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छत्तीसगढ़ के 'शिवा' से मिलिए, जिसने हादसे में घायल सैकड़ों लोगों की बचाई जान - SHIVA PRADHAN BECOME MESSIAH

धमतरी के शिवा प्रधान लोगों की जान बचाने का काम कर रहे हैं. शिवा प्रधान का कर्म उन्हें दूसरों से अलग बनाता है.

saved hundreds of lives
लोगों की जान बचाने वाले शिवा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : April 14, 2025 at 1:18 PM IST

Updated : April 14, 2025 at 4:16 PM IST

7 Min Read

धमतरी : सड़क पर कोई हादसा हो या फिर किसी अज्ञात का शव मिले,ऐसे मामलों में घायलों और डेडबॉडी को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की जरुरत पड़ती है.लेकिन कई मौकों पर समय पर ना कोई मदद मिलती है और ना ही कोई एंबुलेंस.लेकिन छत्तीसगढ़ के धमतरी शहर में ऐसा नहीं है. क्योंकि यहां शिवा प्रधान नाम का एक शख्स अपने दैनिक जीवन के काम के साथ ही दूसरों की जान बचाने का काम भी करते हैं.आईए जानते हैं कौन हैं शिवा और क्यों इनका धमतरी में होना लोगों के लिए आज जरुरत बन चुका है.

आपातकाल में याद आता है सिर्फ एक ही नाम शिवा : धमतरी में आपातकाल की स्थिति में सबसे पहला नाम यदि किसी को याद आता है तो वो है शिवा प्रधान. कई बार दुर्घटनास्थल पर पुलिसकर्मियों से पहले शिवा अपनी एंबुलेंस के साथ पहुंच जाते हैं. वक्त पर लोगों तक मदद पहुंचे और उनकी जान बचे, ये शिवा की प्राथमिकता है.शिवा दूसरे के लिए इतने समर्पित हैं कि उन्होंने अपने मोबाइल का रिंगटोन भी एंबुलेंस सायरन बनाकर रखा है.

हादसे में घायल सैकड़ों लोगों की बचाई जान (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

कौन हैं शिवा प्रधान ?: धमतरी के 43 वर्षीय शिवा प्रधान एक कार मैकेनिक हैं. उनका खुद का मोटर गैरेज भी है. शिवा ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए अपने जीवन की अहम घटनाओं को साझा किया. उन्होंने बताया कि वो 20 साल से कार रिपेयरिंग का काम कर रहे हैं.इसके अलावा धमतरी में ही रक्तदान सेवा संस्था चलाते हैं, जिसके माध्यम से वो लोगों को ब्लड उपलब्ध कराते हैं. साथ ही साथ लोगों को निस्वार्थ भाव से निशुल्क अस्पताल तक पहुंचाते हैं.इसके लिए उन्होंने एंबुलेंस सेवा शुरु की है, जिसके लिए वो कोई भी चार्ज नहीं करते.

saved hundreds of lives
लोगों की जान बचाने वाले शिवा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

कहां से मिली शिवा को प्रेरणा : शिवा ने बताया कि उन्होंने स्कूल के समय से ही लोगों की मदद करने की ठानी. कई बार स्कूल आते जाते कई लोगों को दुर्घटना के बाद सड़क पर तड़पते देखा, जिन्हें वक्त पर मदद नहीं मिली. पहले के समय में मोबाइल फोन नहीं होने पर एंबुलेंस आने में वक्त लगता था.ऐसे में देरी होने पर सड़क दुर्घटना में घायल शख्स की जान भी चली जाती थी.तब से ही शिवा ने ये संकल्प लिया कि वो घायलों को वक्त पर अस्पताल पहुंचाने का काम करेंगे, क्योंकि किसी की जान बचाने से बढ़कर कुछ भी नहीं.

हादसे में लोगों तक मदद पहुंचाते हैं शिवा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
saved hundreds of lives
घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाने शुरु की एंबुलेंस सेवा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

ये काम करते हुए 10 वर्ष हो गए हैं. रक्तदान ग्रुप के द्वारा अलग लग जगह पर शिविर भी लगाया जाता है. ग्रुप में काफी लोग जुड़े हुए हैं. किसी भी आपातकाल में लोगों को खून की आवश्यकता पड़ती है तो ज्यादातर रक्तदान ग्रुप को ही याद किया जाता है. जिसके माध्यम से जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर रक्त मिल जाता है-शिवा प्रधान, समाजसेवी



