शिमला: हिमाचल प्रदेश विधानसभा का बजट सत्र चल रहा है. सीएम सुक्खू विधानसभा में वित्त वर्ष 2025-26 का बजट पेश करने के लिए काफिले के साथ विधानसभा पहुंचे थे. मुख्यमंत्री बजट पेश करने के लिए अपनी ऑल्टो कार से खुद ड्राइव करके विधानसभा पहुंचे थे.
मुख्यमंत्री लगातार तीसरी बार अपनी 22 साल पुरानी ऑल्टो कार में बजट पेश करने के लिए विधानसभा पहुंचे. ऐसे में एक बार फिर सीएम की सफेद रंग की ऑल्टो कार चर्चा का विषय बन गई. अब इस कार को लेकर सीएम विपक्षियों के निशाने पर आ गए.
आज बजट पर चर्चा में भाग लिया। pic.twitter.com/FNzWSLQQOy
— sudhir sharma (@sudhirhp) March 19, 2025
सुधीर शर्मा ने साधा निशाना
सीएम की ऑल्टो कार को लेकर बीजेपी विधायक सुधीर शर्मा ने विधानसभा में निशाना साधा. उन्होंने कहा कि, ' मुख्यमंत्री कहते हैं कि मैं ऑल्टो कार में आता हूं, क्योंकि मैं सामान्य आदमी से जुड़ा हूं. मुझे नहीं पता कि एक सामान्य वाहन की आयु कितनी होती है. ये परिवहन मंत्री बताएंगे, लेकिन मैंने पढ़ा है कि एक वाहन की आयु 15 साल ही है, लेकिन सीएम जिस वाहन में आते हैं उसकी आयु 22 साल है. ये माननीय मुख्यमंत्री सुरक्षा से खिलवाड़ कर रहे हैं. सीएम को उससे इतना प्यार है तो उसका एक टॉय मॉडल रख लीजिए काम करते हुए सामान्य आम व्यक्ति की चिंता रहेगी. उससे बेहतर है कि उसका एक लॉकेट बनाकर डाल लीजिए इससे सोते समय भी 24 घंटे लोगों की चिंता करेंगे.'
रणधीर शर्मा ने कसा तंज
रणधीर शर्मा ने कहा कि, 'जब बजट पर चर्चा शुरू हुई तो मुख्यमंत्री आम आदमी को ये जताना चाहते थे कि ये बजट आम जनता के लिए है. इस दौरान उन्होंने तंज कसते हुए कहा कि मैं सिर्फ इतना कहना चाहता हूं कि इससे पहले भी एक मुख्यमंत्री थे, जो वैगनआर कार से विधानसभा आते थे और आम आदमी के बजट की बात करते थे, लेकिन जब धरातल पर वास्तविक काम नहीं हुआ तो जनता ने उनकी नाटकबाजी को नकार दिया और उनकी सरकार चली गई. इसलिए मुख्यमंत्री को पता होना चाहिए कि दिखावे से कुछ हासिल नहीं होगा. वास्तविक रूप में काम करिए, जनता को लाभ पहुंचाइए. सिर्फ दिखावटी कार्यों और स्वयं को बहलाने से कुछ भी प्राप्त नहीं होगा.'
मैं आम आदमी का दर्द जानता हूं: सीएम
वहीं, सीएम सुक्खू विपक्ष के आरोपों पर कहा कि, 'मैं एक दिन ऑल्टो में आता हूं बिल्कुल सही है, लेकिन उसमें जाता नहीं हूं. इसमे कोई दोराय नहीं है. मैं पहले से ही बजट वाले दिन ऑल्टो में आता रहा हूं. मैं आदमी का दर्द जानता हूं, जब तक हम आम आदमी का दर्द दूर न करे दें उस दर्द को हम सीने में छिपा कर याद रखे हुए हैं. आम आदमी का दर्द सीने में होता है और दिमाग और सीने में आम आदमी को लेकर योजनाएं होती हैं और इसे लेकर ही आगे का बजट पेश करते हैं.'