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'ऑपरेशन सिंदूर' का असर : सहारनपुर का किसान सिंदूर की खेती कर कमा रहा मोटा मुनाफा, दूसरों को भी कर रहा प्रेरित - SINDOOR FARMING IN SAHARANPUR

ऑपरेशन सिंदूर के बाद सिंदूर की खेती करने वाले किसान खुश हैं. किसान ने कहा, सिंदूर की अहमियत अब लोगों को पता चली है.

सिंदूर से कमा रहे मोटा मुनाफा.
सिंदूर से कमा रहे मोटा मुनाफा. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : June 6, 2025 at 4:11 PM IST

Updated : June 6, 2025 at 4:35 PM IST

4 Min Read

सहारनपुर : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ "ऑपरेशन सिंदूर" चलाया. दुनिया भर में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा रही. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर पीएम मोदी ने 'सिंदूर' का पौधा लगाकर एक बार भी इसे ट्रेंडिंग में ला दिया है.

वहीं सहारनपुर के एक किसान की भी चर्चा खूब हो रही है. किसान सुधीर सैनी ने पथरीली जमीन पर सिंदूर की फसल उगाकर अनोखी मिशाल पेश की है. सिंदूर की खेती कर किसान सुधीर बहू बेटियों की मांग के लिए सिंदूर तैयार करने जा रहे हैं. साथ ही अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन चुके हैं. किसान सुधीर का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोगों को 'सिंदूर' की अहमियत पता चली है.

किसान सुधीर ने बताए सिंदूर की खेती करने के तरीके. (Video Credit; ETV Bharat)

पूरी तरह से ऑर्गेनिक : खास बात यह है कि सिंदूर की खेती पूरी तरह ऑर्गेनिक तरीके से की जा रही है. सुधीर से अपने खेत में 70 पेड़ सिंदूर के लगाए हैं. आए दिन आसपास के किसान सुधीर के पास इसकी जानकारी लेने पहुंच रहे हैं. गांव खुशहालीपुर के किसान सुधीर कुमार सैनी का कहना है कि आने वाले समय में वह सिंदूर की खेती को बढ़ाएंगे.

पकने के बाद कुछ ऐसा दिखता है सिंदूर का फल.
पकने के बाद कुछ ऐसा दिखता है सिंदूर का फल. (Photo Credit; ETV Bharat)

किसान सुधीर कुमार सैनी ने बताया कि बाहर से सिंदूर के पेड़ लाकर अपने खेत में लगाए हैं, जो सहारनपुर क्षेत्र में नहीं पाए जाते हैं. जबकि सहारनपुर का तापमान सिंदूर की खेती के लिए काफी अच्छा है. सुधीर बताते हैं कि उन्होंने अपने खेत में 70 पेड़ लगाकर एक प्रयोग किया है कि यहां पर सिंदूर की खेती कितनी सफल होगी. उनका यह प्रयोग सफल रहा और अब धीरे-धीरे वह सिंदूर की खेती को बढ़ा रहे हैं.

फल के अंदर से बीज निकलते हैं, जिससे सिंदूर बनता है.
फल के अंदर से बीज निकलते हैं, जिससे सिंदूर बनता है. (Photo Credit; ETV Bharat)

500 से 600 रुपये प्रति किलो दाम : सिंदूर के पेड़ पर आने वाले इस फल के बीजों से सिंदूर तैयार किया जाएगा, जिसे बाजार में 500 से 600 रुपये प्रति किलो बेचा जाएगा. सिंदूर का पेड़ लगभग 50 फीट ऊंचा होता है. जिसके बाद एक बड़े पेड़ पर लगभग 50 किलो सिंदूर के फल आसानी से आ जाता है, जिससे 7 से 8 किलो सिंदूर बन जायेगा. यदि इतनी मात्रा में एक पौधे से सिंदूर प्राप्त होता है तो यह पौधा व्यापारिक दृष्टि से भी फायदे का सौदा होगा. सिंदूर के पेड़ों से 100 प्रतिशत प्राकृतिक सिंदूर तैयार किया जाएगा.

