करनाल: हरियाणा सरकार द्वारा हाल ही में हुए विधानसभा सत्र के दौरान हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सैनी द्वारा हरियाणा के किसानों के हित में एक बिल लाया गया. जिसको पास कर दिया गया है. यह बिल सीड्स एवं पेस्टिसाइड एक्ट 2025 लागू किया गया है. इस बिल को लागू करने का मुख्य उद्देश्य यह है कि किसानों से पिछले काफी समय से सरकार को शिकायत मिल रही थी, कि जब वह खेती करते हैं, तो खेती में बीज उत्पादन को या पेस्टिसाइड निर्माता और विक्रेताओं द्वारा उनको नकली बीज और दवा दी जाती है. जिससे उनको काफी नुकसान होता है. इसी के चलते सरकार द्वारा यह बिल पास किया गया है.
7 दिन की सांकेतिक हड़ताल: यह बिल पास करने के बाद हरियाणा प्रदेश में बीज उत्पादन को पेस्टीसाइड निर्माता वह विक्रेताओं द्वारा रविवार के दिन कुरुक्षेत्र की सैनी धर्मशाला में एक प्रदेश स्तरीय मीटिंग का आयोजन किया गया. जहां पर फैसला लिया गया कि सरकार के बिल के विरोध में 7 दिन की सांकेतिक हड़ताल करेंगे. जिसमें पूरे हरियाणा में कोई भी खाद एवं बीज विक्रेता किसानों को बीज और खाद नहीं देगा. अगर 7 दिनों के अंदर सरकार अपने बिल वापस नहीं लेती तो यह अनिश्चितकाल के लिए भी हड़ताल हो सकती है.
किसानों ने सरकार के फैसले का किया स्वागत: खाद्य एवं बीज विक्रेताओं द्वारा हड़ताल के ऐलान के बाद जब किसानों से बातचीत की गई, तो किसानों ने कहा कि सरकार का यह फैसला काफी अच्छा है. जिसकी वह प्रशंसा करते हैं. क्योंकि जब किसान खेती करता है, तो उसमें बहुत से ऐसे मामले सामने आते हैं, जहां उनका असली बीज, खाद और दवा की वजह नकली बीज और दवाई दी जाती है. जिसके चलते उनकी फसल को काफी नुकसान होता है. उन्होंने कहा कि कुछ किसान नकली बीज का शिकार हो जाते हैं. उनके खेत में या तो बीज का जर्मिनेशन नहीं होता या फिर उस पर फल नहीं आता. इसके चलते उनका लाखों रुपये का नुकसान होता है.
'किसानों के हित में कानून': किसानों का कहना है कि सरकार को इस नियम को सख्ती के साथ लागू करना चाहिए. क्योंकि यह किसानों के हित में है. हरियाणा में बड़े स्तर पर खेती की जाती है. ऐसे में किसानों की हालत सुधारने के लिए सरकार का यह अच्छा फैसला है. लेकिन इस पर सख्ती के साथ लागू करने की जरूरत है. किसानों का कहना है कि अगर खाद और बीज बेचने वाले अच्छा काम करते हैं, तो उनको घबराने की क्या जरूरत है.
'सरकार को फैसले पर अडिग रहने की जरूरत': किसानों ने कहा कि जब वह सरकार से यह बिल वापस लेने की बात कर रहे हैं. तो इसका मतलब यह है कि वह जानबूझकर किसानों को नुकसान करने के लिए नकली खाद और दवाइयां दे रहे हैं. वहीं, किसानों का कहना है कि उनसे दाम भी अच्छे लिए जाते हैं. लेकिन उनको नकली बीज और खाद दिया जाता है. लेकिन जब सरकार ने यह बिल पेश करके उसको लागू कर दिया है, तो ऐसे में अब नकली खाद और दवाई का काम करने वाले घबराने लगे हैं. अब सरकार को अपने फैसले पर अडिग रहने की जरूरत है.
क्यों किया जा रहा बिल का विरोध: हरियाणा सीड्स प्रोड्यूसर संगठन के प्रदेश अध्यक्ष पाल सिंह धालीवाल ने बताया कि सरकार द्वारा जो यह बिल लाया गया है. इसमें नकली खाद्य दवाई बेचने पर 3 साल की जेल का प्रावधान रखा गया है. उन्होंने कहा कि हम जेल वाले फैसले का विरोध कर रहे हैं. जिसके चलते हमने 7 दिन की सांकेतिक हड़ताल का ऐलान किया है. उन्होंने कहा कि अगर कोई बीज नकली है, तो उसके जर्मिनेशन का 3 दिन में ही पता लग जाता है. तो ऐसे में किसान शिकायत कर सकता है. उससे उसके पैसे का भुगतान हो सकता है. लेकिन 3 दिन के बदले 3 साल की जेल यह सही नहीं है, जिसका वह विरोध कर रहे हैं.
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