शाजापुर: बोलाई गांव में अतिप्राचीन सिद्धवीर हनुमान मंदिर स्थित है. मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी अपने भक्तों की हर इच्छा पूरी करते हैं. इसके साथ ही राजनैतिक हस्तियों का यहां पर आना-जाना लगा रहता है. माना जाता है कि जिस किसी नेता या अन्य व्यक्ति ने सिद्धवीर हनुमान जी महाराज से अर्जी लगाई है वह जरूर पूरी हुई है. इसके साथ ही मंदिर के सामने से गुजरने वाली सभी ट्रेन सिद्धवीर हनुमान जी के सम्मान में अपनी गति पर ब्रेक लगाकर यहां से निकलती हैं या यूं कहें कि हर ट्रेन यहां रूकती है और सिद्धवीर हनुमान जी का सिग्नल मिलने के बाद आगे बढ़ती है.
मनोकामना पूरी होने पर कराते हैं भंडारा
शाजापुर से करीब 35 किमी दूर स्थित ग्राम बोलाई में अति प्राचीन हनुमान मंदिर है. जिसे सिद्धवीर हनुमान के नाम से जाना जाता है. यहां प्रति शनिवार, मंगलवार और बुधवार को भक्तों द्वारा निःशुल्क भंडारा किया जाता है. आए दिन मध्य प्रदेश सहित राजस्थान, महाराष्ट्र समेत कई राज्यों से भक्त अपनी मनोकामना लेकर सिद्धवीर हनुमान जी से अर्जी लगाते हैं. जब उनकी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं तो भक्त मंदिर परिसर में भंडारा करवाते है. यह मंदिर राजनैतिक हस्तियों के लिए भी आस्था का केंद्र है.
तेज रफ्तार ट्रेनों के भी लग जाते हैं ब्रेक
मंदिर के पुजारी हरिनारायण बताते हैं कि "सिद्धवीर हनुमान जी से अर्जी लगाने वाले लोगों का जमावड़ा प्रतिदिन मंदिर में देखने को मिलता है और भक्तों की मुराद पूरी होते ही भक्तजन भंडारा, सुंदरकांड, निशान यात्रा और पोशाक भेंट करते हैं. मंदिर के सामने से गुजरने वाली तेज रफ्तार ट्रेनें भी सिद्धवीर हनुमान जी महाराज के दरबार में हाजिरी भरते हुए रूक जाती हैं और बाबा हनुमान जी के दर्शन के बाद ट्रेनें अपने गंतव्य की ओर बढ़ती हैं."

हनुमान जी के साथ विराजित हैं गणेश भगवान
सिद्धवीर हनुमान मंदिर में राम भक्त हनुमान और गौरी पुत्र गणेश एक ही प्रतिमा में एक साथ दर्शन देते हैं. इसलिए इस स्थान का नाम सिद्धवीर हनुमान मंदिर से प्रसिद्ध है. मंदिर में विराजित राम भक्त हनुमान जी प्रतिमा के दाई ओर गौरी पुत्र गणेश विराजमान हैं. इसलिए यहां पर शनिवार, मंगलवार और बुधवार को हजारों की संख्या में भक्त दर्शनों के लिए आते हैं और अपनी मनोकामनाएं पूर्ण होने पर भंडारे का आयोजन भी करवाते हैं.

इंदौर के रहने वाले निशांत भावसार ने बताया कि "जब भी मौका मिलता है मैं उनके दर्शन करने जरूर जाता हूं. लंबे समय से मैं एक दुविधा में था जो हनुमानजी के दर्शन के बाद दूर हो गई. तब से मैं और मेरा परिवार बोलाई दर्शन के लिए जरूर जाते हैं." हनुमान जयंती पर यहां कई राज्यों से बड़ी संख्या में भक्त पहुंचे हैं.

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सिद्ध है राम भक्त हनुमान का यह मंदिर
वैसे तो मंदिर का कोई प्रमाणित इतिहास नहीं मिलता है लेकिन मंदिर का निर्माण 300 साल पहले ठा. देवीसिंह ने करवाया था. यहां वर्ष 1959 में संत कमलनयन त्यागी ने अपने गृहस्थ जीवन को त्याग कर उक्त स्थान को अपनी तपोभूमि बनाया और यहां पर उन्होंने 24 वर्षों तक कड़ी तपस्या कर सिद्धियां प्राप्त की थी. इसलिए यह मंदिर बहुत ही सिद्ध मंदिर माना जाता है.