जयपुर: राजस्थान पुलिस की एसआई भर्ती परीक्षा में दो अभ्यर्थियों की जगह डमी कैंडिडेट बनकर परीक्षा देने के आरोपी आरएएस अधिकारी हनुमानाराम से पूछताछ लगातार जारी है. वह फतेहगढ़ (जैसलमेर) में एसडीएम लगा था. एसओजी ने वहीं से उसे गिरफ्तार किया है. एसआई भर्ती के साथ ही उसके अन्य भर्ती परीक्षाओं में भी डमी कैंडिडेट के रूप में परीक्षा देने की संभावना है, जिसे लेकर भी पूछताछ की जा रही है.
बहरहाल, एसओजी की टीम हनुमानाराम को जोधपुर लेकर गई, जहां उससे पूरे घटनाक्रम के मौके की तस्दीक करवाई गई. वहीं, हनुमानाराम, नरपतराम और रामनिवास को आमने-सामने बिठाकर भी पूछताछ की जाएगी. एसओजी-एटीएस के एडीजी वीके सिंह का कहना है कि हनुमानाराम, नरपतराम और रामनिवास को 16 अप्रैल तक रिमांड पर लिया गया है. उनसे पूरे मामले को लेकर हर पहलू से पूछताछ की जा रही है.
तस्दीक में जुटी है एसओजी की टीम : वहीं, आरोपी हनुमानाराम द्वारा प्रवेश पत्र व अन्य दस्तावेजों में कांट-छांट कर और अपनी फोटो लगाकर फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करने और उनके आधार पर परीक्षा में बैठने की बात सामने आई है. एसओजी की टीम उन दुकानों की भी तस्दीक कर रही है, जहां फर्जी तरीके से दस्तावेज तैयार करवाए गए और फोटोशॉप कर फोटो में बदलाव किया गया. इसके साथ ही एसओजी को आरोपियों के मोबाइल की जांच से भी मामले से जुड़े कई अहम सुराग हाथ लगने की संभावना है. हनुमानाराम का मोबाइल भी जांच के लिए भिजवाया गया है.
कोचिंग माफिया से कनेक्शन की पड़ताल : मामले में अब तक की पड़ताल में सामने आया है कि हनुमानाराम ने आरएएस बनने के बाद 2021 में एसआई भर्ती में डमी अभ्यर्थी के रूप में परीक्षा दी थी. एसओजी ने 2024 में एसआई भर्ती पेपर लीक और डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करने का खुलासा किया. उसके बाद से ही हनुमानाराम एसओजी से जुड़ी खबरों पर नजर रखता था. अब एसओजी हनुमानाराम और कोचिंग माफियाओं के बीच कनेक्शन खंगालने में जुटी है. माना जा रहा है कि गहनता से पड़ताल में इस पूरे मामले को लेकर कई अहम राज बाहर आ सकते हैं.
इस तरह खुला पूरा मामला : एसओजी ने डमी अभ्यर्थी बिठाकर परीक्षा पास करने के आरोप में ट्रेनी एसआई हरखू को पकड़ा था. उससे पूछताछ में सामने आया कि नरपतराम की पत्नी इंद्रा इंदिरा ने हरखू की जगह परीक्षा दी थी. पड़ताल में पता चला कि इंद्रा के पति नरपतराम ने भी एसआई भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन मेरिट में चयन नहीं हुआ. हरखू के पकड़े जाने के बाद से नरपतराम और इंद्रा फरार चल रहे थे. उन दोनों की गिरफ्तारी के बाद आरएएस अधिकारी हनुमानाराम का नाम सामने आया, जिसने नरपतराम और रामनिवास के बदले डमी अभ्यर्थी बनकर परीक्षा दी.