ETV Bharat / state

बच गयी 140 बच्चों की जान, प्रार्थना के तुरंत बाद भरभराकर गिरी स्कूल की छत - ROOF FALLING IN BANKA

बांका में शिक्षा विभाग की लापरवाही के कारण बच्चों की जान जा सकती थी. गनिमत रही कि प्रार्थना खत्म होने के बाद घटना हुई.

School Building Roof Falling In Banka
बांका में स्कूल भवन का छत गिरा (ETV Bharat)
author img

By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 8, 2025 at 11:12 AM IST

3 Min Read

बांका: 'स्कूल की छत जर्जर है..' इसको लेकर वरीय पदाधिकारी से कई बार शिकायत की गयी. ई-शिक्षा पोर्टल पर भी समस्या को लेकर जानकारी अपलोड की गयी लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगा. इसका खामियाजा उस वक्त भुगतना पड़ा जब स्कूल में बच्चे प्रार्थना कर रहे हैं. प्रार्थना खत्म कर बच्चे अपने-अपने क्लास में गए ही थे कि स्कूल की छत भरभराकर गिरने लगा.

स्कूल का भवन कमजोर: कुछ देर के लिए स्कूल परिसर में हड़कंप मच गया, बच्चे डर गए. यह डर एक दिन की नहीं बल्कि कई दिनों से है, क्योंकि काफी लंबे समय से स्कूल भवन की छत कमजोर और जर्जर हो गयी है. ऐसा नहीं है कि यहां के अधिकारियों को स्कूल की स्थिति के बारे में नहीं पता है. इससे पहले अधिकारियों का निरीक्षण भी किया गया था लेकिन रिजल्ट कुछ नहीं निकला.

स्कूल की जर्जर छत दिखाते शिक्षक (ETV Bharat)

स्कूल में 140 बच्चे: फुल्लीडुमर प्रखंड के मध्य विद्यालय तेलिया में करीब 140 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. सोमवार को सभी बच्चे समय से स्कूल पहुंच गए थे. इसके बाद सभी प्रार्थना के लिए स्कूल के बरामदा में जमा हुए थे. प्रार्थना के बाद जैसे ही बच्चे अपने क्लास में गए बरामदे की छत टूटकर गिरने लगी. कुछ ही सेंकेंड में बरामदे में ईंट-पत्थर की ढेर लग गयी.

डर का माहौल: स्कूल के बच्चे बताते हैं कि पिछले एक महीवे से भवन सुरक्षित नहीं है. आए दिन रोज हादसे की आशंका रहती है. शिक्षक और प्रभारी प्रधानाध्यापक भी हर समय आशंकित रहते हैं कि कहीं कोई टुकड़ा किसी के सिर पर न गिर जाए. बरामदे की हालत भी बेहद खराब है.

4 कमरे में बच्चों की पढ़ाई: विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव ठाकुर बताते हैं कि काफी लंबे समय से यह समस्या है. स्कूल में चार कमरे हैं. जगह कम पड़ने के कारण बच्चों को बरामदे में भी बैठाया जाता है लेकिन जब से स्थिति खराब हो गयी है तब से चार कमरे में ही सभी छात्र-छात्राओं को बिठाया जा रहा है.

"एमडीएम के समय बच्चों को बैठाने की जगह नहीं रहती. पहले बरामदे पर भी पढ़ाई होती थी लेकिन अब खतरे के कारण वहां बच्चों को नहीं बैठाया जाता. चार कमरों में ही सभी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है." -राजीव ठाकुर, प्रभारी प्रधानाध्यापक

पहले भी हो चुकी है घटना: विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव ठाकुर के साथ शिक्षक अगम कुमार झा, मधु कुमारी, नैना देवी, बिना कुमारी, प्रशांत कुमार, शबनम कुमारी और पूजा कुमारी प्रतिनियुक्त हैं. शिक्षक बताते हैं कि जुलाई 2023 में पहली बार छत गिरी थी तब कई अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. इसके बाद भी मरम्मत की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया.

क्या कहते हैं अधिकारी: प्रधानाध्यापक ने बताया कि कई बार शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर मरम्मत की मांग की लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. शिक्षक अभिभावक दोनों नाराज हैं. इधर, बीईओ ने भी बताया कि वरीय अधिकारी को जानकारी दी गयी है. निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

"पहले भी वरीय अधिकारियों को जानकारी दी गई थी. ई-शिक्षा पोर्टल पर भी स्थिति अपलोड की गई है. विभागीय निर्देश मिलते ही मरम्मत का काम शुरू होगा." -मनोज प्रभाकर, बीईओ, फुल्लीडुमर, बांका

ये भी पढ़ें: बिहार के 469 शिक्षकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, एक्शन में शिक्षा विभाग के ACS

बांका: 'स्कूल की छत जर्जर है..' इसको लेकर वरीय पदाधिकारी से कई बार शिकायत की गयी. ई-शिक्षा पोर्टल पर भी समस्या को लेकर जानकारी अपलोड की गयी लेकिन अधिकारियों के कान पर जूं तक नहीं रेंगा. इसका खामियाजा उस वक्त भुगतना पड़ा जब स्कूल में बच्चे प्रार्थना कर रहे हैं. प्रार्थना खत्म कर बच्चे अपने-अपने क्लास में गए ही थे कि स्कूल की छत भरभराकर गिरने लगा.

