पटना: बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर सत्ता पक्ष यानी एनडीए में सीट समझौते पर मुहर लगती दिख रही है. सभी दलों के बीच सीट शेयरिंग फॉर्मूले पर सहमति बन गई है. जल्द दी घटक दलों की ओर से औपचारिक ऐलान हो सकता है. आज केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने भी संकेत दिए हैं कि अगले महीने तक इसकी घोषणा कर दी जाएगी.
क्या होगा फॉर्मूला?: एनडीए सूत्रों के मुताबिक बिहार एनडीए में सीटों का फॉर्मूला तय हो गया है. जनता दल यूनाइटेड के खाते में 102 से 103 और भारतीय जनता पार्टी के हिस्से में 101 से 102 सीटें आ सकती हैं. चिराग पासवान की पार्टी को 25 से 28 और जीतनराम मांझी की पार्टी को 6, जबकि उपेंद्र कुशवाहा को 4 से 5 सीट मिल सकती है.

पुराने समीकरण पर ही बनेगी बात: लोकसभा चुनाव में बीजेपी और विधानसभा चुनाव में जेडीयू अधिक सीटों पर लड़ती रही है. लोकसभा चुनाव 2024 बिहार में बीजेपी ने 17 सीट, जेडीयू ने 16 सीट, एलजेपीआर ने 5 सीट और जीतनराम मांझी और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी ने एक-एक सीट पर चुनाव लड़ा था. ऐसे में माना जा रहा है कि आगामी विधानसभा चुनाव में बीजेपी, जेडीयू से एक या दो अधिक सीटों पर लड़ेगी.

क्या बोले जीतन राम मांझी?: एनडीए के सीट बंटवारे पर जीतनराम मांझी ने बड़ा बयान दिया है. मांझी ने कहा कि सीटों को लेकर अब तक कोई बात नहीं हुई है. एनडीए में सीटों को लेकर कोई परेशानी नहीं है. जुलाई या अगस्त तक सीट का बंटवारा कर लिया जाएगा.
''सबको लड़ने और जीतने लायक सीट मिलेगी. हम लोग 243 सीटों पर चुनाव लड़ेंगे, क्योंकि लड़ना भी है और लड़ाना भी है. एनडीए को जीताना है और नरेन्द्र मोदी के हाथ को मजबूत करना है.'' - जीतन राम मांझी, संरक्षक, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा

क्या था 2020 का सीट शेयरिंग फॉर्मूला?: 2020 बिहार विधानसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के तहत जेडीयू को 122 और बीजेपी को 121 सीटें मिली थीं. जेडीयू ने अपने कोटे से हम पार्टी को 7 और बीजेपी ने अपने कोटे से 11 सीटें मुकेश सहनी को दी थी. वहीं, चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर चुनाव लड़ा था. उन्होंने उन तमाम सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे, जहां जेडीयू के कैंडिडेट थे.

कितनी सीटों पर कौन जीते?: बीजेपी ने 74 सीटों पर जीत हासिल की थी, जबकि जेडीयू को मात्र 43 सीटों पर जीत मिली. वहीं जीतनराम मांझी और मुकेश सहनी को 4-4 सीटों पर जीत हासिल हुई. चिराग के खाते में सिर्फ एक सीट मिली. वहीं, उपेंद्र कुशहावा ने बीएसपी और एआईएमआईएम के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था लेकिन उनका खाता भी नहीं खुला.
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