सीधी: जंगल में खूंखार जानवर अपने बच्चों को जीवित रहने और शिकार करने की ट्रेनिंग देते हैं लेकिन अमूमन ऐसे वीडियो कम ही सामने आते हैं. संजय टाइगर रिजर्व की वस्तुआ रेंज में भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला. यहां बाघिन टी-28 अपने शावकों को शिकार के गुर सिखाते नजर आई. वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. यह वीडियो मंगलवार का बताया जा रहा है. वीडियो अब वन्यजीव प्रेमियों के बीच चर्चा का विषय बन गया है.
बाघिन ने बच्चों को दी शिकार की ट्रेनिंग
बाघिन टी-28 अपने बच्चों के साथ जंगल में भ्रमण करती नजर आ रही है, जहां वह उन्हें जंगल में जीवित रहने और शिकार करने की कला सिखा रही है. टी-28 बाघिन संजय टाइगर रिजर्व में अपनी ममता और देखभाल के लिए पहले भी सुर्खियों में रही है. वीडियो में टी-28 अपने शावकों को जंगल की बारीकियां सिखाते हुए दिख रही है. वह उन्हें शिकार की तकनीक, छिपने की कला और खतरे से बचने के तरीके सिखा रही है.
अपनी बहन के शावकों को संतान की तरह पाला
टी-28 बाघिन अपनी बहन टी-18 के अनाथ शावकों की भी देखभाल करती है. टी-18 बाघिन की एक ट्रेन दुर्घटना में मौत हो गई थी. इसके बाद टी-28 ने इन शावकों को गोद लेकर उन्हें अपनी संतान की तरह पाला. जिसके कारण इसे 'मौसी' के नाम से भी जाना जाता है. वन विभाग के अधिकारियों के अनुसार टी-28 की यह खासियत प्राकृतिक संतुलन और बाघों के सामाजिक व्यवहार को दर्शाती है.

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'प्रकृति के प्रति संवेदनशील होने का संदेश'
पर्यटकों ने इस वीडियो को कैमरे में कैद कर सोशल मीडिया पर साझा किया है. वन रेंजर कविता वर्मा ने बताया कि "टी-28 का यह व्यवहार बाघों के संरक्षण और उनके प्राकृतिक आवास की मजबूती को दर्शाता है. संजय टाइगर रिजर्व, जो सफेद बाघ मोहन की जन्मस्थली के रूप में प्रसिद्ध है और बाघों की बढ़ती संख्या के लिए जाना जाता है. यह वीडियो न केवल वन्यजीव संरक्षण के प्रयासों को बल देता है, बल्कि लोगों को प्रकृति के प्रति संवेदनशील होने का संदेश भी देता है." वन विभाग ने पर्यटकों से नियमों का पालन करने की अपील की है ताकि बाघों का प्राकृतिक जीवन सुरक्षित रहे.