पेड़ से सिंदूर के तैयार होने का प्रोसेस.
पेड़ से सिंदूर के तैयार होने का प्रोसेस. (Photo Credit; ETV Bharat)

क्या है 'सिंदूर' : भारतीय संस्कृति में शादीशुदा महिलाओं के लिए सिंदूर की बहुत मान्यता है. सिंदूर लगभग हर दुकान पर मिल जाता है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सिंदूर चूना, हल्दी और पारे को मिलाकर बनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंदूर का एक पौधा होता है, जिसे अंग्रेजी में कुमकुम ट्री या कमिला ट्री कहते हैं. यह एक ऐसा पौधा है जिसके फलों से पाउडर और लिक्विड फॉर्म में सिंदूर जैसा लाल रंग निकलता है. कई लोग इसे लिक्विड लिपस्टिक भी कहते हैं, क्योंकि इससे बनने वाला रंग आपके होठों को प्राकृतिक रूप से लाल कर देता है.

सिंदूर की खेती कम लागत में होती है.
सिंदूर की खेती कम लागत में होती है. (Photo Credit; ETV Bharat)

सिंदूर के पेड़ से निकलने वाले फलों के बीज निकालकर उससे प्राकृतिक सिंदूर तैयार किया जाता है, इससे किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है. सिंदूर के पेड़ पर लगने वाले फल गुच्छों के रूप में लगते हैं. शुरुआत में यह फल हरे रंग का होता है और बाद में लाल हो जाता है और उन फलों के अंदर सिंदूर मौजूद होता है.

इस सिंदूर का इस्तेमाल माथे पर लगाने के अलावा पूजा में भी किया जाता है. सिंदूर के पेड़ से निकलने वाले फल का इस्तेमाल महंगी लिपस्टिक बनाने में भी किया जाता है.

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट में 12 लाख मुकदमे पेंडिंग, रोज आ रहे 1000 नए केस; जजों के आधे पद खाली, बगैर छुट्टी सुनवाई करें तो भी लगेंगे 38 साल

सहारनपुर : पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के खिलाफ "ऑपरेशन सिंदूर" चलाया. दुनिया भर में ऑपरेशन सिंदूर की चर्चा रही. 5 जून को विश्व पर्यावरण दिवस पर पीएम मोदी ने 'सिंदूर' का पौधा लगाकर एक बार भी इसे ट्रेंडिंग में ला दिया है.

वहीं सहारनपुर के एक किसान की भी चर्चा खूब हो रही है. किसान सुधीर सैनी ने पथरीली जमीन पर सिंदूर की फसल उगाकर अनोखी मिशाल पेश की है. सिंदूर की खेती कर किसान सुधीर बहू बेटियों की मांग के लिए सिंदूर तैयार करने जा रहे हैं. साथ ही अन्य किसानों के लिए भी प्रेरणा बन चुके हैं. किसान सुधीर का कहना है कि ऑपरेशन सिंदूर के बाद लोगों को 'सिंदूर' की अहमियत पता चली है.

किसान सुधीर ने बताए सिंदूर की खेती करने के तरीके. (Video Credit; ETV Bharat)

पूरी तरह से ऑर्गेनिक : खास बात यह है कि सिंदूर की खेती पूरी तरह ऑर्गेनिक तरीके से की जा रही है. सुधीर से अपने खेत में 70 पेड़ सिंदूर के लगाए हैं. आए दिन आसपास के किसान सुधीर के पास इसकी जानकारी लेने पहुंच रहे हैं. गांव खुशहालीपुर के किसान सुधीर कुमार सैनी का कहना है कि आने वाले समय में वह सिंदूर की खेती को बढ़ाएंगे.

