देहरादून: देश दुनिया में रोबोट इस्तेमाल करने का प्रचलन तेजी से बढ़ रहा है. इसी क्रम में केरल की एक कंपनी ने रोबोहोल टेक्नोलॉजी तैयार किया है, जिसके जरिए सीवरेज की सफाई आसानी से की जा सकती है. हालांकि, अभी भी उत्तराखंड समेत तमाम राज्यों में सीवरेज की सफाई के लिए सफाई कर्मचारियों को सीवरेज होल में उतारा जाता है. लेकिन अच्छी बात ये है कि इस मशीन के आने से सीवर मैन को अब सीवर में नहीं उतरना पड़ेगा. इसके साथ ही उनकी जान को भी कोई खतरा नहीं रहेगा.
रोबोहोल की खासियत यह है कि इसमें दूषित गैस को चिन्हित करने की क्षमता भी मौजूद है. साथ ही आसानी से सीवरेज होल की सफाई हो सके इसके लिए इसमें जरूरी उपकरण भी लगाए गए हैं. रोबोहोल में एलईडी भी लगाया गया है, जिसके जरिए सीवरेज होल के अंदर कहां सफाई की जानी है, उसको बाहर से साफ-साफ देखा जा सकता है. साथ ही मशीन को बाहर से ही ऑपरेट करते हुए आसानी से सफाई की जा सकती है. रोबोहोल की खासियत है कि वो सीवरेज होल में 30 फीट गहराई तक सफाई कर सकता है. साथ ही करीब 125 किलोग्राम वजन भी उठा सकता है.
वहीं, जेनरोबोटिक्स के रीजनल बिजनेस डेवलपमेंट ऑफिसर गौरी शंकर ने बताया कि ये दुनिया का पहला मैनहोल क्लीनिंग रोबोट है, जिसका साल 2018 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुभारंभ किया था. वर्तमान समय में उनकी कंपनी नमस्ते स्कीम के अंडर में काम कर रही है. अभी तक देश के 19 राज्यों और 3 केंद्र शासित राज्यों में रोबोहोल की सप्लाई कर चुके हैं. साथ ही बताया कि जेम पोर्टल पर ये प्रोडक्ट मौजूद है, जिसकी कीमत करीब 38 लाख रुपए है. जिस तरह सफाई कर्मचारी होल के अंदर जाकर सफाई करता है, उसी तरह ये रोबोट सफाई कर्मचारियों की तरह ही काम करने के लिए डिजाइन किया गया है.

दरअसल, राजधानी देहरादून में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की ओर से दो दिवसीय चिंतन शिविर का आयोजन किया गया. आयोजित इस चिंतन शिविर में सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय के अंतर्गत नेशनल सफाई कर्मचारी फाइनेंस एंड डेवलेपमेंट कॉरपोरेशन की ओर से स्टॉल लगाया गया. जहां पर सफाई कर्मचारियों की सुरक्षा को देखते हुए जेनरोबोटिक्स कंपनी की ओर से रोबो होल की प्रदर्शनी लगाई गई, जहां पर इसकी जानकारी दी गई.
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