श्योपुर: मध्यप्रदेश में 2 दिन से हो रही लगातार बारिश से श्योपुर जलमग्न हो गया है. कई इलाकों में पानी भरा हुआ है. नदी नाले तक उफान पर हैं. जिले सहित आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में भारी बरसात के कारण शहर, नगर, ग्रामीण क्षेत्र टापू में तब्दील हो गये, जिससे जनजीवन अस्त व्यस्त हो गया है. लोगों का घरों से निकलना बन्द हो गया है. जिले के सारे बांध और तालाब ओवरफ्लो हो गये हैं.
सामान लाने के लिए पानी के बहाव को पार करने की मजबूरी
श्योपुर में दो दिन से हो रही बरसात से बड़ौदा नगर टापू में तब्दील हो गया, जिससे नगर के वार्डवासियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. लोगों के घरों में चुल्हे जलना तक बंद हो गये हैं, अधिक पानी के बहाव को भी पार करके लोग रोजमर्रा की जरूरतों को पूरा कर रहे हैं. वहीं, मोती डूंगरी बंजारा डैम का भी जल स्तर बड़ गया है. बावन्दा नाला उफान पर आने से श्योपुर, ग्वालियर, शिवपुरी और भोपाल इंदौर का मार्ग कुछ देर के लिए बंद रहा.
श्योपुर का कोटा और बारां से आवागमन बन्द
लगातार हुई बारिश से श्योपुर जिले से सटा हुआ राजस्थान का जिला सवाई माधोपुर भी जलमग्न रहा. वहां की स्थिति बाढ़ जैसी हो गयी है. मकान और दुकानें डूब गए हैं. साथ ही राजस्थान के कोटा और बारां से आवागमन बन्द हो गया है. तेजा दशमी पर लगने वाले बड़ौदा में मेले की दुकानें भी पानी के बहाव में बह गईं जिससे बाहर से आये दुकानदारों को काफी नुकसान उठाना पड़ा है.
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मेले में लगने वाली दुकानें बह गईं
ग्वालियर से बड़ौदा मेले में दुकान लगाने आये हरीश ने बताया कि, ''हमारा सारा सामान बह गया, टेंट की दुकानें पानी के बहाव में बह गईं, जिससे हमें बहुत नुकसान उठाना पड़ रहा है. हमें प्रशासन की तरफ से कोई मदद नहीं दी जा रही है, हमारा सारा सामान भीग गया है. कल से ही बहुत तेज बारिश हो रही है, ना खाने की व्यवस्था है ना कुछ और. जिला प्रशासन का कोई अधिकारी कर्मचारी हमारी खेर खबर लेने नहीं आये हैं.'' बड़ौदा के वार्ड 5 के योगेश ने बताया कि, ''कमर से ऊपर तक के गहरे पानी के बीच से निकल कर गैस भराने आये हैं. हमारे घरों में राशन पानी गैस सब खत्म हो गये, इसलिए गहरे पानी से निकल कर आना पड़ा है.''