ETV Bharat / state

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का बड़ा ऐलान, गाय काटने वालों पर हमला करेगी गो रक्षा सेना - SHANKARACHARYA AVIMUKTESHWARANANDA

गौ हत्या के विरोध में चलाए जा रहे अभियान के तहत गाय काटने वालों को दी चेतावनी.

shankaracharya avimukteshwarananda big announcement gau raksha sena attack those who slaughter cows
शंकराचार्य ने किया बड़ा ऐलान. (etv bharat)
author img

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : April 15, 2025 at 7:37 PM IST

Updated : April 15, 2025 at 7:48 PM IST

7 Min Read

वाराणसी: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गायों की रक्षा के लिए आज बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गो रक्षा और गो हत्या को लेकर चलाए जा रहे अपने आंदोलन के क्रम में अब वाराणसी से गो रक्षा के लिए बड़े अभियान को शुरू करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि हमारे अभियान को कोई दल समर्थन नहीं दे रहा, इसलिए अब हम बूच़डखानों पर हमला करेंगे. गो रक्षा सेना तैयार होगी. गाय काटने वालों पर गो रक्षा सेना हमला करेगी.

हिंदू कमजोर साबित हुएः उन्होंने कहा कि हिंदू कमजोर है. हिंदुओं की गायों को काटकर पहले उनका टेस्ट किया गया, जिसकी वजह से हिंदू कमजोर साबित हुए और आज पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के कमजोर होने की वजह से ही यह हो रहा है. हिंदुओं को मजबूत होना होगा वही गोशालाओं से आ रही बदबू के अखिलेश यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव यादव परिवार में जन्म लिए भगवान ने उन्हें गलत जगह पैदा कर दिया.

गोरक्षा का कानून क्यों नहीं बनाः स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश भारत में हिन्दुओं की पहली माँग गोरक्षा के विषय में कहने को तो हर राजनीतिक दल आजादी के पहले से ही गोरक्षा की बात कहता रहा है पर आजादी के 47 वर्ष बीत जाने पर भी इस विषय में कोई केन्द्रीय कानून नहीं बन सका क्योंकि असल में कोई स्थापित दल ये चाहता ही नहीं था. यह राजनैतिक इच्छाशक्ति का अभाव ही है जो भारत के संविधान की धारा 48 में गोहत्या को प्रतिबन्धित करने का प्रयास करने के लिए कहे जाने और भारत की बहुमत आबादी द्वारा निरन्तर गौरक्षा की माँग किए जाने के बाद भी आज 78 साल बाद तक भी देश में गोरक्षा क़ानून नहीं बनाया जा सका है.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का ऐलान. (Video Credit; ETV Bharat)


दलों से गो माता को लेकर पूछा था सवालः ज्योतिष्पिठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि लम्बे समय से गौप्रतिष्ठा आन्दोलन चलाने के बाद उन्होंने समग्र आस्तिक हिन्दू समाज की ओर से प्रयाग महाकुम्भ की समाप्ति पर 33 दिनों के अन्दर भारत के हर स्थापित राजनैतिक दल से गोमाता के बारे में अपने विचार स्पष्ट करने के लिए कहा था. उन्होंने पूछा था कि आप बताएं कि आप गाय के पक्ष में हैं या विपक्ष में? पर किसी भी स्थापित राजनैतिक दल ने उत्तर नहीं दिया. जिसके लिए 17 मार्च को रामलीला मैदान में दिन भर का प्रतीक्षा कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया और राजनैतिक दलों के कार्यालय के दरवाजे पर जाकर पूछने पर भी किसी ने उत्तर नहीं दिया.

shankaracharya avimukteshwarananda announced gau sena kill those who slaughter cows.
शंकराचार्य का गो रक्षा को लेकर बड़ा ऐलान. (photo credit: etv bharat)

इतिहास में पहली बार किसी शंकराचार्य ने दलों से पूछाः उन्होंने कहा कि यह इतिहास का पहला अवसर था जब किसी शङ्कराचार्य ने राजनीतिक दलों के दरवाजे पर जाकर पूछा हो कि गाय के साथ खड़े हो या विरोध में? पर किसी भी राजनैतिक दल ने उत्तर नहीं दिया. भारतीय जनता पार्टी ने तो उन्हें अपने कार्यालय के सामने जाने से भी बैरीकेटिंग कर पुलिस बल द्वारा रोक दिया और उनके कार्यक्रम की मिली हुई अनुमति भी रद्द कर दी.

