सागर: नाम सागर लेकिन पानी के लिए हर गर्मी के मौसम में घंटो इंतजार. लंबी जद्दोजहद के बाद सागर शहर की प्यास बुझाने के लिए बेबस नदी पर राजघाट बांध का निर्माण किया गया था. लेकिन शहर में बढ़ती आबादी के दबाव के कारण ये बांध अब शहर की प्यास बुझाने में नाकाम साबित हो रहा है.
9 साल बाद भी काम अधूरा
गर्मी का मौसम आते ही बांध का जलस्तर गिर जाता है और शहर को रोजाना पानी नहीं मिल पाता है. कई बार तो 3 से 4 दिन इंतजार करना पड़ता है. ऐसे में राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने की मांग लंबे समय से चल रही है. लेकिन सरकार ने इसे ठंडे बस्ते में डालकर रखा है. बांध की ऊंचाई बढ़ाने के कारण होने वाले जलभराव के लिए जमीन अधिग्रहण का मुआवजा भारी हो रहा है. वहीं शहर में 24 घंटे पानी सप्लाई के लिए टाटा कंपनी पाइपलाइन और टंकी निर्माण का काम कर रही है, लेकिन 9 साल में ये काम पूरा नहीं हो पाया है.
गर्मी में सागर की कैसे बुझे प्यास
सागर शहर के लिए पेयजल सप्लाई के लिए राजघाट बांध परियोजना का निर्माण लंबे आंदोलन और कई सालों के संघर्ष के बाद हुआ था. कुछ सालों तक तो राजघाट बांध शहर की प्यास बुझाता रहा, लेकिन शहर में बढ़ती आबादी के दबाव के कारण अब राजघाट भी सागर की प्यास बुझाने में नाकाम नजर आता है. हर गर्मी में बांध का जलस्तर गिर जाने के कारण नियमित जल आपूर्ति नहीं हो पा रही है. लोग भीषण गर्मी में पानी के लिए दर-दर भटकते नजर आते हैं. ऐसे में पिछले कई सालों से राजघाट बांध की ऊंचाई बढ़ाने की मांग चल रही है.

नहीं हो पाया 24 घंटे पानी देने का प्रोजेक्ट पूरा
शहर में 24 घंटे पानी घर-घर पहुंचाने के लिए टाटा कंपनी पाइपलाइन बिछाने, टंकी निर्माण और हर घर तक कनेक्शन के साथ मीटर लगाने का काम कर रही है. ये काम 2016 में शुरू हुआ था, लेकिन आज 9 साल बीत जाने के बाद भी प्रोजेक्ट पूरा नहीं हो सका है. 2 बार सरकार ने प्रोजेक्ट पूरा होने के लिए समय सीमा बढ़ाई फिर भी अभी तक काम अधूरा है.

विधायक ने विधानसभा में उठाया मुद्दा
सागर विधायक शैलेन्द्र जैन ने विधानसभा के बजट सत्र में जोरशोर से मुद्दा उठाया था. ईटीवी भारत से बातचीत में उन्होंने कहा कि "मैं भी इस शहर का रहने वाला हूं. मैं देखता हूं कि टाटा कंपनी से जो अपेक्षाएं थी, उस पर टाटा कंपनी खरी नहीं उतरी है. मैंने विधानसभा में कहा था कि टाटा से सागर के लोग इतने परेशान हो चुके हैं, कि वो अब उन्हें टाटा करना चाहते हैं. मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि एक कमेटी गठित कर टाटा कंपनी के काम की समीक्षा की जाए. उन्होंने कहा कि 24 घंटे पानी देना जरूरी नहीं है, क्योंकि दुरूपयोग भी हो रहा है. लेकिन रोजाना पानी देना हमारी जिम्मेदारी है."
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'2 मीटर ऊंचाई बढ़ाने का है प्रस्ताव'
विधायक शैलेन्द्र जैन का कहना है कि "राजघाट डैम की 2 मीटर ऊंचाई बढ़ाने का प्रस्ताव है. उसमें भूमि अधिग्रहण का बहुत ज्यादा वित्तीय भार आ रहा है, क्योंकि मुआवजा ही करीब डेढ़ सौ करोड़ रुपए देना होगा. इसलिए वहां अपस्ट्रीम में छोटा बांध बनाने की योजना है. जहां पानी का प्रस्ताव होगा और मुख्य बांध में पानी कम होने पर वहां से आपूर्ति होगी. इस पर काम चल रहा है, जल्द ही टैंडर प्रक्रिया पूरी होगी."