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आगरा के संजलि हत्याकांड में 6 साल बाद आया फैसला; चचेरे भाई ने जिंदा जलाया था, मां बोली- हत्यारों को फांसी हो - SANJALI MURDER CASE AGRA

आगरा के संजलि हत्याकांड मामले में कोर्ट ने दो आरोपियों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.

आगरा के संजलि हत्याकांड में आया फैसला.
आगरा के संजलि हत्याकांड में आया फैसला. (Photo Credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : March 19, 2025 at 10:03 AM IST

4 Min Read

आगरा: आगरा के बहुचर्चित संजलि हत्याकांड में मंगलवार को एडीजे कोर्ट के जज नीतिन कुमार ठाकुर ने फैसला सुनाया. न्यायधीश ने इस मामले में 6 साल की सुनवाई के बाद दो आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही दोनों दोषियों पर 5.23 लाख का अर्थदंड भी लगाया है. इस मामले का मुख्य आरोपी योगेश पहले ही आत्महत्या कर चुका है. योगेश ने ही अपनी चचेरी बहन संजलि को जिंदा जलाकर मार डाला था.

संजलि की मां ने कहा- हत्यारे को फांसी मिलनी चाहिए. (Video Credit: ETV Bharat)

संजलि के माता-पिता पिछले 6 साल से यह केस लड़ रहे हैं. फैसले के बाद संजलि की मां अनीता ने कहा कि हत्यारों को उम्रकैद नहीं, बल्कि फांसी होनी चाहिए थी. कहा कि हमें कोर्ट पर भरोसा था कि फांसी की सजा मिलेगी, लेकिन नहीं मिली. हम चाहते हैं कि जिस तरह से हमारी बेटी ने तड़प- तड़पकर, मेरी गोद में दम तोड़ा था, उसी तरह आरोपी भी तड़पकर मरें. मगर, कोर्ट ने उन्हें आजीवन कैद की सजा दी है. हम लोग मेहनत करके कमाने, खाने वाले हैं, लेकिन हाईकोर्ट जाएंगे, ताकि उन्हें फांसी की सजा मिले.

गवाही और साक्ष्यों से मिली सजा : अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सत्य प्रकाश धाकड़ ने बताया कि पूरे मामले में पुलिस ने माता-पिता, भाई समेत 100 से अधिक गवाह बनाए. सबूत के तौर पर घटना में इस्तेमाल बाइक, पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज, पीजी कॉलेज के स्काउट एंड गाइड की कार्यशाला से 17 और 18 की अनुपस्थिति, संजलि को लिखे गए योगेश के पत्र, डिजिटल साक्ष्य न्यायालय में पेश किए गए. एडीजे नितिन कुमार ठाकुर की कोर्ट ने मंगलवार को सभी गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आकाश और विजय को दोषी मानकर दोनों को आजीवन कारावास और 5.23 लाख का जुर्माना लगाया.

क्या था पूरा मामला : 18 दिसंबर 2018 की है. मलपुरा थाना क्षेत्र के गांव लालऊ की 15 वर्षीय संजलि दसवीं की छात्रा थी. संजलि स्कूल से घर लौट रही थी. गांव से पास ही रास्ते में बाइक सवार दो लोगों ने उसे रोका और उसके ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा दी. संजलि बुरी तरह से झुलस गई. उसे गंभीर हालत में एसएन मेडिकल कालेज इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के सफदरगंज में भर्ती कराया गया. जहां, 19 दिसंबर को संजलि की मौत हो गई. इस मामले खूब राजनीति गरमाई. हंगामा भी हुआ. संजलि की मौत के बाद उसके ताउ के लड़के योगेश ने आत्महत्या कर ली थी. पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया और दो आरोपी आकाश और विजय को जेल भेज दिया था.


संजलि के ताऊ का लड़का था मुख्य आरोपी : मलपुरा थाना पुलिस ने जब संजलि ह़त्याकांड का खुलासा किया तो सभी हैरान रहे गए थे. संजलि की हत्या का मुख्य आरोपी उसके ताऊ का बेटा योगेश था. पुलिस ने खुलासा किया था कि योगेश अपनी चचेरी बहन संजलि से एकतरफा प्यार करता था. पहले दोनों में दोस्ती थी. मगर, संजलि ने उससे बात करनी बंद की तो योगेश नाराज हो गया. उसने साजिश में साथी विजय और आकाश को शामिल किया. इसके बाद मलपुरा नहर के पास योगेश के इशारे पर बाइक पर पेट्रोल का डिब्बा लेकर खड़े आकाश ने संजलि की साइकिल के आगे बाइक लगा दी. इस पर योगेश ने उसके ऊपर पेट्रोल छिड़का और लाइटर से आग लगा दी. इसके बाद आकाश और योगेश मौके से भाग गए, जबकि विजय वहीं रुक गया था.

योगेश ने कर लिया था सुसाइड : अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सत्य प्रकाश धाकड़ ने बताया कि संजलि ने अपनी मौत से पहले मजिस्ट्रेट को बयान दिए थे. बयान के आधार पर इस मामले की जांच की गई. हत्या के मामले में खुद को फंसता देखकर घबराए योगेश ने अपनी जान दे दी थी. ऐसे में पुलिस ने इस मामले में आकाश और विजय को गिरफ्तार करके जेल भेजा. कुछ महीने बाद जमानत पर दोनों जेल से बाहर आ गए थे.

