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बिहार के हिमांशु ने 'मंडला कला' से बनाई अंतरराष्ट्रीय पहचान, 'तंत्र-मंत्र' वाली पेंटिंग की लाखों में कीमत - MANDALA ART

'मंडला कला' में माहिर हिमांशु तंत्र-मंत्र की पेंटिंग बनाता है. ऐक्रेलिक रंगों से इसे 3डी का रूप दिया है, जिसकी कीमत लाखों में है.

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मंडला आर्ट में माहिर सासाराम का हिमांशु (ETV Bharat GFX)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : April 26, 2025 at 8:46 PM IST

Updated : April 26, 2025 at 8:56 PM IST

6 Min Read

सासाराम: बिहार के सासाराम का रहने वाला 26 वर्षीय हिमांशु कुमार भारतीय संस्कृति की प्राचीन 'मंडला कला' को जीवित करने में लगा हुआ है. हजारों साल पुरानी इस पौराणिक कला को आधुनिक डिजाइन का तड़का लगाकर मंडला आर्ट को वह प्रस्तुत रहा है. ऐसे में हिमांशु ने बिहार की मिट्टी से जुड़ते हुए एक ऐसी पारंपरिक कला को नई पहचान दी है, जिस वजह से अंतरराष्ट्रीय मंच पर बिहार का नाम रौशन हो रहा है.

'मंडला कला' से बनाई अंतरराष्ट्रीय पहचान: मंडला आर्ट असल में पूरी तरह से प्राचीन कला है लेकिन खासकर बौद्ध धर्म में इस कला का मेडिटेशन के लिए उपयोग किया जाता रहा है. बड़ी बात यह है कि हिमांशु ने अमेरिका और ब्रिटेन के कई शैक्षणिक संस्थानों से ऑनलाइन इस कला को सीखा है और इसे पुनर्स्थापित करने की कोशिश में लगे हैं. हिमांशु का मंडला आर्ट से पहली बार परिचय भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उनके प्रोफेसर के माध्यम से हुआ. इसके बाद उन्होंने इस कला में गहराई से सीखने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ एरीजोना जैसी विदेशी संस्थानों से ऑनलाइन क्लासेज की.

मंडला आर्ट कलाकार हिमांशु कुमार (ETV Bharat GFX)

बौद्ध धर्म से हुई थी उत्पत्ति: हिमांशु कुमार बताते हैं कि यूनिवर्सिटी ऑफ एरीजोना से ही मंडला आर्ट का अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और वैज्ञानिक पहलू भी उनको जानने को मिला. वे कहते हैं कि पारंपरिक मंडल आर्ट की उत्पत्ति बौद्ध धर्म से मानी जाती है. बौद्ध भिक्षु साल में एक पूरा महीना इस कला को बनाकर ध्यान और पूजा पाठ में इसका इस्तेमाल करते हैं. यह कला मानसिक शांति, एकाग्रता और आत्मसंयम का एक सशक्त जरिया है.

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बौद्ध धर्म में मेडिटेशन के लिए मंडला कला का इस्तेमाल (ETV Bharat GFX)

क्या हैं मंडला आर्ट?: हिमांशु बताते हैं कि मंडला आर्ट एक ज्यामितीय कला रूप है, जो आमतौर पर गोलाकार या वर्ग आकार में होता है. यह एक केंद्र बिंदु से शुरू होकर विभिन्न आकृतियों और डिजाइनों से बना होता है, जो पूरे रूप में फैले होते हैं. वे कहते हैं कि मंडल शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है वृत्त या चक्र.

ETV Bharat GFX
ETV Bharat GFX (ETV Bharat)

मंडला आर्ट का उपयोग आमतौर पर ध्यान विश्राम और कला चिकित्सा के लिए किया जाता है. यह माना जाता है कि यह तनाव चिंता और अवसाद को कम करने में इससे मदद मिलती है. मंडला आर्ट का इतिहास बौद्ध और हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है. इन धर्म में मंडला का उपयोग ध्यान केंद्रित करने ब्रह्मांड का प्रतिनिधित्व करने और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए किया जाता है.

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ETV Bharat GFX (ETV Bharat)

ऐक्रेलिक रंगों से दिया 3डी का रूप: हिमांशु कुमार बताते हैं कि पारंपरिक मंडला आर्ट पहले अबीर चावल और प्राकृतिक रंगों से बनाई जाती थी लेकिन उन्होंने इसे एक्रेलिक रंगों, आधुनिक डिजाइन तकनीक और मल्टी लेयर विजन से तैयार करना शुरू किया है. जिस वजह से उनका बनाया हुआ आर्टवर्क 3डी प्रभाव भी देता है, जो न केवल सुंदर दिखता है, बल्कि गहराई और ज्ञान का अनुभव भी करता है.

