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साल बोरर हरे भरे पेड़ों को कर रहे खोखला, लोगों के लिए खतरा बने सूखे पेड़ों को काटने में भी कोताही - SAL BORER DESTROYING TREES

खतरनाक साल बोरर की चपेट में सिर्फ जंगल ही नहीं बल्कि शहर के वर्षों पुराने पेड़ भी आ चुके हैं.

HOPLOCERAMBYX SPINICORNIS
कोरबा के वनों को पहुंच रहा नुकसान (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : June 3, 2025 at 4:45 PM IST

6 Min Read

कोरबा: कभी जो हरे भरे पेड़ हुआ करते थे, अब वह पूरी तरह से सूख गए हैं. इसी स्थिति में वह सड़क किनारे मौजूद हैं. इनकी कटाई नहीं किए जाने से शहर के व्यस्त कोसाबाड़ी से रिसदी चौक तक ये सूखे पेड़ अन्य हरे पेड़ों को बीमारी के गिरफ्त मे ले रहे हैं. आंधी तूफान और मौसम में बदलाव के बीच आम राहगीरों के लिए भी खतरा बने हुए हैं.

एक तरफ बिजली विभाग का सुधार कार्य हो या फिर खदान, सड़क जैसी विकास की परियोजनायें, इनके लिए हरे भरे पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी जाती है. लेकिन जिन सूखे पेड़ों को काटा जाना बेहद आवश्यक है, उनके संबंध में कोताही बरती जा रही है.

कोरबा में साल बोरर से पेड़ों को नुकसान (ETV BHARAT)

बड़ी तादाद में सूख चुके हैं पेड़: कोरबा शहर प्रदूषित होने के साथ ही साथ घने जंगलों के लिए भी जाना जाता है. शहर के आसपास भी बड़े पैमाने पर हरे भरे साल वृक्ष दिख जाते हैं. इन पेड़ों का अस्तित्व शहर के मुख्य मार्ग के अलावा आसपास सिंचाई, पीडब्ल्यूडी वन विभाग कालोनी के अलावा इंडस्ट्रियल क्षेत्र में देखा जा सकता है. बीते कुछ समय से साल बोरर के चपेट में जिस तरह से जंगल के पेड़ आए हैं. कमोबेश उसका असर शहर के पेड़ों पर भी पड़ा है.

Forests Of Korba
पेड़ों का दुश्मन साल बोरर (ETV BHARAT)

बीमार पेड़ों की कटाई कर हरे पेड़ों को बचाने की प्रक्रिया: बीमार पेड़ों की कटाई कर न केवल हरे पेड़ों को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि राह चलते लोगों पर सूखे पेड़ों के गिरने का खतरा भी नहीं होगा. सूखे पेड़ों के तने मौसमी मार से टूटकर गिर रहे हैं. सूखे या हरे पेड़ों की कटाई के लिए वन विभाग से अनुमति जरूरी है. विद्युत वितरण विभाग की ओर से बिजली के तार के दायरे में आने वाले हरे पेड़ों की शाख को काटने की हर साल अनुमति ली जाती है. लेकिन लोगों के लिए खतरा बने पेंड़ों की कटाई के लिए ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शहर के आसपास बड़ी तादाद में ऐसे साल पेड़ हैं, जो साल बोरर के चपेट में आने से पूरी तरह से सूख चुके हैं.

Hoplocerambyx Spinicornis
साल और अन्य पेड़ों को साल बोरर कर रहा खोखला (ETV BHARAT)

कटे पेड़ की जगह नया पौधा लगाने का नियम: पर्यावरण संरक्षण नियमों के अनुसार अति आवश्यक सेवा के लिए जितने भी पेड़ों की कटाई होती है, उनके स्थान पर खाली जगहों में पौधारोपण करने का नियम है. घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक जितने भी पेड़ लगाए गए थे, वह व्यवायिक विकास और अतिक्रमण की वजह से नष्ट हो चुके हैं. हाल ही के कुछ वर्षों में निगम क्षेत्र में हरियाली का बढ़ावा देने के लिए मुहिम नहीं चलाए जाने की वजह से कॉलोनी और सड़क मार्ग हरियाली से वंचित हैं.

Sal Heartwood Borer
साल बोरर से बर्बाद हो रहे हरे भरे पेड़ (ETV BHARAT)

अब तक 900 पेड़ों की कटाई: जिले में शहर के साथ ही रजगामार और बालको वन परिक्षेत्र के केसला के जंगल में भी साल बोरर का प्रकोप है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई है. हाल फिलहाल में अब तक 900 पेड़ों की कटाई की गई है. जिन पेड़ों पर साल बोरर का प्रकोप है, उन्हें चिन्हांकित कर और भी पेड़ों को काटा जाएगा.

क्या होता है साल बोरर ?: साल बोरर (Sal Borer) साल के वृक्षों को नुकसान पहुंचाने वाला एक कीड़ा है. जिसे हॉपलोसेरामबिक्स स्पिनिकोर्निस (Hoplocerambyx spinicornis) भी कहा जाता है. ये साल के पेड़ों के तने में घुसकर उन्हें खोखला कर देता है. जिससे पेड़ पूरी तरह से सूख जाते हैं और मर जाते हैं.