सड़ चुके शवों को भी लगाते हैं ठिकाने : शिवा प्रधान का काम सिर्फ एक्सीडेंट के बाद घायलों की जान बचाने तक ही सीमित नहीं है. शिवा एक वो काम भी करते हैं, जिसे करना हर किसी की बात नहीं. शहर में कई बार ऐसे शव मिलते हैं, जिनकी स्थिति ठीक नहीं होती.उनसे दुर्गन्ध आती है, जिससे लोग उसके पास जाने में भी कतराते हैं.ऐसे में शिवा शवों को उठाकर मॉर्च्यूरी तक लाते हैं.शिवा की मानें तो शुरुआत में उन्हें बदबू से परेशानी हुई थी.लेकिन अब उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती.

saved hundreds of lives
सड़े शवों को भी उठाया (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

गैरेज के कर्मचारियों को बनाया शिवा-2 : शिवा के मुताबिक कभी-कभी वो अपने परिवार के साथ बाहर घूमने जाते हैं तो उस समय उनके गैरेज में काम करने वाले कर्मचारी उनका काम करते हैं.क्योंकि शहर से बाहर रहने पर उनके पास जब दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने का कॉल आता है तो अपने कर्मचारियों को निर्देश देते हैं.ऐसे में उनके कर्मचारी ही शिवा की गैरमौजूदगी में एंबुलेंस लेकर घटनास्थल तक जाते हैं,फिर घायलों को अस्पताल पहुंचाते हैं.

शिवा की सरकार से सिर्फ एक ही मांग : ईटीवी भारत के माध्यम से शिवा ने सरकार से मांग की है. उनका कहना है धमतरी जिले में पिछले 10 वर्षों से वो एंबुलेंस चल रहे हैं. बड़ी से बड़ी और अच्छी-अच्छी संस्थाएं हैं, सरकार के बहुत सारे विभाग भी हैं. लेकिन उन्हें किसी संस्था या विभाग से शील्ड या मेडल के अलावा कुछ नहीं मिला.शिवा के मुताबिक उन्हें अभी तक फर्स्ट एड बॉक्स तक नहीं मिला है. स्वयं के खर्चे से डीजल पेट्रोल और एंबुलेंस का मेंटेनेंस कर रहे हैं. शिवा कहते हैं कि ''सरकार और जनता मेरा सहयोग करें तो धमतरी के चारों दिशाओं में एक-एक एंबुलेंस लोगों की सेवा के लिए खड़े रहेगी. अगर किसी प्रकार की घटना दुर्घटना होती है तो तत्काल लोगों को मदद मिल पाएगी.''

शिवा प्रधान पुलिस और यातायात के काम को आसान करते हैं.मुसीबत के समय जब व्यक्ति घायल होता है तो सबसे पहले शिवा प्रधान पहुंचकर उसे अस्पताल ले जाते हैं.ऐसे में सरकार को उनके लिए कुछ करना चाहिए- भूपेंद्र पटवा, वरिष्ठ पत्रकार

कहीं यदि दुर्घटना होती है तो घायलों को अस्पताल पहुंचाना हो,या कहीं पर कोई डेडबॉडी मिली है तो उसे कहीं पहुंचाना हो.इसके लिए शिवा हमेशा एक्टिव रहता है.वो कभी दिन और रात नहीं देखता है.निश्चित तौर पर शिवा का ये भाव समाज के लिए सराहनीय है.शिवा की जो मांग है उसे हम अपने वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा देंगे.नियम के मुताबिक जो भी मदद होगी वो की जाएगी- मणिशंकर चंद्रा, एएसपी

पत्नी भी हो चुकी हैं कई बार नाराज : शिवा ने कहा कि सोते-उठते एंबुलेंस की आवाज कानों पर गूंजती है. इसलिए मोबाइल का रिंगटोन भी एंबुलेंस का सायरन रखे हुए हैं. कभी-कभी पत्नी से नोक-झोंक और घर आने में लेट होने पर एंबुलेंस में ही सो जाते हैं.क्योंकि एंबुलेंस और उसका सायरन शिवा के जीवन का हिस्सा बन चुका है.

समाजसेवा के कारण ग्राहकों का झेलना पड़ता है गुस्सा: ऐसा नहीं है कि शिवा के इस काम को हर कोई सराहे. कई बार उनके ग्राहक जब अपनी गाड़ी लेने के लिए शिवा के गैरेज आते हैं तो पता चलता है कि शिवा नहीं है.ऐसे में ग्राहकों से कई बार शिवा के कर्मचारियों की बहस होती है. ऐसे में शिवा अपने ग्राहकों को बताते हैं कि किसी की जान से बढ़कर कुछ भी नहीं है.हादसे के बाद किसी की जान बचाना जरुरी है.शिवा को जानने वालों का भी कहना है कि शिवा अकेले ही नेक काम में लगे हुए हैं.उनके लिए सरकार को जरूर कुछ करना चाहिए.

