अजमेर: आनासागर झील के ढाई सौ बीघा वेटलैंड क्षेत्र में बने सेवन वंडर्स और फूड कोर्ट को तोड़ने के बाद से यूथ कांग्रेस आंदोलनरत है. यूथ कांग्रेस का आरोप है कि नियमों के खिलाफ सेवन वंडर बनाकर तत्कालीन जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों ने भ्रष्टाचार किया. इस मुद्दे को लेकर यूथ कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने अजमेर नगर निगम के 80 वार्ड की जनता तक जाने का निश्चय किया है. बुधवार को अजमेर में आगरा गेट गणेश मंदिर से यूथ कांग्रेस ने 'अजमेर बचाओ, भ्रष्टाचारी भगाओ' आंदोलन की शुरुआत की. गणेश मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद नारियल फोड़ कर नगर निगम के 80 वार्डों के लिए रथ को भी रवाना किया गया.
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों से हो रिकवरी: अजमेर शहर जिला कांग्रेस कमेटी के निवर्तमान अध्यक्ष विजय जैन ने कहा कि आनासागर झील के वेटलैंड क्षेत्र में अजमेर स्मार्ट सिटी लिमिटेड की ओर से किए गए निर्माण कार्यों को अधिकारी अपने दम पर नहीं कर सकते. कहीं ना कहीं उन्हें तत्कालीन समय के जनप्रतिनिधियों की सरपरस्ती मिली है. ऐसे अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से जनता के पैसों के नुकसान की भरपाई, उनकी संपत्तियों और वेतन और पेंशन से की जानी चाहिए. वहीं जनप्रतिनिधियों की भूमिका को भी बेनकाब करना चाहिए.
अब होगा जनांदोलन: यूथ कांग्रेस के जिला अध्यक्ष मोहित मल्होत्रा ने बताया कि यूथ कांग्रेस एक माह से लगातार आंदोलन कर रही है, लेकिन बीजेपी सरकार ने अभी तक किसी भी अधिकारी की जवाब देही तय नहीं की है. यूथ कांग्रेस अब इस आंदोलन को जन आंदोलन बनाने जा रही है. आगामी 24 अप्रैल को जिला मुख्यालय के बाहर बड़ा आंदोलन होगा. इसकी तैयारी यूथ कांग्रेस ने 'अजमेर बचाओ, भ्रष्टाचारी भगाओ' अभियान से की गई है. अजमेर नगर निगम के 80 वार्डों में यूथ कांग्रेस की ओर से तैयार रथ जाएगा और आमजन को भी मुद्दे के साथ जोड़ा जाएगा.
यूथ कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष लोकेश शर्मा ने कहा कि 120 करोड़ रुपए की जनता की गाड़ी मेहनत की कमाई पर भ्रष्टाचार अधिकारियों ने नेताओं की शह पर किया है. दोषी अधिकारियों और नेताओं के चेहरे जनता के सामने आने चाहिए. तत्कालीन समय के जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को मालूम था कि आनासागर में जहां निर्माण करवाया जा रहा है, वहां पर नॉन कंस्ट्रक्शन जोन है. इसके बावजूद नियम कायदों को तक में रखकर वहां पर सेवन वंडर बना दिया गया. इस तरह जनता के पैसे बर्बाद कर दिए गए. सेवेन वंडर्स और फूड कोर्ट पर बुलडोजर चला इनका निर्माण जनता के पैसे से हुआ था.
गौरतलब है कि अजमेर में आनासागर झील में ढाई सौ बीघा जमीन वेटलैंड घोषित है. यह क्षेत्र नॉन कंस्ट्रक्शन जोन है. बावजूद इसके वेटलैंड क्षेत्र में सेवन वंडर बना दिया गया. मामला जब देश की सर्वोच्च अदालत तक पहुंचा, तो अदालत के आदेश से 100 करोड़ की लागत से बना सेवेन वंडर्स और 20 करोड़ की लागत से बना फूड कोर्ट तोड़ दिया गया.