SAL BORER WORM INFO
साल बोरर कीड़े के बारे में जानिए (ETV BHARAT)

ये साल के पेड़ों के तने में सुरंग बनाकर लार्वा और कीड़े के रूप में रहता है. इसकी लंबाई लगभग 2 इंच होती है. जीवन चक्र 1 साल का ही होता है. साल बोरर का प्रकोप साल के जंगलों में एक गंभीर समस्या है. इसे महामारी के रूप में भी जाना जाता है, जब एक प्रतिशत से अधिक पेड़ इस कीट से प्रभावित होते हैं.

साल बोरर के नियंत्रण के उपाय: साल बोरर के नियंत्रण के लिए कई उपाय किए जाते हैं, जैसे संक्रमित पेड़ों को काटना, कीटों को पकड़कर सिर तोड़ना, और कीटनाशकों का उपयोग करना. कोरबा में साल बोरर ने साल के जिन वृक्षों को अपना शिकार बनाया है, उनकी आयु काफी पुरानी है. लंबाई भी 30 से 50 फीट और अधिक भी है. यह सभी दशकों पुराने बेहद स्वस्थ और घने पेड़ हुआ करते थे. इनका सुखना पर्यावरण के लिए एक बड़ी क्षति है.

साल का पेड़ भी होता है बेहद महत्वपूर्ण: साल का पेड़ छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है और यह छत्तीसगढ़ के पहचान का एक अभिन्न अंग भी है. साल को जंगली हाथियों और बाघ सहित विभिन्न वन्यजीवों के लिए उनके घर की तरह माना जाता है. वहीं साल की लकड़ी अपने स्थायित्व और प्रतिरोधक क्षमता के लिए भी जानी जाती है. इसे काफी मजबूत लकड़ी माना जाता है. इसका उपयोग विभिन्न तरह के फर्नीचर निर्माण के लिए तो होता ही है, छोटी नाव और रेलवे लाइन के स्लीपर बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है.

Importance Of Sal Tree
साल पेड़ का महत्व (ETV BHARAT)

पेड़ों की कटाई, दूसरे जरूरी इंतजाम भी: कोरबा वन मंडल के एसडीओ आशीष खेलवार कहते हैं कि साल बोरर साल के पेड़ के लिए एक बड़ी समस्या हैं. शहर के साथ ही केसला और रजगामार क्षेत्र में इनका प्रकोप है. जिस पेड़ में साल बोरर का प्रकोप है, उन्हें काटने की अनुमति मांगी गई है. अब तक 900 पेड़ों के कटाई की गई है. इसके लिए विभिन्न उपाय भी अपनाए जा रहे हैं. कुछ रिसर्च का भी हमने अध्ययन किया है. हमारे प्रयास लगातार जारी हैं.

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एक तरफ बिजली विभाग का सुधार कार्य हो या फिर खदान, सड़क जैसी विकास की परियोजनायें, इनके लिए हरे भरे पेड़ों को काटने की अनुमति दे दी जाती है. लेकिन जिन सूखे पेड़ों को काटा जाना बेहद आवश्यक है, उनके संबंध में कोताही बरती जा रही है.

कोरबा में साल बोरर से पेड़ों को नुकसान (ETV BHARAT)

बड़ी तादाद में सूख चुके हैं पेड़: कोरबा शहर प्रदूषित होने के साथ ही साथ घने जंगलों के लिए भी जाना जाता है. शहर के आसपास भी बड़े पैमाने पर हरे भरे साल वृक्ष दिख जाते हैं. इन पेड़ों का अस्तित्व शहर के मुख्य मार्ग के अलावा आसपास सिंचाई, पीडब्ल्यूडी वन विभाग कालोनी के अलावा इंडस्ट्रियल क्षेत्र में देखा जा सकता है. बीते कुछ समय से साल बोरर के चपेट में जिस तरह से जंगल के पेड़ आए हैं. कमोबेश उसका असर शहर के पेड़ों पर भी पड़ा है.

Forests Of Korba
पेड़ों का दुश्मन साल बोरर (ETV BHARAT)

बीमार पेड़ों की कटाई कर हरे पेड़ों को बचाने की प्रक्रिया: बीमार पेड़ों की कटाई कर न केवल हरे पेड़ों को संरक्षित किया जा सकता है, बल्कि राह चलते लोगों पर सूखे पेड़ों के गिरने का खतरा भी नहीं होगा. सूखे पेड़ों के तने मौसमी मार से टूटकर गिर रहे हैं. सूखे या हरे पेड़ों की कटाई के लिए वन विभाग से अनुमति जरूरी है. विद्युत वितरण विभाग की ओर से बिजली के तार के दायरे में आने वाले हरे पेड़ों की शाख को काटने की हर साल अनुमति ली जाती है. लेकिन लोगों के लिए खतरा बने पेंड़ों की कटाई के लिए ध्यान नहीं दिया जा रहा है. शहर के आसपास बड़ी तादाद में ऐसे साल पेड़ हैं, जो साल बोरर के चपेट में आने से पूरी तरह से सूख चुके हैं.

