शाहपुरा (जयपुर): कस्बे में अलवर तिराहे के पास खेत में बने खुले कुएं में एक युवक गिर गया, जिसे पांच घंटे की कड़ी मशक्कत के बाद निकाला जा सका. उसे अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया. इस घटना ने प्रशासनिक दावे और इंतजाम की पोल खोल दी, जो कुएं बंद करने का दावा कर रहे थे. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान एक भी जिममेदार अधिकारी मौके पर नजर नहीं आया. अधिकारी अपने घरों से फोन पर बचाव अभियान की जानकारी ले रहे थे. वहीं, रेस्क्यू ऑपरेशन में संसाधनों की कमी साफ नजर आई. टॉर्च व गाड़ियों की लाइट में रेस्क्यू ऑपरेशन चला.
थाना प्रभारी हेमराज सिंह ने बताया कि रविवार शाम भोजमेड़ निवासी मुकेश बावरिया के खुले कुएं में गिरने की सूचना मिली. वे जाप्ते, एंबुलेंस और दमकल लेकर तुरंत मौके पर पहुंचे. स्थानीय ग्रामीणों की मदद से कुएं के गिरे युवक को निकालने का प्रयास किया, लेकिन नाकाम रहे. कुएं में जहरीली गैस बनने की सूचना है. इसके बाद पुलिस ने SDRF टीम को सूचना दी. जयपुर से SDRF टीम मौके पर पहुंची और घटना की जानकारी लेकर रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान संसाधनों की कमी खली. देर रात SDRF टीम ने मुकेश को कुएं से निकाल अस्पताल भेजा, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया. पुलिस ने शव मोर्चरी के रखवाया. पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा जाएगा.
सवाल जो मांगते जवाब: अब सवाल यह है कि प्रशासन क्या सिर्फ खेत मालिक को नोटिस देकर कर्तव्य की इतिश्री करेगा या खेत मालिक के साथ उन अधिकारियों भी कार्रवाई करेगा, जिन पर खुले कुएं और बोरिंग की रिपोर्ट बनाकर बंद कराने का जिम्मा था.