कोरिया : एसईसीएल बैकुंठपुर क्षेत्र की कॉलोनियों से निकलने वाले गंदे पानी के ट्रीटमेंट के लिए करोड़ों रुपए की लागत से सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट बनने थे. ये प्लांट चरचा, पांडवपारा झिलमिली और कटकोना में बनाए जा रहे थे.लेकिन तीन साल बाद भी ये प्लांट अधूरे हैं. कॉलोनी में जगह-जगह सेप्टिक टैंक खुले पड़े हैं जिसमें गिरकर मवेशी या बच्चे के साथ हादसा हो सकता है.
डैम के पानी को दूषित नहीं करने की अपील : कोरिया में गंदे पानी के लिए ट्रीटमेंट के लिए चरचा में 6.41 करोड़ की लागत से 15 लाख लीटर क्षमता वाले तीन प्लांट बनने थे, ताकि खदान और आवासों से दूषित पानी को साफ करके उसे जलाशय में मिलाया जाए. लेकिन इसके बाद भी गंदा पानी झुमका जलाशय में पहुंच रहा है.कोरिया कलेक्टर चंदन संजय त्रिपाठी ने बताया कि खदान और निस्तार का पानी झुमका जलाशय को प्रदूषित न करें. इसे लेकर एसईसीएल के अधिकारियों को पहले भी नोटिस जारी किया गया था.
अंबिकापुर से आई पर्यावरण विभाग की टीम ने भी इसकी दो बार जांच की है. दोनों बार स्थितियां सामान्य पाई गई हैं. तीसरी सैंपलिंग के लिए निर्देश दिए गए हैं. रिपोर्ट आने पर एसईसीएल के अधिकारियों पर कार्रवाई की जाएगी- चंदन संजय त्रिपाठी,कलेक्टर

आपको बता दें कि प्रस्तावित प्लांट्स से हर दिन 27 लाख 50 हजार लीटर गंदे पानी को साफ कर दैनिक उपयोग के लिए सप्लाई करने की योजना बनी थी. लेकिन चरचा कॉलरी के कोयला खदान और आवासों से निकलने वाला गंदा पानी झुमका जलाशय में मिल रहा है.
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