शिवहर: बिहार के शिवहर में एक दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. वहां 14 साल की एक बच्ची की मौत हो गई. परिजनों का कहना है कि वह डीजे की तेज आवाज से बेहोश हो गई थी. बच्ची पहले हृदय रोग से पीड़ित थी. परिजनों ने सदर अस्पताल के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है.
डीजे की आवाज से बच्ची की मौत: डीजे की तेज आवाज से जान गंवाने वाली बच्ची शहर के वार्ड नंबर 5 के रसीदपुर गांव की रहने वाली थी. उसका नाम पिंकी कुमारी था. वह हृदय रोग से पीड़ित थी. बच्ची की मौत के बाद परिजनों ने आरोपी डॉक्टरों और चिकित्साकर्मियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए पुलिस से शिकायत की है. पुलिस इस मामले की जांच कर रही है.
शादी मटकोर में बज रहा था डीजे: बताया जाता है कि बुधवार देर रात करीब 11 बजे पड़ोसी सोनफी साह के पोते की शादी का मटकोर पूजा का कार्यक्रम था. इस दौरान डीजे रथ के साथ शोभायात्रा निकाली गई थी. पिंकी अपने परिजनों के साथ घर के बाहर शोभायात्रा देखने निकली थी.

अस्पताल ले जाने के दौरान मौत: अचानक डीजे की तेज आवाज सुनकर पिंकी बेहोश होकर गिर पड़ी. इसके बाद परिजन उसे बाइक से लेकर सदर अस्पताल पहुंचे. परिजनों का आरोप है कि अस्पताल में इलाज के नाम पर औपचारिकता की गई. उनका कहना है कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से बच्ची की जान गई है.

"यह स्पष्ट रूप से डॉक्टर और अस्पताल की लापरवाही का मामला है. जिला पदाधिकारी से मिलकर संबंधित अधिकारियों और डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए कार्रवाई के लिए आवेदन देंगे." - राजन नंदन सिंह, सभापति, नगर परिषद
अस्पताल में परिजनों ने किया प्रदर्शन: बच्ची की मौत से गुस्साए परिजनों ने अस्पताल प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन शुरू कर दिया. गुस्साए लोग आरोपी डॉक्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे थे. घटना की सूचना पाकर नगर परिषद सभापति राजन नंदन सिंह भी मौके पर पहुंचे और अस्पताल की लापरवाही का आरोप लगाया है.
"मेरी बेटी 11:00 बजे रात को दरवाजे पर गई और बगल में मटकोर का रस्म चल रहा था जिस वजह से डीजे का आवाज इतना तेज करके बजा रहा था कि मेरी बिटिया का हार्ट अटैक आ गया गिरने के बाद में हल्का सा उल्टी आया. अस्पताल पहुंचने के बाद डॉक्टर समय पर नहीं आए जिसकी वजह से बेटी की मौत हो गई." - पिता प्रमोद शाह, पिता

पिता ने रिक्शा चलाकर कराया था इलाज: बच्ची के पिता रिक्शा चलाकर उसका इलाज करा रहे थे. वहीं मृतक के चाचा नंदकिशोर शाह ने सदर अस्पताल में ड्यूटी पर तैनात डॉक्टर आशीष कुमार पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया कि अस्पताल पहुंचने के करीब एक घंटे बाद इलाज शुरू हुआ. इस दौरान बच्ची तड़पती रही, लेकिन किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली.
"शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है. मामले में परिजनों से पूछताछ की जा रही है. पोस्टमार्ट रिपोर्ट का इंतजार है. रिपोर्ट आने के बाद कार्रवाई की जाएगी." - रणधीर कुमार सिंह, थानाध्यक्ष

पुलिस में दर्ज कराई शिकायत: चाचा नंद किशोर शाह ने बताया कि इस संबंध में उन लोगों ने स्थानीय थाने में अपनी शिकायत दी है. उन्होंने प्रशासन से अस्पताल के सीसीटीवी फुटेज की जांच कर लापरवाही बरतने वाले चिकित्सक और दूसरे कर्मचारियों पर कार्रवाई की मांग की है.
"बच्ची हार्ट मरीज थी. डीजे की तेज आवाज से उसे हार्ट अटैक आया था जिससे उसकी मौत हो गई. परिजनों के द्वारा लगाए गए सभी आरोप बेबुनियाद है." -आशीष कुमार, डॉक्टर, सदर अस्पताल
"मैं घर में खाना बना रही थी. मटकोर की पूजा में बगल में डीजे बज रहा था. मेरी बच्ची देखने के लिए गई थी. डीजे की तेज आवाज से मेरी बच्ची का दिल धड़क गया और मेरी बच्ची की हार्ट अटैक आने से मौत हो गई." - निर्मला देवी, मां

