वाराणसी : कैंट रेलवे स्टेशन की साइंटिफिक स्टडी करायी जा रही है. ऐसा पहली बार हो रहा है. इसकी जिम्मेदारी सरकार ने राइटस संस्था को दी है. इस स्टडी से रेलवे स्टेशन पर होने वाली भीड़ का सटीक आंकड़ा सामने आ सकेगा.
AI तकनीक से प्लेटफार्म पर कब कितने पैसेंजर्स का आना-जाना होता है, यह भी पता चल सकेगा. इस क्राउड मैनेजमेंट से हादसों पर नियंत्रण रखने में आसानी होगी और साथ ही यात्रियों को सुविधायें भी मिल सकेंगी.
बता दें कि सरकार ने दिल्ली रेलवे स्टेशन पर भगदड़ के बाद इस स्टडी की मंजूरी दी है. वाराणसी और अयोध्या रेलवे स्टेशन पर स्टडी किया जायेगा. भीड़ मैनेजमेंट के साथ रेलवे स्टेशन को एक नये मॉडल के साथ पेश किया जायेगा.
कैंट स्टेशन के स्टेशन डायरेक्टर अर्पित गुप्ता ने बताया कि रेलवे क्राउड मैनेजमेंट से रिलेटेड एक शोध करवा रहा है, जिसके तहत राइट्स को एक साइंटिफिक स्टडी करने के लिए कहा गया है. शोध में इस बात का अध्ययन होगा कि रेलवे स्टेशन पर जो क्राउड आता है वह कैसे आता है, परिसर में कहां पर आता है, उसका मैनेजमेंट कैसे हो सकता है.
AI तकनीक से लैस होगा रेलवे स्टेशन : उन्होंने बताया कि इस स्टडी के होने से हमें सबसे बड़ा फायदा यह होगा कि हमारे पास जो वर्तमान समय में रेलवे पर आ रही क्राउड का डाटा है वह और भी ज्यादा साइंटिफिक हो जाएगा, हमें भीड़ प्रबंधन में बेहद सहायता मिलेगी.
उन्होंने बताया कि जब सटीक डाटा आयेगा, तो हमें यह पता चल पायेगा कि हमारे पास वास्तव में भीड़ कितनी है. इसके साथ ही राइट्स के द्वारा भी यहां पर कैमरे लगाये जायेंगे जो AI से कनेक्ट होंगे. इससे पता चलेगा कि किस प्लेटफॉर्म पर ज्यादा भीड़ होती है यह क्राउड कहां से एकम्युलेट होता है. कितने देर रहती है और किस-किस पॉइंट पर ज्यादा रहती है.
नई सुविधा में स्टडी बनेगी मील का पत्थर : अर्पित गुप्ता ने बताया, डाटा के बाद हमें रेलवे स्टेशन के मैनेजमेंट में सबसे ज्यादा लाभ मिलेगा. हम रेलवे स्टेशन को मॉडिफाई कर एयरपोर्ट की तर्ज पर डेवलप करने की प्लानिंग बना रहे हैं और इस ड्राफ्ट के लिए हमें इस डाटा की जरूरत है.
इन सब को देखकर रेलवे स्टेशन पर बैरिकेडिंग, होल्डिंग एरिया, पार्किंग की अन्य नई सुविधा देने की योजना बना रहा है. इस नए मॉडल के साथ हम आवश्यकता अनुसार स्टाफ भी बढ़ायेंगे. वाराणसी स्टेशन पर साइंटिफिक स्टडी पहली बार हो रही है.