गाय के बारे में स्पष्ट उत्तर मांगा थाः उन्होंने बताया कि उन्होंने पहले ही कह दिया था कि हमे गाय के बारे में स्पष्ट उत्तर चाहिए, बताओ कि आप हमारी गोमाता को सम्मान देकर भाई बनते हो कि उन्हें मारते-मरवाते रहकर कसाई के रूप में चिह्नित होना चाहते हो? यदि साफ़-साफ़ उत्तर नहीं आता अथवा उत्तर ही नहीं आया तो हम स्पष्ट समझेंगे कि आप गोहत्या को जारी रखते हुए ही राजनीति करना चाहते हैं जैसा कि आज तक यही हुआ है. अतः बार-बार अवसर दिए जाने पर भी देश के स्थापित राजनीतिक दलों द्वारा गोरक्षा-गोसम्मान के प्रश्न पर चुप्पी दर्शाती है कि वे गौरक्षा में कोई रुचि, प्राथमिकता या विश्वास नहीं रखते और उनसे आशा करना अब मूर्खता होगी. विश्वास और आशा भरी जो मूर्खता हम करोड़ों गौभक्त हिन्दू सनातनी 78 से अधिक वर्षों से करते आए उसे अब आगे जारी रखने का कोई अर्थ नहीं है.

मतदाताओं को संकल्पित होना पड़ेगाः उन्होंने कहा कि अब जबकि भारत के सभी स्थापित राजनीतिक दलों से आशा समाप्त हो चुकी है तब गौरक्षा के लिये मतदाताओं को सङ्कल्पबद्ध होना ही एकमात्र उपाय रह जाता है.उन्होंने संकल्प लिया कि वे गौरक्षा के लिए आज से यह प्रण लेते हैं कि प्रत्येक मतदान के अवसर पर मतदान अवश्य करेंगे और उसी पार्टी या प्रत्याशी को मतदान करेंगे जो गोरक्षा सहित समस्त सनातनी मानबिन्दुओं की रक्षा के संकल्प के साथ राजनीति करने के लिए सङ्कल्पबद्ध होगा.

shankaracharya avimukteshwarananda big announcement gau raksha sena attack those who slaughter cows
संतों के साथ विमर्श करते शंकराचार्य. (photo credit: etv bharat)

सनातन की रक्षा का संकल्प लेंः उन्होंने अपने अनुयायियों और अन्य सभी लोगों से अनुरोध भी किया कि वे भी ऐसा ही सङ्कल्प लें जिससे देश में सनातनी राजनीति आगे आए और गौरक्षा सहित सनातन धर्म के समस्त प्रतीकों और सिद्धान्तों रक्षा सम्भव हो सके. शंकराचार्य ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है, इसके लिए अब रास्ता यही बचता है कि हमारे गौ रक्षों को विशेष ट्रेनिंग दी जाए इसके लिए हम उन्हें ट्रेनिंग देंगे अस्त्र-शस्त्र चलाने की और उसके बाद नोटिस देकर जितने भी बूचड़खाने हैं, उनसे यही कहेंगे कि गायों को काटना बंद कीजिए यदि वह गाय काटते मिलेंगे तो हमारे गौ रक्षक हमला करेंगे.

स्वामी जी ने बताया कि मतदाता किसी ऐसे प्रत्याशी या दल को वोट देने के लिए संकल्पबद्ध होगा तो उसका मत लेने के लिए उसी की विचारधारा का कोई व्यक्ति अथवा दल अवश्य सामने आएगा. आखिर इस देश में 80 करोड़ से अधिक सनातनी रहते हैं तो उनकी आवाज उठाने वाला कोई राजनीतिक दल भी तो होना ही चाहिए. अगर उपस्थित दल यह कार्य कर पाते तो उन्हें अलग दल की आवश्यकता नहीं होती पर उपस्थित सभी स्थापित दल सनातनी मानबिन्दुओं की रक्षा करने में असफल रहे हैं और इच्छुक भी नहीं दिखाई देते. अतः एक विशुद्ध सनातनी राजनीति की धारा हम सनातनी हिन्दुओं को अपेक्षित है.