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ETV Bharat GFX (ETV Bharat)

मंडला आर्ट थेरेपी से छूमंतर हो जाएगा स्ट्रेस: मंडला आर्ट थेरेपी, तनाव और एंजायटी दूर करने में काफी कारगर है. इस आर्ट की मदद से आप अपने मन को शांत कर सकते हैं. साथ ही मानसिक सेहत को तो अच्छा कर ही सकते हैं, साथ ही खुद को अधिक समय तक शांत भी रख सकते हैं. एक स्टडी में पाया गया है कि मंडला आर्ट तनाव और एंजायटी दूर करने में काफी मददगार है जब आप मंडला आर्ट बना रहे होते हैं तो उसकी बारीकियों के कारण पूरा ध्यान आर्ट पर रहता है और इससे कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होता है, जिससे तनाव दूर होने लगता है.

नींद की समस्या से भी इस आर्ट की वजह से निजात मिलती है. स्ट्रेस की वजह से अगर आप रात में सो नहीं पाते हैं तो सोने से कुछ देर पहले एक मंडला आर्ट बना लें, अपने पसंद के ज्योमैट्रिकल शेप में से बना सकते हैं, इससे आप बेहतर महसूस करेंगे और आपकी नींद की समस्या भी दूर होगी.

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मंडला आर्ट एक ज्यामितीय कला (ETV Bharat GFX)

भारत से इन देशों में पहुंची यह कला: चीन, जापान और बर्मा (म्यांमार) जैसे देशों में भारत से ही निकल कर यह कला पहुंची और वहां इसका काफी महत्व है. भारत के प्राचीन मंदिरों और बौद्ध मठों, बौद्ध विहार में इस कला का नमूना देखा जा सकता है. इस कला को ब्रह्मांड के केंद्र के रूप में धार्मिक रूप से लोग मान्यता देते रहे हैं. खासकर ध्यान योग करने वालों के लिए यह मंडला कला काफी प्रभावशाली है.

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से पेंटिंग की बिक्री: हिमांशु कुमार बताते हैं कि प्राचीन काल के इस कला को पूरी तरह से आधुनिक डिजिटल मशीनों के माध्यम से निर्माण किया जा रहा है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश-प्रदेश ही नहीं दुनिया भर के मार्केट में इसकी सासाराम से ही खरीद-बिक्री की जा रही है. वे कहते हैं कि मेरा मकसद दुनिया के मंच पर मंडला आर्ट को पहुंचाना है.

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हिमांशु की शानदार कलाकृति (ETV Bharat GFX)

पहले परिवार ने भी नहीं दिया साथ: आज हिमांशु को मंडला आर्ट में अच्छी-खासी पहचान मिल चुकी है. हालांकि उनका सफर आसान नहीं रहा है. हिमांशु ने 3 साल पहले जब इस मंडला आर्ट को बनाना शुरू किया तो उनके पिता को यह बात अच्छी नहीं लगी. पिता ने कहा कि बेकार का पैसा बर्बाद कर रहे हो लेकिन फिर भी हिमांशु ने हिम्मत नहीं हारी और वह लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे. आज उनकी बनाई हुई पेंटिंग को सात समंदर पार भी मुंह मांगी कीमत के साथ-साथ प्रशंसा भी मिल रही है.

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प्राचीन कला है मंडला आर्ट (ETV Bharat GFX)

'बिहार से जुड़ी रही है मंडला कला': हिमांशु कहते हैं कि यह कला बिहार की मौलिक पहचान है लेकिन यहां के लोग ही इसके महत्व से अनजान हैं. बिहार के लोगों को इस कला के बारे में जानना और अपनाना चाहिए. इस पर गर्व भी करना चाहिए ताकि मंडला आर्ट को बिहार से एक नई पहचान मिले.

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मंडला आर्ट कलाकार हिमांशु (ETV Bharat GFX)

"स्थानीय स्तर पर इसे और आगे ले जाने की जरूरत है. हिंदू और बौद्ध माइथॉलजी में इसे काफी पवित्र माना जाता है. इस कला को आगे बढ़ाने के साथ-साथ इसको सीधे रोजगार से जोड़ने की जरूरत है, ताकि नई पीढ़ी के लोग इसकी ओर आकर्षित हो और एक प्राचीन धरोहर को बचाया जा सके. नए लड़कों को भी वह इस कला को सिखा रहे हैं. बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने फिलहाल इसे बढ़ावा देने के लिए मुझे ऋण भी उपलब्ध कराया है"- हिमांशु कुमार, कलाकार, मंडला आर्ट