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धमतरी : सड़क पर कोई हादसा हो या फिर किसी अज्ञात का शव मिले,ऐसे मामलों में घायलों और डेडबॉडी को अस्पताल पहुंचाने के लिए एंबुलेंस की जरुरत पड़ती है.लेकिन कई मौकों पर समय पर ना कोई मदद मिलती है और ना ही कोई एंबुलेंस.लेकिन छत्तीसगढ़ के धमतरी शहर में ऐसा नहीं है. क्योंकि यहां शिवा प्रधान नाम का एक शख्स अपने दैनिक जीवन के काम के साथ ही दूसरों की जान बचाने का काम भी करते हैं.आईए जानते हैं कौन हैं शिवा और क्यों इनका धमतरी में होना लोगों के लिए आज जरुरत बन चुका है.

आपातकाल में याद आता है सिर्फ एक ही नाम शिवा : धमतरी में आपातकाल की स्थिति में सबसे पहला नाम यदि किसी को याद आता है तो वो है शिवा प्रधान. कई बार दुर्घटनास्थल पर पुलिसकर्मियों से पहले शिवा अपनी एंबुलेंस के साथ पहुंच जाते हैं. वक्त पर लोगों तक मदद पहुंचे और उनकी जान बचे, ये शिवा की प्राथमिकता है.शिवा दूसरे के लिए इतने समर्पित हैं कि उन्होंने अपने मोबाइल का रिंगटोन भी एंबुलेंस सायरन बनाकर रखा है.

हादसे में घायल सैकड़ों लोगों की बचाई जान (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

कौन हैं शिवा प्रधान ?: धमतरी के 43 वर्षीय शिवा प्रधान एक कार मैकेनिक हैं. उनका खुद का मोटर गैरेज भी है. शिवा ने ईटीवी भारत से चर्चा करते हुए अपने जीवन की अहम घटनाओं को साझा किया. उन्होंने बताया कि वो 20 साल से कार रिपेयरिंग का काम कर रहे हैं.इसके अलावा धमतरी में ही रक्तदान सेवा संस्था चलाते हैं, जिसके माध्यम से वो लोगों को ब्लड उपलब्ध कराते हैं. साथ ही साथ लोगों को निस्वार्थ भाव से निशुल्क अस्पताल तक पहुंचाते हैं.इसके लिए उन्होंने एंबुलेंस सेवा शुरु की है, जिसके लिए वो कोई भी चार्ज नहीं करते.

saved hundreds of lives
लोगों की जान बचाने वाले शिवा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

कहां से मिली शिवा को प्रेरणा : शिवा ने बताया कि उन्होंने स्कूल के समय से ही लोगों की मदद करने की ठानी. कई बार स्कूल आते जाते कई लोगों को दुर्घटना के बाद सड़क पर तड़पते देखा, जिन्हें वक्त पर मदद नहीं मिली. पहले के समय में मोबाइल फोन नहीं होने पर एंबुलेंस आने में वक्त लगता था.ऐसे में देरी होने पर सड़क दुर्घटना में घायल शख्स की जान भी चली जाती थी.तब से ही शिवा ने ये संकल्प लिया कि वो घायलों को वक्त पर अस्पताल पहुंचाने का काम करेंगे, क्योंकि किसी की जान बचाने से बढ़कर कुछ भी नहीं.

हादसे में लोगों तक मदद पहुंचाते हैं शिवा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)
saved hundreds of lives
घायलों को हॉस्पिटल पहुंचाने शुरु की एंबुलेंस सेवा (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

ये काम करते हुए 10 वर्ष हो गए हैं. रक्तदान ग्रुप के द्वारा अलग लग जगह पर शिविर भी लगाया जाता है. ग्रुप में काफी लोग जुड़े हुए हैं. किसी भी आपातकाल में लोगों को खून की आवश्यकता पड़ती है तो ज्यादातर रक्तदान ग्रुप को ही याद किया जाता है. जिसके माध्यम से जरूरतमंद व्यक्ति को समय पर रक्त मिल जाता है-शिवा प्रधान, समाजसेवी



सड़ चुके शवों को भी लगाते हैं ठिकाने : शिवा प्रधान का काम सिर्फ एक्सीडेंट के बाद घायलों की जान बचाने तक ही सीमित नहीं है. शिवा एक वो काम भी करते हैं, जिसे करना हर किसी की बात नहीं. शहर में कई बार ऐसे शव मिलते हैं, जिनकी स्थिति ठीक नहीं होती.उनसे दुर्गन्ध आती है, जिससे लोग उसके पास जाने में भी कतराते हैं.ऐसे में शिवा शवों को उठाकर मॉर्च्यूरी तक लाते हैं.शिवा की मानें तो शुरुआत में उन्हें बदबू से परेशानी हुई थी.लेकिन अब उन्हें किसी भी तरह की परेशानी नहीं होती.