पकने के बाद कुछ ऐसा दिखता है सिंदूर का फल.
पकने के बाद कुछ ऐसा दिखता है सिंदूर का फल. (Photo Credit; ETV Bharat)

किसान सुधीर कुमार सैनी ने बताया कि बाहर से सिंदूर के पेड़ लाकर अपने खेत में लगाए हैं, जो सहारनपुर क्षेत्र में नहीं पाए जाते हैं. जबकि सहारनपुर का तापमान सिंदूर की खेती के लिए काफी अच्छा है. सुधीर बताते हैं कि उन्होंने अपने खेत में 70 पेड़ लगाकर एक प्रयोग किया है कि यहां पर सिंदूर की खेती कितनी सफल होगी. उनका यह प्रयोग सफल रहा और अब धीरे-धीरे वह सिंदूर की खेती को बढ़ा रहे हैं.

फल के अंदर से बीज निकलते हैं, जिससे सिंदूर बनता है.
फल के अंदर से बीज निकलते हैं, जिससे सिंदूर बनता है. (Photo Credit; ETV Bharat)

500 से 600 रुपये प्रति किलो दाम : सिंदूर के पेड़ पर आने वाले इस फल के बीजों से सिंदूर तैयार किया जाएगा, जिसे बाजार में 500 से 600 रुपये प्रति किलो बेचा जाएगा. सिंदूर का पेड़ लगभग 50 फीट ऊंचा होता है. जिसके बाद एक बड़े पेड़ पर लगभग 50 किलो सिंदूर के फल आसानी से आ जाता है, जिससे 7 से 8 किलो सिंदूर बन जायेगा. यदि इतनी मात्रा में एक पौधे से सिंदूर प्राप्त होता है तो यह पौधा व्यापारिक दृष्टि से भी फायदे का सौदा होगा. सिंदूर के पेड़ों से 100 प्रतिशत प्राकृतिक सिंदूर तैयार किया जाएगा.

पेड़ से सिंदूर के तैयार होने का प्रोसेस.
पेड़ से सिंदूर के तैयार होने का प्रोसेस. (Photo Credit; ETV Bharat)

क्या है 'सिंदूर' : भारतीय संस्कृति में शादीशुदा महिलाओं के लिए सिंदूर की बहुत मान्यता है. सिंदूर लगभग हर दुकान पर मिल जाता है. जैसा कि हम सभी जानते हैं कि सिंदूर चूना, हल्दी और पारे को मिलाकर बनाया जाता है. लेकिन क्या आप जानते हैं कि सिंदूर का एक पौधा होता है, जिसे अंग्रेजी में कुमकुम ट्री या कमिला ट्री कहते हैं. यह एक ऐसा पौधा है जिसके फलों से पाउडर और लिक्विड फॉर्म में सिंदूर जैसा लाल रंग निकलता है. कई लोग इसे लिक्विड लिपस्टिक भी कहते हैं, क्योंकि इससे बनने वाला रंग आपके होठों को प्राकृतिक रूप से लाल कर देता है.

सिंदूर की खेती कम लागत में होती है.
सिंदूर की खेती कम लागत में होती है. (Photo Credit; ETV Bharat)

सिंदूर के पेड़ से निकलने वाले फलों के बीज निकालकर उससे प्राकृतिक सिंदूर तैयार किया जाता है, इससे किसी भी तरह का कोई नुकसान नहीं होता है. सिंदूर के पेड़ पर लगने वाले फल गुच्छों के रूप में लगते हैं. शुरुआत में यह फल हरे रंग का होता है और बाद में लाल हो जाता है और उन फलों के अंदर सिंदूर मौजूद होता है.

इस सिंदूर का इस्तेमाल माथे पर लगाने के अलावा पूजा में भी किया जाता है. सिंदूर के पेड़ से निकलने वाले फल का इस्तेमाल महंगी लिपस्टिक बनाने में भी किया जाता है.

यह भी पढ़ें: इलाहाबाद हाईकोर्ट में 12 लाख मुकदमे पेंडिंग, रोज आ रहे 1000 नए केस; जजों के आधे पद खाली, बगैर छुट्टी सुनवाई करें तो भी लगेंगे 38 साल

Last Updated : June 6, 2025 at 4:35 PM IST
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