ये भी पढ़ें: पटना की कृतिका की अनोखी कलाकृति, इस उपलब्धि के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम

सासाराम: बिहार के सासाराम का रहने वाला 26 वर्षीय हिमांशु कुमार भारतीय संस्कृति की प्राचीन 'मंडला कला' को जीवित करने में लगा हुआ है. हजारों साल पुरानी इस पौराणिक कला को आधुनिक डिजाइन का तड़का लगाकर मंडला आर्ट को वह प्रस्तुत रहा है. ऐसे में हिमांशु ने बिहार की मिट्टी से जुड़ते हुए एक ऐसी पारंपरिक कला को नई पहचान दी है, जिस वजह से अंतरराष्ट्रीय मंच पर बिहार का नाम रौशन हो रहा है.

'मंडला कला' से बनाई अंतरराष्ट्रीय पहचान: मंडला आर्ट असल में पूरी तरह से प्राचीन कला है लेकिन खासकर बौद्ध धर्म में इस कला का मेडिटेशन के लिए उपयोग किया जाता रहा है. बड़ी बात यह है कि हिमांशु ने अमेरिका और ब्रिटेन के कई शैक्षणिक संस्थानों से ऑनलाइन इस कला को सीखा है और इसे पुनर्स्थापित करने की कोशिश में लगे हैं. हिमांशु का मंडला आर्ट से पहली बार परिचय भीमराव अंबेडकर विश्वविद्यालय में पढ़ाई के दौरान उनके प्रोफेसर के माध्यम से हुआ. इसके बाद उन्होंने इस कला में गहराई से सीखने के लिए यूनिवर्सिटी ऑफ एरीजोना जैसी विदेशी संस्थानों से ऑनलाइन क्लासेज की.

मंडला आर्ट कलाकार हिमांशु कुमार (ETV Bharat GFX)

बौद्ध धर्म से हुई थी उत्पत्ति: हिमांशु कुमार बताते हैं कि यूनिवर्सिटी ऑफ एरीजोना से ही मंडला आर्ट का अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण और वैज्ञानिक पहलू भी उनको जानने को मिला. वे कहते हैं कि पारंपरिक मंडल आर्ट की उत्पत्ति बौद्ध धर्म से मानी जाती है. बौद्ध भिक्षु साल में एक पूरा महीना इस कला को बनाकर ध्यान और पूजा पाठ में इसका इस्तेमाल करते हैं. यह कला मानसिक शांति, एकाग्रता और आत्मसंयम का एक सशक्त जरिया है.

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बौद्ध धर्म में मेडिटेशन के लिए मंडला कला का इस्तेमाल (ETV Bharat GFX)

क्या हैं मंडला आर्ट?: हिमांशु बताते हैं कि मंडला आर्ट एक ज्यामितीय कला रूप है, जो आमतौर पर गोलाकार या वर्ग आकार में होता है. यह एक केंद्र बिंदु से शुरू होकर विभिन्न आकृतियों और डिजाइनों से बना होता है, जो पूरे रूप में फैले होते हैं. वे कहते हैं कि मंडल शब्द संस्कृत से लिया गया है, जिसका अर्थ है वृत्त या चक्र.

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ETV Bharat GFX (ETV Bharat)

मंडला आर्ट का उपयोग आमतौर पर ध्यान विश्राम और कला चिकित्सा के लिए किया जाता है. यह माना जाता है कि यह तनाव चिंता और अवसाद को कम करने में इससे मदद मिलती है. मंडला आर्ट का इतिहास बौद्ध और हिंदू धर्म से जुड़ा हुआ है. इन धर्म में मंडला का उपयोग ध्यान केंद्रित करने ब्रह्मांड का प्रतिनिधित्व करने और आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करने के लिए किया जाता है.

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ऐक्रेलिक रंगों से दिया 3डी का रूप: हिमांशु कुमार बताते हैं कि पारंपरिक मंडला आर्ट पहले अबीर चावल और प्राकृतिक रंगों से बनाई जाती थी लेकिन उन्होंने इसे एक्रेलिक रंगों, आधुनिक डिजाइन तकनीक और मल्टी लेयर विजन से तैयार करना शुरू किया है. जिस वजह से उनका बनाया हुआ आर्टवर्क 3डी प्रभाव भी देता है, जो न केवल सुंदर दिखता है, बल्कि गहराई और ज्ञान का अनुभव भी करता है.