Hoplocerambyx Spinicornis
साल और अन्य पेड़ों को साल बोरर कर रहा खोखला (ETV BHARAT)

कटे पेड़ की जगह नया पौधा लगाने का नियम: पर्यावरण संरक्षण नियमों के अनुसार अति आवश्यक सेवा के लिए जितने भी पेड़ों की कटाई होती है, उनके स्थान पर खाली जगहों में पौधारोपण करने का नियम है. घंटाघर से कोसाबाड़ी चौक तक जितने भी पेड़ लगाए गए थे, वह व्यवायिक विकास और अतिक्रमण की वजह से नष्ट हो चुके हैं. हाल ही के कुछ वर्षों में निगम क्षेत्र में हरियाली का बढ़ावा देने के लिए मुहिम नहीं चलाए जाने की वजह से कॉलोनी और सड़क मार्ग हरियाली से वंचित हैं.

Sal Heartwood Borer
साल बोरर से बर्बाद हो रहे हरे भरे पेड़ (ETV BHARAT)

अब तक 900 पेड़ों की कटाई: जिले में शहर के साथ ही रजगामार और बालको वन परिक्षेत्र के केसला के जंगल में भी साल बोरर का प्रकोप है. वन विभाग से मिली जानकारी के अनुसार पेड़ों को काटने की अनुमति ली गई है. हाल फिलहाल में अब तक 900 पेड़ों की कटाई की गई है. जिन पेड़ों पर साल बोरर का प्रकोप है, उन्हें चिन्हांकित कर और भी पेड़ों को काटा जाएगा.

क्या होता है साल बोरर ?: साल बोरर (Sal Borer) साल के वृक्षों को नुकसान पहुंचाने वाला एक कीड़ा है. जिसे हॉपलोसेरामबिक्स स्पिनिकोर्निस (Hoplocerambyx spinicornis) भी कहा जाता है. ये साल के पेड़ों के तने में घुसकर उन्हें खोखला कर देता है. जिससे पेड़ पूरी तरह से सूख जाते हैं और मर जाते हैं.

SAL BORER WORM INFO
साल बोरर कीड़े के बारे में जानिए (ETV BHARAT)

ये साल के पेड़ों के तने में सुरंग बनाकर लार्वा और कीड़े के रूप में रहता है. इसकी लंबाई लगभग 2 इंच होती है. जीवन चक्र 1 साल का ही होता है. साल बोरर का प्रकोप साल के जंगलों में एक गंभीर समस्या है. इसे महामारी के रूप में भी जाना जाता है, जब एक प्रतिशत से अधिक पेड़ इस कीट से प्रभावित होते हैं.

साल बोरर के नियंत्रण के उपाय: साल बोरर के नियंत्रण के लिए कई उपाय किए जाते हैं, जैसे संक्रमित पेड़ों को काटना, कीटों को पकड़कर सिर तोड़ना, और कीटनाशकों का उपयोग करना. कोरबा में साल बोरर ने साल के जिन वृक्षों को अपना शिकार बनाया है, उनकी आयु काफी पुरानी है. लंबाई भी 30 से 50 फीट और अधिक भी है. यह सभी दशकों पुराने बेहद स्वस्थ और घने पेड़ हुआ करते थे. इनका सुखना पर्यावरण के लिए एक बड़ी क्षति है.

साल का पेड़ भी होता है बेहद महत्वपूर्ण: साल का पेड़ छत्तीसगढ़ का राजकीय वृक्ष है और यह छत्तीसगढ़ के पहचान का एक अभिन्न अंग भी है. साल को जंगली हाथियों और बाघ सहित विभिन्न वन्यजीवों के लिए उनके घर की तरह माना जाता है. वहीं साल की लकड़ी अपने स्थायित्व और प्रतिरोधक क्षमता के लिए भी जानी जाती है. इसे काफी मजबूत लकड़ी माना जाता है. इसका उपयोग विभिन्न तरह के फर्नीचर निर्माण के लिए तो होता ही है, छोटी नाव और रेलवे लाइन के स्लीपर बनाने में भी इसका उपयोग किया जाता है.

Importance Of Sal Tree
साल पेड़ का महत्व (ETV BHARAT)

पेड़ों की कटाई, दूसरे जरूरी इंतजाम भी: कोरबा वन मंडल के एसडीओ आशीष खेलवार कहते हैं कि साल बोरर साल के पेड़ के लिए एक बड़ी समस्या हैं. शहर के साथ ही केसला और रजगामार क्षेत्र में इनका प्रकोप है. जिस पेड़ में साल बोरर का प्रकोप है, उन्हें काटने की अनुमति मांगी गई है. अब तक 900 पेड़ों के कटाई की गई है. इसके लिए विभिन्न उपाय भी अपनाए जा रहे हैं. कुछ रिसर्च का भी हमने अध्ययन किया है. हमारे प्रयास लगातार जारी हैं.

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