
मध्य प्रदेश बीजेपी नेता का निधन, दिल्ली एम्स में शंकरलाल तिवारी ने ली अंतिम सांस
सतना के कद्दावर नेता व बीजेपी के पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी का निधन, दिल्ली एम्स में ली अंतिम सांसे.

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team
Published : October 12, 2025 at 5:35 PM IST
सतना: बीजेपी के पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी का इलाज के दौरान निधन हो गया. इस दुखद खबर के बाद सतना में शोक की लहर है. पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी सतना विधानसभा क्षेत्र से तीन बार विधायक रह चुके हैं. उन्हें गरीबों व सर्वहारा के नेता के रूप में जाना जाता था. एक जमीनी नेता के रूप में हमेशा लोगों के बीच मौजूद रहते थे. बताया जा रहा है कि दिल्ली एम्स में इलाज के दौरान रविवार को उनका निधन हुआ.
विंध्य के कद्दावर नेता, शिवराज सिंह भी देखने पहुंचे थे
विंध्य क्षेत्र के सतना की राजनीति में शंकर लाल तिवारी एक कद्दावर नेता माने जाते थे. वे सतना विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी से तीन बार विधायक रह चुके हैं. लंबी बीमारी के बाद दिल्ली एम्स में रविवार को उन्होंने आखिरी सांस ली. पूर्व विधायक शंकर लाल तिवारी करीब एक माह से सामान्य रूप से बीमार चल रहे थे. डॉक्टर ने सोडियम की कमी बताई थी. बीते दिनों सतना हॉस्पिटल में उन्हें देखने के लिए केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान भी 11 सितंबर को अस्पताल पहुंचे थे. जहां उन्होंने बीजेपी नेता का हाल जानकर दिल्ली एम्स ले जाने की सलाह दी थी.

दिल्ली एम्स में हुआ निधन
जिसके बाद उन्हें दिल्ली एम्स लाया गया था. जहां उनका इलाज चल रहा था. वहीं रविवार को करीब 2:30 बजे पूर्व विधायक की हालत गंभीर होने पर उन्हें आईसीयू में शिफ्ट किया गया, जहां ऑक्सीजन लगाने के पहले ही उन्होंने अंतिम सांस ली. करीब एक सप्ताह से पूर्व विधायक मौन हो चुके थे और कुछ बोल भी नहीं पा रहे थे. बीजेपी नेता के निधन की खबर के बाद भाजपा के सभी कार्यक्रम निरस्त कर दिए गए.

शंकर लाल तिवारी का पार्थिव शरीर दिल्ली से आज सतना के लिए रवाना होगा. सोमवार सुबह शहर के बीच सुभाष पार्क में बने उनके निजी निवास में पार्थिव शरीर लाया जाएगा. उसके बाद उनके आगे की अंतिम यात्रा की तैयारी परिवार के द्वारा की जाएगी.
सतना में पत्नी और बच्चों के साथ रहते थे
शंकर लाल तिवारी बेबाक शैली के लिए जाने जाते थे. इनका जन्म 8 अप्रैल 1953 को चकदही गांव में हुआ था. सतना शहर के बीच सुभाष चौक पर पुस्तैनी मकान में बना हुआ है. जहां वह अपने परिवार पत्नी सुषमा तिवारी, तीन बेटे राजनारायण तिवारी, आशीष तिवारी, पुनीत तिवारी एवं बहु नाती पोतों के साथ में रहते थे.

मीसाबंदी के रूप में 18 माह जेल में रहे
जानकारी के मुताबिक शंकर लाल बचपन से ही संघ से जुड़े थे. सन 1975 तक स्थानीय स्तर पर युवा व बेबाक नेता की छवि बना चुके थे. वे आपातकाल में जेल भी गए थे. जिसमें मीसाबंदी के रूप में 18 माह तक जेल में उनका समय बिता. शंकरलाल को रीवा, टीकमगढ़ और सतना की जेल में रखा गया था. जब वह जेल से बाहर आए तो संघ और भाजपा की राजनीति में सक्रियता बढ़ा दी.
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पहला चुनाव निर्दलीय, बाद में बीजेपी से बने विधायक
इसके बाद जिलास्तर पर पार्टी में विभिन्न पदों पर दायित्व निभाते रहे. पूर्व विधायक शंकर लाल ने पहला चुनाव 1998 में निर्दलीय लड़ा था. उसके बाद 2003, 2008 और 2013 में भाजपा से चुनावी मैदान में रहे. तीन बार लगातार सतना विधानसभा क्षेत्र से विधायक चुने गए. वह हमेशा जमीनी नेता के रूप में देखे गए.