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मंडला आर्ट थेरेपी से छूमंतर हो जाएगा स्ट्रेस: मंडला आर्ट थेरेपी, तनाव और एंजायटी दूर करने में काफी कारगर है. इस आर्ट की मदद से आप अपने मन को शांत कर सकते हैं. साथ ही मानसिक सेहत को तो अच्छा कर ही सकते हैं, साथ ही खुद को अधिक समय तक शांत भी रख सकते हैं. एक स्टडी में पाया गया है कि मंडला आर्ट तनाव और एंजायटी दूर करने में काफी मददगार है जब आप मंडला आर्ट बना रहे होते हैं तो उसकी बारीकियों के कारण पूरा ध्यान आर्ट पर रहता है और इससे कॉर्टिसोल हार्मोन का स्तर कम होता है, जिससे तनाव दूर होने लगता है.

नींद की समस्या से भी इस आर्ट की वजह से निजात मिलती है. स्ट्रेस की वजह से अगर आप रात में सो नहीं पाते हैं तो सोने से कुछ देर पहले एक मंडला आर्ट बना लें, अपने पसंद के ज्योमैट्रिकल शेप में से बना सकते हैं, इससे आप बेहतर महसूस करेंगे और आपकी नींद की समस्या भी दूर होगी.

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मंडला आर्ट एक ज्यामितीय कला (ETV Bharat GFX)

भारत से इन देशों में पहुंची यह कला: चीन, जापान और बर्मा (म्यांमार) जैसे देशों में भारत से ही निकल कर यह कला पहुंची और वहां इसका काफी महत्व है. भारत के प्राचीन मंदिरों और बौद्ध मठों, बौद्ध विहार में इस कला का नमूना देखा जा सकता है. इस कला को ब्रह्मांड के केंद्र के रूप में धार्मिक रूप से लोग मान्यता देते रहे हैं. खासकर ध्यान योग करने वालों के लिए यह मंडला कला काफी प्रभावशाली है.

ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म से पेंटिंग की बिक्री: हिमांशु कुमार बताते हैं कि प्राचीन काल के इस कला को पूरी तरह से आधुनिक डिजिटल मशीनों के माध्यम से निर्माण किया जा रहा है. ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के माध्यम से देश-प्रदेश ही नहीं दुनिया भर के मार्केट में इसकी सासाराम से ही खरीद-बिक्री की जा रही है. वे कहते हैं कि मेरा मकसद दुनिया के मंच पर मंडला आर्ट को पहुंचाना है.

Mandala Art
हिमांशु की शानदार कलाकृति (ETV Bharat GFX)

पहले परिवार ने भी नहीं दिया साथ: आज हिमांशु को मंडला आर्ट में अच्छी-खासी पहचान मिल चुकी है. हालांकि उनका सफर आसान नहीं रहा है. हिमांशु ने 3 साल पहले जब इस मंडला आर्ट को बनाना शुरू किया तो उनके पिता को यह बात अच्छी नहीं लगी. पिता ने कहा कि बेकार का पैसा बर्बाद कर रहे हो लेकिन फिर भी हिमांशु ने हिम्मत नहीं हारी और वह लगातार अपने लक्ष्य की ओर बढ़ते रहे. आज उनकी बनाई हुई पेंटिंग को सात समंदर पार भी मुंह मांगी कीमत के साथ-साथ प्रशंसा भी मिल रही है.

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प्राचीन कला है मंडला आर्ट (ETV Bharat GFX)

'बिहार से जुड़ी रही है मंडला कला': हिमांशु कहते हैं कि यह कला बिहार की मौलिक पहचान है लेकिन यहां के लोग ही इसके महत्व से अनजान हैं. बिहार के लोगों को इस कला के बारे में जानना और अपनाना चाहिए. इस पर गर्व भी करना चाहिए ताकि मंडला आर्ट को बिहार से एक नई पहचान मिले.

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मंडला आर्ट कलाकार हिमांशु (ETV Bharat GFX)

"स्थानीय स्तर पर इसे और आगे ले जाने की जरूरत है. हिंदू और बौद्ध माइथॉलजी में इसे काफी पवित्र माना जाता है. इस कला को आगे बढ़ाने के साथ-साथ इसको सीधे रोजगार से जोड़ने की जरूरत है, ताकि नई पीढ़ी के लोग इसकी ओर आकर्षित हो और एक प्राचीन धरोहर को बचाया जा सके. नए लड़कों को भी वह इस कला को सिखा रहे हैं. बिहार सरकार के उद्योग विभाग ने फिलहाल इसे बढ़ावा देने के लिए मुझे ऋण भी उपलब्ध कराया है"- हिमांशु कुमार, कलाकार, मंडला आर्ट

ये भी पढ़ें: पटना की कृतिका की अनोखी कलाकृति, इस उपलब्धि के लिए इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ नाम

Last Updated : April 26, 2025 at 8:56 PM IST
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