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UKSSSC कैसे कराएगा बिना सचिव ये महत्वपूर्ण परीक्षाएं? जिम्मेदारी मिलते ही लंबी छुट्टी का आया आवेदन, जानें पूरा मामला - UKSSSC

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के सचिव ने लंबी छुट्टी के लिए आवेदन किया. ऐसे में बिना सचिव के परीक्षाएं आयोजित करना बड़ी चुनौती है.

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UKSSSC कैसे कराएगा बिना सचिव ये महत्वपूर्ण परीक्षाएं (PHOTO-ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : June 1, 2025 at 10:47 PM IST

3 Min Read

देहरादून: उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पर प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी रूप से कराए जाने की जिम्मेदारी है. लेकिन यदि आयोग में अहम जिम्मेदारियों पर ही अफसर मौजूद ना हो, तो ये कैसे संभव होगा. यही सवाल उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) में सचिव की गैर मौजूदगी के कारण उठाए जा रहे हैं. स्थिति ये है कि मुख्यमंत्री राज्य में रिक्त पदों पर समयबद्ध परीक्षाएं कराने के निर्देश दे रहे हैं और आयोग में सचिव लंबी छुट्टी का आवेदन दे चुके हैं.

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तमाम परीक्षा कार्यक्रमों के अनुरूप तैयारी में जुटा हुआ है. आयोग द्वारा जारी किए गए परीक्षा कार्यक्रमों के अनुसार जून महीने में ही टंकण एवं आशुलेखन (Typing and Stenography) परीक्षा आयोजित की जानी है. इसी तरह महीने के अंत में वन दारोगा की भी लिखित परीक्षा प्रस्तावित है. इतना ही नहीं, जुलाई में पुलिस विभाग की बड़ी परीक्षा होनी है. जबकि पशुपालन और दूसरे विभागों से जुड़े रिक्त पदों के साथ स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के लिए भी कार्यक्रम तय किया गया है. यह सभी परीक्षाएं अगले 3 महीने के दौरान होनी हैं. जिस पर आयोग को अभी से ही तैयारी में जुटना है.

हालांकि, आयोग के लिए इस तरह की परीक्षाओं को करवाना कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस बार परेशानी यह है कि आयोग में सचिव ही नहीं है. दरअसल, 10 मई को शासन ने कई अधिकारियों के तबादले किए थे. जिसमें आईएएस अफसरों के साथ पीसीएस और सचिवालय सेवा के अधिकारी भी शामिल थे. इसी सूची में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में सचिव पद पर तैनात सुरेंद्र सिंह रावत को हटाकर पीसीएस अधिकारी विप्रा त्रिवेदी को जिम्मेदारी दी गई थी. विप्रा इससे पहले गढ़वाल मंडल विकास निगम में जीएम पद पर थीं.

परेशानी तब बढ़ी जब विप्रा त्रिवेदी ने आयोग में नई जिम्मेदारी पर ज्वाइन करने के साथ ही लंबी छुट्टी का आवेदन दे दिया. इसके साथ ही आयोग में सचिव पद पर तैनाती होने के बावजूद यह पद खाली हो गया. सचिव की छुट्टी को लेकर आयोग के अध्यक्ष ने पुष्टि की है.

जाहिर है कि युवाओं के रोजगार से जुड़े इन महत्वपूर्ण आयोगों में किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ी जा सकती. ऐसे में जरूरत है कि आयोग में तुरंत इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था बनाई जाए या नए अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाए. आयोग में इस स्थिति के चलते शासन स्तर पर तैयार की जाने वाली तबादला सूची भी सवालों में आती है.

वहीं पिछले दिनों में सचिवालय सेवा के अधिकारियों ने सचिवालय से बाहर महत्वपूर्ण पदों को लेकर अपना दावा किया था. यूकेएसएसएससी सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों को लेकर सचिवालय संघ और पीसीएस संघ ने चिट्ठी भी लिखी थी. ऐसे में पहली बार यूकेएसएसएससी सचिव पद पर पीसीएस अफसर की तैनाती की है.

