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सीधी में 80 साल पुरानी आदिवासी बस्ती पर चला बुलडोजर, 100 परिवार बेघर - SIDHI BULLDOZER TRIBAL VILLAGE

सीधी जिले के डैनीहा में प्रशासन ने आदिवासियों की बस्ती पर बुलडोजर चलवाया. 100 परिवार खुले आसमां के नीचे.

Sidhi Bulldozer tribal village
कमलेश्वर पटेल ने सीधी कलेक्टर से की बात (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 31, 2025 at 11:47 AM IST

2 Min Read

सीधी : सीधी जिले के डैनीहा में प्रशासन का बुलडोजर चला तो हाहाकार मच गया. यहां दशकों से रहने वाले आदिवासी परिवारों को बेघर कर दिया गया. आदिवासी परिवारों को सामान निकालने तक की मोहलत नहीं दी गई. इसकी जानकारी जब कांग्रेस नेता कमलेश्वर पटेल को लगी तो वह मौके पर पहुंचे और प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया. कमलेश्वर पटेल ने कलेक्टर से बात करके पीड़ित परिवारों की व्यथा सुनाई.

कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण

बुधवार-गुरुवार की रात ज़ालिम कोल, लखन कोल, मोहन कोल, मसाली कोल समेत कई परिवारों के घर मलबे में तब्दील हो गए. ये परिवार बीते 80 वर्षों से यहां रह रहे थे. मामले के अनुसार सिविल कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि मृगेंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने दो दशक पहले अतिक्रमण हटाने की याचिका दायर की थी, जिस पर 2020 में फैसला आया था. हाल ही में कोर्ट ने फिर से प्रशासन को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया.

सीधी में 80 साल पुरानी आदिवासी बस्ती पर चला बुलडोजर (ETV BHARAT)

कमलेश्वर पटेल ने सीधी कलेक्टर से की बात

इसके बाद राजस्व विभाग की टीम ने कार्रवाई करवाई. 100 आदिवासी परिवार रातभर खुले आसमान के नीचे बैठे रहे. कुछ लोगों को अस्थायी आश्रय स्थल ‘रंग बसेरा’ में रखा गया. पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 12 बजे डैनीहा पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और सीधी कलेक्टर से फोन व्यथा सुनाई. कमलेश्वर पटेल ने इस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण और अमानवीय बताया. उन्होंने कहा, “अगर अतिक्रमण हटाना था तो पहले इन आदिवासी परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए थी.” वहीं, सीधी कलेक्टर का कहना है "उन्हें इस कार्रवाई की पूर्व में जानकारी नहीं थी. हम उचित कार्रवाई करेंगे."

सीधी : सीधी जिले के डैनीहा में प्रशासन का बुलडोजर चला तो हाहाकार मच गया. यहां दशकों से रहने वाले आदिवासी परिवारों को बेघर कर दिया गया. आदिवासी परिवारों को सामान निकालने तक की मोहलत नहीं दी गई. इसकी जानकारी जब कांग्रेस नेता कमलेश्वर पटेल को लगी तो वह मौके पर पहुंचे और प्रशासन की कार्रवाई का विरोध किया. कमलेश्वर पटेल ने कलेक्टर से बात करके पीड़ित परिवारों की व्यथा सुनाई.

कोर्ट के आदेश पर प्रशासन ने हटाया अतिक्रमण

बुधवार-गुरुवार की रात ज़ालिम कोल, लखन कोल, मोहन कोल, मसाली कोल समेत कई परिवारों के घर मलबे में तब्दील हो गए. ये परिवार बीते 80 वर्षों से यहां रह रहे थे. मामले के अनुसार सिविल कोर्ट के आदेश पर यह कार्रवाई की गई. बताया जा रहा है कि मृगेंद्र सिंह नामक व्यक्ति ने दो दशक पहले अतिक्रमण हटाने की याचिका दायर की थी, जिस पर 2020 में फैसला आया था. हाल ही में कोर्ट ने फिर से प्रशासन को अतिक्रमण हटाने का आदेश दिया.

सीधी में 80 साल पुरानी आदिवासी बस्ती पर चला बुलडोजर (ETV BHARAT)

कमलेश्वर पटेल ने सीधी कलेक्टर से की बात

इसके बाद राजस्व विभाग की टीम ने कार्रवाई करवाई. 100 आदिवासी परिवार रातभर खुले आसमान के नीचे बैठे रहे. कुछ लोगों को अस्थायी आश्रय स्थल ‘रंग बसेरा’ में रखा गया. पूर्व मंत्री कमलेश्वर पटेल गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात करीब 12 बजे डैनीहा पहुंचे. उन्होंने पीड़ित परिवारों से मुलाकात की और सीधी कलेक्टर से फोन व्यथा सुनाई. कमलेश्वर पटेल ने इस कार्रवाई को अन्यायपूर्ण और अमानवीय बताया. उन्होंने कहा, “अगर अतिक्रमण हटाना था तो पहले इन आदिवासी परिवारों के पुनर्वास की व्यवस्था करनी चाहिए थी.” वहीं, सीधी कलेक्टर का कहना है "उन्हें इस कार्रवाई की पूर्व में जानकारी नहीं थी. हम उचित कार्रवाई करेंगे."

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