यह भी पढ़ें: लखनऊ में मर्चेंट नेवी के कैप्टन ने की आत्महत्या, संदिग्ध परिस्थितियों में बेड रूम में मिला शव - NAVY CAPTAIN KILLED HIMSELF

आगरा: आगरा के बहुचर्चित संजलि हत्याकांड में मंगलवार को एडीजे कोर्ट के जज नीतिन कुमार ठाकुर ने फैसला सुनाया. न्यायधीश ने इस मामले में 6 साल की सुनवाई के बाद दो आरोपियों को दोषी करार दिया और उन्हें आजीवन कारावास की सजा सुनाई. इसके साथ ही दोनों दोषियों पर 5.23 लाख का अर्थदंड भी लगाया है. इस मामले का मुख्य आरोपी योगेश पहले ही आत्महत्या कर चुका है. योगेश ने ही अपनी चचेरी बहन संजलि को जिंदा जलाकर मार डाला था.

संजलि की मां ने कहा- हत्यारे को फांसी मिलनी चाहिए. (Video Credit: ETV Bharat)

संजलि के माता-पिता पिछले 6 साल से यह केस लड़ रहे हैं. फैसले के बाद संजलि की मां अनीता ने कहा कि हत्यारों को उम्रकैद नहीं, बल्कि फांसी होनी चाहिए थी. कहा कि हमें कोर्ट पर भरोसा था कि फांसी की सजा मिलेगी, लेकिन नहीं मिली. हम चाहते हैं कि जिस तरह से हमारी बेटी ने तड़प- तड़पकर, मेरी गोद में दम तोड़ा था, उसी तरह आरोपी भी तड़पकर मरें. मगर, कोर्ट ने उन्हें आजीवन कैद की सजा दी है. हम लोग मेहनत करके कमाने, खाने वाले हैं, लेकिन हाईकोर्ट जाएंगे, ताकि उन्हें फांसी की सजा मिले.

गवाही और साक्ष्यों से मिली सजा : अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सत्य प्रकाश धाकड़ ने बताया कि पूरे मामले में पुलिस ने माता-पिता, भाई समेत 100 से अधिक गवाह बनाए. सबूत के तौर पर घटना में इस्तेमाल बाइक, पेट्रोल पंप के सीसीटीवी फुटेज, पीजी कॉलेज के स्काउट एंड गाइड की कार्यशाला से 17 और 18 की अनुपस्थिति, संजलि को लिखे गए योगेश के पत्र, डिजिटल साक्ष्य न्यायालय में पेश किए गए. एडीजे नितिन कुमार ठाकुर की कोर्ट ने मंगलवार को सभी गवाहों और साक्ष्यों के आधार पर आकाश और विजय को दोषी मानकर दोनों को आजीवन कारावास और 5.23 लाख का जुर्माना लगाया.

क्या था पूरा मामला : 18 दिसंबर 2018 की है. मलपुरा थाना क्षेत्र के गांव लालऊ की 15 वर्षीय संजलि दसवीं की छात्रा थी. संजलि स्कूल से घर लौट रही थी. गांव से पास ही रास्ते में बाइक सवार दो लोगों ने उसे रोका और उसके ऊपर ज्वलनशील पदार्थ छिड़ककर आग लगा दी. संजलि बुरी तरह से झुलस गई. उसे गंभीर हालत में एसएन मेडिकल कालेज इमरजेंसी में भर्ती कराया गया. बेहतर इलाज के लिए दिल्ली के सफदरगंज में भर्ती कराया गया. जहां, 19 दिसंबर को संजलि की मौत हो गई. इस मामले खूब राजनीति गरमाई. हंगामा भी हुआ. संजलि की मौत के बाद उसके ताउ के लड़के योगेश ने आत्महत्या कर ली थी. पुलिस ने इस मामले का खुलासा किया और दो आरोपी आकाश और विजय को जेल भेज दिया था.


संजलि के ताऊ का लड़का था मुख्य आरोपी : मलपुरा थाना पुलिस ने जब संजलि ह़त्याकांड का खुलासा किया तो सभी हैरान रहे गए थे. संजलि की हत्या का मुख्य आरोपी उसके ताऊ का बेटा योगेश था. पुलिस ने खुलासा किया था कि योगेश अपनी चचेरी बहन संजलि से एकतरफा प्यार करता था. पहले दोनों में दोस्ती थी. मगर, संजलि ने उससे बात करनी बंद की तो योगेश नाराज हो गया. उसने साजिश में साथी विजय और आकाश को शामिल किया. इसके बाद मलपुरा नहर के पास योगेश के इशारे पर बाइक पर पेट्रोल का डिब्बा लेकर खड़े आकाश ने संजलि की साइकिल के आगे बाइक लगा दी. इस पर योगेश ने उसके ऊपर पेट्रोल छिड़का और लाइटर से आग लगा दी. इसके बाद आकाश और योगेश मौके से भाग गए, जबकि विजय वहीं रुक गया था.

योगेश ने कर लिया था सुसाइड : अपर जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) सत्य प्रकाश धाकड़ ने बताया कि संजलि ने अपनी मौत से पहले मजिस्ट्रेट को बयान दिए थे. बयान के आधार पर इस मामले की जांच की गई. हत्या के मामले में खुद को फंसता देखकर घबराए योगेश ने अपनी जान दे दी थी. ऐसे में पुलिस ने इस मामले में आकाश और विजय को गिरफ्तार करके जेल भेजा. कुछ महीने बाद जमानत पर दोनों जेल से बाहर आ गए थे.

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