क्या कहते हैं डॉक्टर?: डॉक्टर की माने तो हमारे कानों और दिल का सीधा कनेक्शन होता है. यानी जो भी आवाज कानों में पड़ती है वह नसों के जरिए दिल तक पहुंचती है. डीजे की तेज ध्वनि केवल कानों पर नहीं, बल्कि दिल और दिमाग पर भी गंभीर असर डालती है. ऐसी स्थिति में कान की नसों में खून गाढ़ा होने लगता है. इसके लंबे समय तक रहने से हार्ट अटैक हो सकता है.
तेज डीजे से हार्ट अटैक का खतरा: डीजे की तेज आवाज का सेहत पर गंभीर असर पड़ता है. वहीं सेंटर्स फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (CDC) के मुताबिक इससे कई बिमारियों का खतरा हो सकता है. इसमें हार्ट अटैक, चिड़चिड़ापन, स्ट्रेस, ब्रेन हेमरेज, याददाश्त का कमजोर होना आदि शामिल है.
Hearing loss should not limit your opportunities in life https://t.co/5bPCsvvfuV#WorldHearingDay pic.twitter.com/FB09tFbJ7T
— World Health Organization (WHO) (@WHO) March 3, 2024
क्या कहती हैं WHO की रिपोर्ट?: विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक 12 से 35 वर्ष की आयु के 1 अरब से अधिक लोगों को तेज म्यूजिक और लंबे समय तक तेज शोर के संपर्क में रहने से सुनने की क्षमता कम होने का खतरा है. आवाज यानी ध्वनि की तीव्रता मापने की इकाई डेसिबल है. तेज आवाज पर रिसर्च करने वाली संस्था हियरिंग हेल्थ फाउंडेशन के मुताबिक, इंसान के लिए 70 डेसिबल या उससे कम आवाज सेफ मानी जाती है. अगर कोई 85 डेसिबल से ज्यादा शोर में प्रतिदिन 8 घंटे से ज्यादा रहता है तो उसकी सुनने की क्षमता कम होने हो सकती है.
On International Noise Awareness Day, a quiet reminder to #loveyourears to #keeplistening, safely! #InternationalNoiseAwarenessDay pic.twitter.com/urUcnYstf8
— Hearing Health Foundation (@HearingHealthFn) April 26, 2023
सिवान-सीतामढ़ी में में दूल्हे की हो चुकी है मौत: बिहार के सीतामढ़ी में 1 मार्च 2023 को सोनबरसा प्रखंड के इंदरवा गांव में डीजे की तेज आवाज के कारण दूल्हे की मौत हो गई. वहीं सिवान जिले में एक दूल्हे की मौत की 18 नवम्बर 2024 को हुई थी. गांव भोजपुर निवासी शिवम की शादी आगरा की मोनिका से तय थी. रात में रस्म के बाद शिवम को दिल का दौरा पड़ा, जिससे उसकी मृत्यु हो गई. वहीं हाजीपुर के लालगंज थाना क्षेत्र में एक विवाह समारोह में डीजे की तेज आवाज से 40 वर्षीय महिला की तबीयत बिगड़ी, जिससे उसकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने ने डीजे की आवाज को मौत का कारण बताया गया था.
पटना हाईकोर्ट की फटकार: पटना हाई कोर्ट ने ध्वनि प्रदूषण के मामले में बिहार सरकार को कड़ी फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि लाउडस्पीकर की जगह कानफोड़ू डीजे ने ले ली है, जिससे शहर में ध्वनि प्रदूषण बढ़ रहा है. कोर्ट ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को निर्देश दिया है कि वे नियमों के अनुरूप कार्य करें और इसका परिणाम नागरिकों को दिखे.
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