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देहरादून: उत्तराखंड में यूकेएसएसएससी पर प्रतियोगी परीक्षाओं को पारदर्शी रूप से कराए जाने की जिम्मेदारी है. लेकिन यदि आयोग में अहम जिम्मेदारियों पर ही अफसर मौजूद ना हो, तो ये कैसे संभव होगा. यही सवाल उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (UKSSSC) में सचिव की गैर मौजूदगी के कारण उठाए जा रहे हैं. स्थिति ये है कि मुख्यमंत्री राज्य में रिक्त पदों पर समयबद्ध परीक्षाएं कराने के निर्देश दे रहे हैं और आयोग में सचिव लंबी छुट्टी का आवेदन दे चुके हैं.

उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग तमाम परीक्षा कार्यक्रमों के अनुरूप तैयारी में जुटा हुआ है. आयोग द्वारा जारी किए गए परीक्षा कार्यक्रमों के अनुसार जून महीने में ही टंकण एवं आशुलेखन (Typing and Stenography) परीक्षा आयोजित की जानी है. इसी तरह महीने के अंत में वन दारोगा की भी लिखित परीक्षा प्रस्तावित है. इतना ही नहीं, जुलाई में पुलिस विभाग की बड़ी परीक्षा होनी है. जबकि पशुपालन और दूसरे विभागों से जुड़े रिक्त पदों के साथ स्नातक स्तरीय परीक्षाओं के लिए भी कार्यक्रम तय किया गया है. यह सभी परीक्षाएं अगले 3 महीने के दौरान होनी हैं. जिस पर आयोग को अभी से ही तैयारी में जुटना है.

हालांकि, आयोग के लिए इस तरह की परीक्षाओं को करवाना कोई नई बात नहीं है. लेकिन इस बार परेशानी यह है कि आयोग में सचिव ही नहीं है. दरअसल, 10 मई को शासन ने कई अधिकारियों के तबादले किए थे. जिसमें आईएएस अफसरों के साथ पीसीएस और सचिवालय सेवा के अधिकारी भी शामिल थे. इसी सूची में उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में सचिव पद पर तैनात सुरेंद्र सिंह रावत को हटाकर पीसीएस अधिकारी विप्रा त्रिवेदी को जिम्मेदारी दी गई थी. विप्रा इससे पहले गढ़वाल मंडल विकास निगम में जीएम पद पर थीं.

परेशानी तब बढ़ी जब विप्रा त्रिवेदी ने आयोग में नई जिम्मेदारी पर ज्वाइन करने के साथ ही लंबी छुट्टी का आवेदन दे दिया. इसके साथ ही आयोग में सचिव पद पर तैनाती होने के बावजूद यह पद खाली हो गया. सचिव की छुट्टी को लेकर आयोग के अध्यक्ष ने पुष्टि की है.

जाहिर है कि युवाओं के रोजगार से जुड़े इन महत्वपूर्ण आयोगों में किसी भी तरह की कमी नहीं छोड़ी जा सकती. ऐसे में जरूरत है कि आयोग में तुरंत इस महत्वपूर्ण जिम्मेदारी के लिए कोई अतिरिक्त व्यवस्था बनाई जाए या नए अधिकारी को जिम्मेदारी दी जाए. आयोग में इस स्थिति के चलते शासन स्तर पर तैयार की जाने वाली तबादला सूची भी सवालों में आती है.

वहीं पिछले दिनों में सचिवालय सेवा के अधिकारियों ने सचिवालय से बाहर महत्वपूर्ण पदों को लेकर अपना दावा किया था. यूकेएसएसएससी सचिव जैसे महत्वपूर्ण पदों को लेकर सचिवालय संघ और पीसीएस संघ ने चिट्ठी भी लिखी थी. ऐसे में पहली बार यूकेएसएसएससी सचिव पद पर पीसीएस अफसर की तैनाती की है.

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