उन्होंने बताया कि गोप्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत गठित गोसंसद् और गोसभाओं के माध्यम से देश के सभी 4123 विधानसभा क्षेत्रों में गो विधायकों की नियुक्ति की जा रही है. जिनके देख-रेख में वर्ष के अन्त तक इतने ही रामाधाम तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, ज्ञात हो कि प्रत्येक रामाधाम में 108 रामा गाय विराजेंगी. दूसरे तीसरे और चौथे चरण में चलते हुए पूरे देश में 3 लाख रामाधाम का निर्माण कर समस्त रामा गायों की सेवा का लक्ष्य रखा गया है. शुद्ध देसी नस्ल की गायों (जिनको शंकराचार्य ने रामा नाम दिया गया है) की गायों ममतलब गाय जैसी दिखने वाले पशुओं से पृथक् कर पहचानने के लिए डीएनए टेस्टिंग का कार्य आरम्भ किया जाएगा. इसके लिए वाराणसी में एक रामा प्रयोग सेवालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया. जिसकी स्थापना अक्षय तृतीया तक कर ली जाएगी. गौमाता के श्रीविग्रह में विराजमान 33 करोड़ देवों का जागरण-पोषण करने के लिए 33 कोटि आहुतियां देने का कार्यक्रम आरम्भ किया गया है.

ये भी पढ़ेंः अब धरती पर नहीं हवा में उगेगा आलू; नहीं लगेगा कोई रोग, जानिए क्या है ये नई तकनीक?

ये भी पढ़ेंः यूपी में 9 IAS, 3 PCS अफसरों का ट्रांसफर; बी चंद्रकला को दोहरी जिम्मेदारी, गन्ना आयुक्त पीएन सिंह को वेटिंग में डाला

वाराणसी: शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ने गायों की रक्षा के लिए आज बड़ा बयान दिया है. उन्होंने गो रक्षा और गो हत्या को लेकर चलाए जा रहे अपने आंदोलन के क्रम में अब वाराणसी से गो रक्षा के लिए बड़े अभियान को शुरू करने की बात कही है. उन्होंने कहा है कि हमारे अभियान को कोई दल समर्थन नहीं दे रहा, इसलिए अब हम बूच़डखानों पर हमला करेंगे. गो रक्षा सेना तैयार होगी. गाय काटने वालों पर गो रक्षा सेना हमला करेगी.

हिंदू कमजोर साबित हुएः उन्होंने कहा कि हिंदू कमजोर है. हिंदुओं की गायों को काटकर पहले उनका टेस्ट किया गया, जिसकी वजह से हिंदू कमजोर साबित हुए और आज पश्चिम बंगाल में हिंदुओं के कमजोर होने की वजह से ही यह हो रहा है. हिंदुओं को मजबूत होना होगा वही गोशालाओं से आ रही बदबू के अखिलेश यादव के बयान पर उन्होंने कहा कि अखिलेश यादव यादव परिवार में जन्म लिए भगवान ने उन्हें गलत जगह पैदा कर दिया.

गोरक्षा का कानून क्यों नहीं बनाः स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि बहुसंख्यक हिन्दुओं के देश भारत में हिन्दुओं की पहली माँग गोरक्षा के विषय में कहने को तो हर राजनीतिक दल आजादी के पहले से ही गोरक्षा की बात कहता रहा है पर आजादी के 47 वर्ष बीत जाने पर भी इस विषय में कोई केन्द्रीय कानून नहीं बन सका क्योंकि असल में कोई स्थापित दल ये चाहता ही नहीं था. यह राजनैतिक इच्छाशक्ति का अभाव ही है जो भारत के संविधान की धारा 48 में गोहत्या को प्रतिबन्धित करने का प्रयास करने के लिए कहे जाने और भारत की बहुमत आबादी द्वारा निरन्तर गौरक्षा की माँग किए जाने के बाद भी आज 78 साल बाद तक भी देश में गोरक्षा क़ानून नहीं बनाया जा सका है.

शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद का ऐलान. (Video Credit; ETV Bharat)


दलों से गो माता को लेकर पूछा था सवालः ज्योतिष्पिठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानन्द ने कहा कि लम्बे समय से गौप्रतिष्ठा आन्दोलन चलाने के बाद उन्होंने समग्र आस्तिक हिन्दू समाज की ओर से प्रयाग महाकुम्भ की समाप्ति पर 33 दिनों के अन्दर भारत के हर स्थापित राजनैतिक दल से गोमाता के बारे में अपने विचार स्पष्ट करने के लिए कहा था. उन्होंने पूछा था कि आप बताएं कि आप गाय के पक्ष में हैं या विपक्ष में? पर किसी भी स्थापित राजनैतिक दल ने उत्तर नहीं दिया. जिसके लिए 17 मार्च को रामलीला मैदान में दिन भर का प्रतीक्षा कार्यक्रम भी रद्द कर दिया गया और राजनैतिक दलों के कार्यालय के दरवाजे पर जाकर पूछने पर भी किसी ने उत्तर नहीं दिया.

shankaracharya avimukteshwarananda announced gau sena kill those who slaughter cows.
शंकराचार्य का गो रक्षा को लेकर बड़ा ऐलान. (photo credit: etv bharat)

इतिहास में पहली बार किसी शंकराचार्य ने दलों से पूछाः उन्होंने कहा कि यह इतिहास का पहला अवसर था जब किसी शङ्कराचार्य ने राजनीतिक दलों के दरवाजे पर जाकर पूछा हो कि गाय के साथ खड़े हो या विरोध में? पर किसी भी राजनैतिक दल ने उत्तर नहीं दिया. भारतीय जनता पार्टी ने तो उन्हें अपने कार्यालय के सामने जाने से भी बैरीकेटिंग कर पुलिस बल द्वारा रोक दिया और उनके कार्यक्रम की मिली हुई अनुमति भी रद्द कर दी.

गाय के बारे में स्पष्ट उत्तर मांगा थाः उन्होंने बताया कि उन्होंने पहले ही कह दिया था कि हमे गाय के बारे में स्पष्ट उत्तर चाहिए, बताओ कि आप हमारी गोमाता को सम्मान देकर भाई बनते हो कि उन्हें मारते-मरवाते रहकर कसाई के रूप में चिह्नित होना चाहते हो? यदि साफ़-साफ़ उत्तर नहीं आता अथवा उत्तर ही नहीं आया तो हम स्पष्ट समझेंगे कि आप गोहत्या को जारी रखते हुए ही राजनीति करना चाहते हैं जैसा कि आज तक यही हुआ है. अतः बार-बार अवसर दिए जाने पर भी देश के स्थापित राजनीतिक दलों द्वारा गोरक्षा-गोसम्मान के प्रश्न पर चुप्पी दर्शाती है कि वे गौरक्षा में कोई रुचि, प्राथमिकता या विश्वास नहीं रखते और उनसे आशा करना अब मूर्खता होगी. विश्वास और आशा भरी जो मूर्खता हम करोड़ों गौभक्त हिन्दू सनातनी 78 से अधिक वर्षों से करते आए उसे अब आगे जारी रखने का कोई अर्थ नहीं है.

मतदाताओं को संकल्पित होना पड़ेगाः उन्होंने कहा कि अब जबकि भारत के सभी स्थापित राजनीतिक दलों से आशा समाप्त हो चुकी है तब गौरक्षा के लिये मतदाताओं को सङ्कल्पबद्ध होना ही एकमात्र उपाय रह जाता है.उन्होंने संकल्प लिया कि वे गौरक्षा के लिए आज से यह प्रण लेते हैं कि प्रत्येक मतदान के अवसर पर मतदान अवश्य करेंगे और उसी पार्टी या प्रत्याशी को मतदान करेंगे जो गोरक्षा सहित समस्त सनातनी मानबिन्दुओं की रक्षा के संकल्प के साथ राजनीति करने के लिए सङ्कल्पबद्ध होगा.