saved hundreds of lives
सड़े शवों को भी उठाया (ETV BHARAT CHHATTISGARH)

गैरेज के कर्मचारियों को बनाया शिवा-2 : शिवा के मुताबिक कभी-कभी वो अपने परिवार के साथ बाहर घूमने जाते हैं तो उस समय उनके गैरेज में काम करने वाले कर्मचारी उनका काम करते हैं.क्योंकि शहर से बाहर रहने पर उनके पास जब दुर्घटना में घायलों को अस्पताल पहुंचाने का कॉल आता है तो अपने कर्मचारियों को निर्देश देते हैं.ऐसे में उनके कर्मचारी ही शिवा की गैरमौजूदगी में एंबुलेंस लेकर घटनास्थल तक जाते हैं,फिर घायलों को अस्पताल पहुंचाते हैं.

शिवा की सरकार से सिर्फ एक ही मांग : ईटीवी भारत के माध्यम से शिवा ने सरकार से मांग की है. उनका कहना है धमतरी जिले में पिछले 10 वर्षों से वो एंबुलेंस चल रहे हैं. बड़ी से बड़ी और अच्छी-अच्छी संस्थाएं हैं, सरकार के बहुत सारे विभाग भी हैं. लेकिन उन्हें किसी संस्था या विभाग से शील्ड या मेडल के अलावा कुछ नहीं मिला.शिवा के मुताबिक उन्हें अभी तक फर्स्ट एड बॉक्स तक नहीं मिला है. स्वयं के खर्चे से डीजल पेट्रोल और एंबुलेंस का मेंटेनेंस कर रहे हैं. शिवा कहते हैं कि ''सरकार और जनता मेरा सहयोग करें तो धमतरी के चारों दिशाओं में एक-एक एंबुलेंस लोगों की सेवा के लिए खड़े रहेगी. अगर किसी प्रकार की घटना दुर्घटना होती है तो तत्काल लोगों को मदद मिल पाएगी.''

शिवा प्रधान पुलिस और यातायात के काम को आसान करते हैं.मुसीबत के समय जब व्यक्ति घायल होता है तो सबसे पहले शिवा प्रधान पहुंचकर उसे अस्पताल ले जाते हैं.ऐसे में सरकार को उनके लिए कुछ करना चाहिए- भूपेंद्र पटवा, वरिष्ठ पत्रकार

कहीं यदि दुर्घटना होती है तो घायलों को अस्पताल पहुंचाना हो,या कहीं पर कोई डेडबॉडी मिली है तो उसे कहीं पहुंचाना हो.इसके लिए शिवा हमेशा एक्टिव रहता है.वो कभी दिन और रात नहीं देखता है.निश्चित तौर पर शिवा का ये भाव समाज के लिए सराहनीय है.शिवा की जो मांग है उसे हम अपने वरिष्ठ अधिकारियों तक पहुंचा देंगे.नियम के मुताबिक जो भी मदद होगी वो की जाएगी- मणिशंकर चंद्रा, एएसपी

पत्नी भी हो चुकी हैं कई बार नाराज : शिवा ने कहा कि सोते-उठते एंबुलेंस की आवाज कानों पर गूंजती है. इसलिए मोबाइल का रिंगटोन भी एंबुलेंस का सायरन रखे हुए हैं. कभी-कभी पत्नी से नोक-झोंक और घर आने में लेट होने पर एंबुलेंस में ही सो जाते हैं.क्योंकि एंबुलेंस और उसका सायरन शिवा के जीवन का हिस्सा बन चुका है.

समाजसेवा के कारण ग्राहकों का झेलना पड़ता है गुस्सा: ऐसा नहीं है कि शिवा के इस काम को हर कोई सराहे. कई बार उनके ग्राहक जब अपनी गाड़ी लेने के लिए शिवा के गैरेज आते हैं तो पता चलता है कि शिवा नहीं है.ऐसे में ग्राहकों से कई बार शिवा के कर्मचारियों की बहस होती है. ऐसे में शिवा अपने ग्राहकों को बताते हैं कि किसी की जान से बढ़कर कुछ भी नहीं है.हादसे के बाद किसी की जान बचाना जरुरी है.शिवा को जानने वालों का भी कहना है कि शिवा अकेले ही नेक काम में लगे हुए हैं.उनके लिए सरकार को जरूर कुछ करना चाहिए.

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Last Updated : April 14, 2025 at 4:16 PM IST
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