धमतरी: छत्तीसगढ़ में धमतरी जिले के बिजनापुरी गांव की महिलाएं संबलपुरी साड़ी बुनकर आत्मनिर्भर बन रही हैं. खास बात यह है कि अब महिलाओं के पास साल भर रोजगार है, जबकि पहले सिर्फ 4 महीने खेती बाड़ी के दौरान ही महिलाओं को काम मिलता था.
महिलाओं को सालभर रोजगार दिलाने का उद्देश्य: ये सभी महिलाएं सहकारी समिति मर्यादित बिजनापुरी से जुड़कर काम कर रही हैं. इस समिति के प्रबंधक अवधराम देवांगन ने बताया कि महिलाओं को साल भर रोजगार दिलाने के उद्देश्य से 27 फरवरी साल 2018 में समिति का गठन किया गया.
धमतरी की बिजनापुरी बुनकर समिति में 230 लोग: अवधराम देवांगन ने बताया कि सात साल हो चुके हैं. 24 बुनकरों से समिति शुरू हुई. फिलहाल 230 लोग काम कर रहे हैं. इनमें आसपास के करीब 6 किलोमीटर के दायरे के गांव की 180 महिलाएं हैं. स्कूल यूनिफार्म, वर्दी, हॉस्पिटल बेडशीट, ट्राइबल बेडशीट बनाई जाती है. महिलाओं को 200-300 रुपए तक की ही आय हो पाती थी.

अब हुनरमंद महिलाओं को ज्यादा पारिश्रमिक दिलाने के उद्देश्य से बाजार से हमने कुछ व्यापारियों से टाइअप किया है. अब संबलपुरी साड़ी के लिए भी टाइअप किया है. महिलाओं को ट्रेनिंग दी गई है. अब महिलाएं दिन में एक साड़ी बना लेती हैं और करीब 300 से 350 रुपए कमा रही हैं. स्किल डेवलप होने पर महिलाएं 1000 से 1200 रुपए तक कमा सकती हैं-अवधराम देवांगन, प्रबंधक, सहकारी समिति मर्यादित बिजनापुरी
साड़ी बनाकर महिलाओं की हो रही अच्छी इनकम: बुनकर का काम कर रही महिलाएं भी खुश हैं. महिलाओं ने बताया कि गांव में बुनकर समिति से जुड़कर उन्हें काफी लाभ मिल रहा है. उन्हें रोजगार मिला, इससे जो आमदनी होती है, उससे घर चलाने में मदद मिलती है. बच्चों के स्कूल की फीस और उनके स्वयं का खर्च भी इससे चल जाता है. महीने में दस हजार रुपए कमा लेती हैं. अब संबलपुरी साड़ी निर्माण होने से उन्हें काफी अच्छा लग रहा है. एक साड़ी बनाने में एक दिन का समय लग जाता है. 300 से 350 रुपए तक रोजाना मिल जाता है. लगभग 700 रुपये में एक संबलपुरी साड़ी बिकती है.

हम साड़ी बना रहे हैं. बूटी, फूल वाली के साथ ही संबलपुरी साड़ी बना रहे हैं. एक साड़ी बनाने में एक दिन लगता है. दस हजार रुपए महीना कमाई हो जाती है-रामेश्वरी देवांगन, बुनकर, बिजनापुरी
हम यहां साड़ी बनाते हैं. एक दिन का वक्त लग जाता है. अलग अलग डिजाइन की साड़ी बनाते हैं. संबलपुरी साड़ी भी बना रहे हैं. यहां की कमाई से घर चल जाता है. बच्चों की फीस भी भर रहे हैं. गांव की महिलाओं को रोजगार मिल रहा है-मीना देवांगन, बुनकर, बिजनापुरी
मैं 12वीं क्लास पढ़ी हूं. अब बुनकर समिति में रोजगार मिला है. मैं साल भर से यहां काम कर रही हूं. कलेक्टर भी यहां आए थे. ओडिशा की परंपरागत साड़ी बना रहे हैं- कुसुम साहू, बुनकर
संभलपुर में दी गई ट्रेनिंग: सहकारी समिति मर्यादित बिजनापुरी के प्रबंधक अवधराम देवांगन कहते हैं कि शासन से समय समय पर वित्तीय सहायता मिलती है. हम चाहते हैं कि महिलाओं के लिए एक अतिरिक्त वर्क शेड बन जाए. जब 30-40 महिलाएं एक साथ काम करेंगी तो कॉम्पिटिशन बढ़ेगा. हमें भी तकनीकी सुविधा एक जगह दिलाने में आसानी होगी. कलेक्टर ने भी दौरा किया और महिलाओं की आय बढ़ाने और उनकी बेहतरी के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए हैं.

कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने कहा कि हमारा धमतरी जिला हथकरघा और बुनकरों के लिए फेमस है. दो से ढाई हजार लोग इससे जुड़कर काम कर रहे हैं. कॉटन टेक्सटाइल से जुड़कर श्यामतराई और बिजनापुरी से कुछ लोग ट्रेनिंग लेने संबलपुर गए थे. कॉटन टेक्सटाइल का एक बहुत बड़ा मार्केट है. इससे काफी बड़ा रोजगार मिलेगा. महिलाओं को रोजगार मिलने का यह अच्छा जरिया है. प्रशासन द्वारा इसे बढ़ावा दिया जा रहा है. नगरी इलाका कोसा के लिए जाना जाता है. इसके लिए भी कार्ययोजना हमारे द्वारा बनाई जा रही है.
कलेक्टर अबिनाश मिश्रा ने यह भी कहा कि संबलपुरी साड़ी निर्माण के लिए बिजनापुरी और श्यामतराई में अतिरिक्त शेड बनाए जाएंगे. जिससे महिलाओं को और भी ज्यादा रोजगार मिल सके. संबलपुरी साड़ी ज्यादा महंगी नहीं होती है. डायरेक्ट बिजनेस बी-टू-बी में जाएगा. इससे महिलाओं को ज्यादा आय मिलेगी.
एक महिला एक दिन में एक साड़ी बनाकर 300-400 रुपए कमा रही है. स्किल डेवलप होने पर अच्छे से काम कर पाएंगी और ज्यादा पैसा कमा पाएंगी-अबिनाश मिश्रा, कलेक्टर, धमतरी
खास बात यह है कि धमतरी में बनने वाले संबलपुरी साड़ी की डिमांड भी बढ़ रही है. अब छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले की महिलाओं को साल भर रोजगार मिल रहा है. वह आत्मनिर्भर हो रही हैं.