
आगरा की सगी बहनें गायब होकर 'धर्मांतरण गैंग' से जुड़ीं; जांच में चौंकाने वाले खुलासों से उड़ी पुलिस की नींद
आगरा में दो सगी बहनों की पहले गुमशुदगी दर्ज हुई. फिर अपहरण का केस दर्ज किया गया. अब साइबर क्राइम जांच जारी.

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team
Published : June 12, 2025 at 2:30 PM IST
|Updated : June 12, 2025 at 2:36 PM IST
आगरा: दो सगी बहनों के लापता होने की जांच कर रही पुलिस के सामने जो फैक्ट्स आए हैं, उसने चौंका दिया है. दरअसल, बहनों के लापता होने के 41 दिन बाद उनके अपहरण का केस दर्ज किया गया. शुरुआती जांच में ऐसा कुछ सामने आया है, जो मूवी 'द केरल स्टोरी' जैसा ही है. आगरा की दोनों सगी बहनों का 'ब्रेनवॉश' करके 'धर्मांतरण गैंग' से जोड़ दिया गया है. अब दोनों बहनें धर्म विशेष के पक्ष में चल रही मुहिम से जुड़ चुकी हैं.
इतना ही नहीं पुलिस का दावा है, कि इस 'धर्मांतरण गैंग' का नेटवर्क यूपी से लेकर जम्मू-कश्मीर, पश्चिम बंगाल और दिल्ली-एनसीआर तक फैला हो सकता है. यही वजह है, कि आगरा पुलिस ने अब यह केस साइबर क्राइम पुलिस को सौंप दिया है. इन दोनों सगी बहनों के सोशल मीडिया अकाउंट्स और उनके मूवमेंट की जानकारियां जुटाई जा रही हैं. साथ ही उनसे जुड़े दूसरे अकाउंट्स भी खंगाले जा रहे हैं.
4 साल पहले भी गायब हुई बड़ी बेटी, अब छोटी को भी साथ ले गई: जानकारी के मुताबिक, आगरा के सदर थाना क्षेत्र की दो सगी बहनें 24 मार्च को 2025 को शहर छोड़कर चली गई थीं. इनके पिता ने दोनों बेटियों की गुमशुदगी उसी दिन सदर थाने में दर्ज कराई थी. पिता ने पुलिस को बताया था, कि उनकी बड़ी बेटी ने डीईआई से पढ़ाई की है. वह एमफिल है. वह 2021 में घर छोड़कर चली गई थी.
पिता ने पुलिस को बताया कि बड़ी बेटी की दोस्ती उधमपुर, जम्मू-कश्मीर की रहने वाली साईमा उर्फ खुशबू से है. उसने ही बेटी का 'ब्रेनवॉश' किया था. तब बेटी बहुत मुश्किल से घर लौटी थी. दोबारा घर आकर उसने अपनी छोटी बहन का भी 'ब्रेनवॉश' कर दिया. इसके बाद दोनों बहनें घर से चली गईं. सदर पुलिस ने गुमशुदगी तो दर्ज की, लेकिन मामले को गंभीरता से नहीं लिया. पुलिस ने टका सा जवाब दे दिया, कि दोनों बेटियां बालिग हैं, इसमें पुलिस क्या कर सकती है?
41 दिन बाद दर्ज हुआ किडनैपिंग का केस: पीड़ित पिता अपनी दोनों बेटियों की तलाश में इधर-उधर भटकता रहा. हर जगह से सिर्फ आश्वासन ही मिला. तमाम कोशिशों के बाद उनके गायब होने के 41 दिन बाद यानी 4 मई 2025 को पुलिस ने अपहरण का केस दर्ज किया. इसमें साइमा उर्फ खुशबू को नामजद किया गया. हालांकि अभी तक दोनों बहनों का कुछ पता नहीं चल पाया है. दोनों सगी बहनें कहां रहती है? क्या करती है? इससे भी पुलिस अब तक अंजान है.
शुरुआती जांच में सामने आए चौंकाने वाले तथ्य: मगर, पुलिस की प्रारंभिक छानबीन में जो बातें सामने आईं, वह चौंकाने वाली हैं. यह पता चला है, कि दोनों बहनें धर्मांतरण के पक्ष में मुहिम से जुड़ गई हैं. ठीक उसी अंदाज में जैसे फिल्म 'द केरल स्टोरी' में युवतियां, दूसरी युवतियों को फंसाती दिखी हैं. इस जानकारी के बाद पुलिस हरकत में आई और जांच साइबर क्राइम पुलिस को दी गई.
दूसरे राज्यों तक फैला नेटवर्क: पुलिस आयुक्त दीपक कुमार ने बताया कि एडीसीपी सिटी आदित्य इस मामले पर काम कर रहे हैं. मुकदमे की विवेचना अब साइबर क्राइम थाने को ट्रांसफर कर दी गई है. पुलिस को प्रारंभिक जांच में सोशल मीडिया पर कुछ आईडी मिली हैं, जिससे इस मामले के तार पश्चिम बंगाल, जम्मू-कश्मीर और दिल्ली एनसीआर से जुड़े होने की आशंका है. जल्द ही इसका खुलासा किया जाएगा.
एडीसीपी आदित्य ने बताया कि यह बड़ा नेटवर्क हो सकता है. साइबर क्राइम पुलिस मामले की विवेचना कर रही है. साइबर एक्सपर्ट्स की टीम भी इस पर काम कर रही है. कई सोशल मीडिया अकाउंट्स को खंगाला जा रहा है.