स्कूल का भवन कमजोर: कुछ देर के लिए स्कूल परिसर में हड़कंप मच गया, बच्चे डर गए. यह डर एक दिन की नहीं बल्कि कई दिनों से है, क्योंकि काफी लंबे समय से स्कूल भवन की छत कमजोर और जर्जर हो गयी है. ऐसा नहीं है कि यहां के अधिकारियों को स्कूल की स्थिति के बारे में नहीं पता है. इससे पहले अधिकारियों का निरीक्षण भी किया गया था लेकिन रिजल्ट कुछ नहीं निकला.

स्कूल की जर्जर छत दिखाते शिक्षक (ETV Bharat)

स्कूल में 140 बच्चे: फुल्लीडुमर प्रखंड के मध्य विद्यालय तेलिया में करीब 140 छात्र-छात्राएं पढ़ाई करते हैं. सोमवार को सभी बच्चे समय से स्कूल पहुंच गए थे. इसके बाद सभी प्रार्थना के लिए स्कूल के बरामदा में जमा हुए थे. प्रार्थना के बाद जैसे ही बच्चे अपने क्लास में गए बरामदे की छत टूटकर गिरने लगी. कुछ ही सेंकेंड में बरामदे में ईंट-पत्थर की ढेर लग गयी.

डर का माहौल: स्कूल के बच्चे बताते हैं कि पिछले एक महीवे से भवन सुरक्षित नहीं है. आए दिन रोज हादसे की आशंका रहती है. शिक्षक और प्रभारी प्रधानाध्यापक भी हर समय आशंकित रहते हैं कि कहीं कोई टुकड़ा किसी के सिर पर न गिर जाए. बरामदे की हालत भी बेहद खराब है.

4 कमरे में बच्चों की पढ़ाई: विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव ठाकुर बताते हैं कि काफी लंबे समय से यह समस्या है. स्कूल में चार कमरे हैं. जगह कम पड़ने के कारण बच्चों को बरामदे में भी बैठाया जाता है लेकिन जब से स्थिति खराब हो गयी है तब से चार कमरे में ही सभी छात्र-छात्राओं को बिठाया जा रहा है.

"एमडीएम के समय बच्चों को बैठाने की जगह नहीं रहती. पहले बरामदे पर भी पढ़ाई होती थी लेकिन अब खतरे के कारण वहां बच्चों को नहीं बैठाया जाता. चार कमरों में ही सभी बच्चों को पढ़ाया जा रहा है." -राजीव ठाकुर, प्रभारी प्रधानाध्यापक

पहले भी हो चुकी है घटना: विद्यालय में प्रभारी प्रधानाध्यापक राजीव ठाकुर के साथ शिक्षक अगम कुमार झा, मधु कुमारी, नैना देवी, बिना कुमारी, प्रशांत कुमार, शबनम कुमारी और पूजा कुमारी प्रतिनियुक्त हैं. शिक्षक बताते हैं कि जुलाई 2023 में पहली बार छत गिरी थी तब कई अधिकारी निरीक्षण के लिए पहुंचे थे. इसके बाद भी मरम्मत की दिशा में कोई कदम नहीं उठाया गया.

क्या कहते हैं अधिकारी: प्रधानाध्यापक ने बताया कि कई बार शिक्षा विभाग को पत्र भेजकर मरम्मत की मांग की लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. शिक्षक अभिभावक दोनों नाराज हैं. इधर, बीईओ ने भी बताया कि वरीय अधिकारी को जानकारी दी गयी है. निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

"पहले भी वरीय अधिकारियों को जानकारी दी गई थी. ई-शिक्षा पोर्टल पर भी स्थिति अपलोड की गई है. विभागीय निर्देश मिलते ही मरम्मत का काम शुरू होगा." -मनोज प्रभाकर, बीईओ, फुल्लीडुमर, बांका

ये भी पढ़ें: बिहार के 469 शिक्षकों पर लटकी कार्रवाई की तलवार, एक्शन में शिक्षा विभाग के ACS

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.