सीतामढ़ी विवेक कुमार के न्यायालय में दोनों पक्ष की दलील सुनने के बाद यह फैसला सुनाया गया. विदेशी अधिनियम 14 की धारा और धारा 12 पासपोर्ट अधिनियम के तहत घुसपैठ के मामले में यह सजा हुई.

2 साल पहले आया था भारत: कोर्ट के अनुसार 12 अक्टूबर 2023 को भारत-नेपाल की सीमा पर तैनात जवानों ने भारतीय सीमा में प्रवेश कर रहे रकीबुल इस्लाम को रोका था. पहचान पत्र मांगा गया किंतु उसने कोई पहचान पत्र नहीं दिया. स्वयं को तमिलनाडु का निवासी बताया और कहा कि वह काठमांडू काम करने जा रहा है.
इस तरह हुआ था गिरफ्तार: जवानों ने कराई से पूछताछ की तो उसने कबूल किया कि वह बांग्लादेश का रहने वाला है. इसके बाद जवानों ने उसे गिरफ्तार कर सुरसंड थाना पुलिस के हवाले कर दिया. मामले में प्राथमिक दर्ज किए जाने के बाद उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया था.
नेपाल जाने का कानून: विदेश मंत्रालय के अनुसार भारत से सिर्फ नेपाल जाने के लिए वीजा की जरूरत नहीं पड़ती है लेकिन साथ में एक वैध पहचान पत्र होना जरूरी है. रकीबुल इस्लाम के पास भी कोई वैध पहचान पत्र नहीं था.
भारत-बांग्लादेश यात्रा कानून: भारत से बांग्लादेश आने-जाने की बात करें तो नागरिक को वीजा की जरूरत पड़ती है. इसके बिना कोई आना-जाना नहीं कर सकता है. ऐसा करना कानून का उल्लंघन होगा और उसे घुसपैठ मामले में गिरफ्तार कर लिया जाएगा.
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