shankaracharya avimukteshwarananda big announcement gau raksha sena attack those who slaughter cows
संतों के साथ विमर्श करते शंकराचार्य. (photo credit: etv bharat)

सनातन की रक्षा का संकल्प लेंः उन्होंने अपने अनुयायियों और अन्य सभी लोगों से अनुरोध भी किया कि वे भी ऐसा ही सङ्कल्प लें जिससे देश में सनातनी राजनीति आगे आए और गौरक्षा सहित सनातन धर्म के समस्त प्रतीकों और सिद्धान्तों रक्षा सम्भव हो सके. शंकराचार्य ने कहा कि यह बहुत गंभीर मुद्दा है, इसके लिए अब रास्ता यही बचता है कि हमारे गौ रक्षों को विशेष ट्रेनिंग दी जाए इसके लिए हम उन्हें ट्रेनिंग देंगे अस्त्र-शस्त्र चलाने की और उसके बाद नोटिस देकर जितने भी बूचड़खाने हैं, उनसे यही कहेंगे कि गायों को काटना बंद कीजिए यदि वह गाय काटते मिलेंगे तो हमारे गौ रक्षक हमला करेंगे.

स्वामी जी ने बताया कि मतदाता किसी ऐसे प्रत्याशी या दल को वोट देने के लिए संकल्पबद्ध होगा तो उसका मत लेने के लिए उसी की विचारधारा का कोई व्यक्ति अथवा दल अवश्य सामने आएगा. आखिर इस देश में 80 करोड़ से अधिक सनातनी रहते हैं तो उनकी आवाज उठाने वाला कोई राजनीतिक दल भी तो होना ही चाहिए. अगर उपस्थित दल यह कार्य कर पाते तो उन्हें अलग दल की आवश्यकता नहीं होती पर उपस्थित सभी स्थापित दल सनातनी मानबिन्दुओं की रक्षा करने में असफल रहे हैं और इच्छुक भी नहीं दिखाई देते. अतः एक विशुद्ध सनातनी राजनीति की धारा हम सनातनी हिन्दुओं को अपेक्षित है.

उन्होंने बताया कि गोप्रतिष्ठा आन्दोलन के अन्तर्गत गठित गोसंसद् और गोसभाओं के माध्यम से देश के सभी 4123 विधानसभा क्षेत्रों में गो विधायकों की नियुक्ति की जा रही है. जिनके देख-रेख में वर्ष के अन्त तक इतने ही रामाधाम तैयार करने का लक्ष्य रखा गया है, ज्ञात हो कि प्रत्येक रामाधाम में 108 रामा गाय विराजेंगी. दूसरे तीसरे और चौथे चरण में चलते हुए पूरे देश में 3 लाख रामाधाम का निर्माण कर समस्त रामा गायों की सेवा का लक्ष्य रखा गया है. शुद्ध देसी नस्ल की गायों (जिनको शंकराचार्य ने रामा नाम दिया गया है) की गायों ममतलब गाय जैसी दिखने वाले पशुओं से पृथक् कर पहचानने के लिए डीएनए टेस्टिंग का कार्य आरम्भ किया जाएगा. इसके लिए वाराणसी में एक रामा प्रयोग सेवालय स्थापित करने का निर्णय लिया गया. जिसकी स्थापना अक्षय तृतीया तक कर ली जाएगी. गौमाता के श्रीविग्रह में विराजमान 33 करोड़ देवों का जागरण-पोषण करने के लिए 33 कोटि आहुतियां देने का कार्यक्रम आरम्भ किया गया है.

ये भी पढ़ेंः अब धरती पर नहीं हवा में उगेगा आलू; नहीं लगेगा कोई रोग, जानिए क्या है ये नई तकनीक?

ये भी पढ़ेंः यूपी में 9 IAS, 3 PCS अफसरों का ट्रांसफर; बी चंद्रकला को दोहरी जिम्मेदारी, गन्ना आयुक्त पीएन सिंह को वेटिंग में डाला

Last Updated : April 15, 2025 at 7:48 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.