शिवपुरी: शहर के फतेहपुर क्षेत्र में निवासरत एक डॉक्टर की पत्नी की मंगलवार को उपचार के दौरान इंदौर में मौत हो गई. जिसके बाद महिला के स्वजनों ने उनकी अंतिम इच्छा पूरी करते हुए उनकी आंखें दान कर दी. बताया गया कि करीब 5 साल पहले एक धार्मिक कथा सुनने के बाद, शहर के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. केके शर्मा की पत्नी राधा शर्मा के मन में नेत्रदान का विचार आया.
जन्मदिन पर नेत्रदान का लिया संकल्प
राधा शर्मा ने अपने 60वें जन्मदिन पर नेत्रदान का संकल्प लिया और उसी दिन संकल्प पत्र भरकर इसे औपचारिक रूप से दर्ज किया. राधा शर्मा के रिश्तेदार डॉ. अजय खेमरिया ने बताया कि "करीब 5 साल पूर्व कदवाया के देवी मंदिर में उन्होंने एक मां और उसके नेत्रहीन बेटे के बीच हुआ मार्मिक संवाद सुना था. यह घटना उनके मन में दैवीय प्रेरणा बनकर उभरी और यहीं से उनके मन में इस पुण्य कार्य का बीजारोपण हुआ."

इलाज के दौरान हुआ निधन
संकल्प पत्र भरते समय उन्होंने अपने पति डॉ. केके शर्मा से भी हस्ताक्षर कराए ताकि अंतिम समय में यह संकल्प किसी कारणवश भुला न जाए. वहीं, डॉ. अजय खेमरिया ने भी गवाह के रूप में दस्तखत किए थे. हाल ही में शिवपुरी में उनकी तबीयत अचानक बिगड़ गई. जिसके बाद उन्हें इलाज के लिए इंदौर के हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया. यहां कार्डियक अरेस्ट का इलाज चल रहा था. लेकिन इलाज के दौरान ही अचानक राधा शर्मा का 65 वर्ष की उम्र में निधन हो गया. जिसके बाद समय रहते उनकी आंखें दान कर दी गईं.

- इटारसी में धड़क रहा सागर के 'बलिराम' का दिल, नई जिंदगी पाकर बहुत खुश हैं दिनेश
- रतलाम मेडिकल कॉलेज ने खोली परोपकार की राह, अब तक हुए 77 नेत्रदान और 40 देहदान
पति ने बनाया देहदान का मन
डॉ. केके शर्मा ने भावुक होते हुए कहा, "यदि राधा शर्मा की मृत्यु शिवपुरी में होती तो शायद नेत्रदान की प्रक्रिया पूरी न हो पाती." उन्होंने इस संयोग को पवित्र बताते हुए कहा, "ये आंखें उन्हें धरोहर के रूप में मिली थी और मैं उसके नेत्रदान के निर्णय में समान रूप से सहमत था." वहीं, पत्नी के इस कदम से प्रेरित होकर अब डॉ. शर्मा ने भी देहदान का मन बना लिया है.