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गर्मी से कैदियों के हाल बेहाल, ठंडाई पहुंचाने जेल विभाग का गजब कारनामा - SAGAR CENTRAL JAIL

सागर की सेंट्रल जेल में गर्मी से कैदियों के हाल बेहाल है. क्योंकि बैरकों में क्षमता से ज्यादा कैदी रह रहे हैं. कैदियों को ठंडाई पहुंचाने नई बैरकों का हो रहा निर्माण.

SAGAR CENTRAL JAIL
सागर सेंट्रल जेल में नई बैरकों का निर्माण हो रहा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : April 14, 2025 at 2:43 PM IST

Updated : April 14, 2025 at 2:52 PM IST

4 Min Read

सागर, (कपिल तिवारी) : इस बार गर्मी के मौसम ने शुरूआत से ही अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं. आलम ये है कि शुरूआती गर्मी में तापमान 40 डिग्री पार कर चुका है. ऐसे में दोपहर के वक्त सड़के सूनी नजर आ रही हैं और लोग अपने घर में तरह-तरह के जतन कर गर्मी से बचाव कर रहे हैं. लेकिन गर्मी के तेवर देखते हुए उन जगहों पर लोगों के हाल बेहाल हैं, जहां लोग क्षमता से ज्यादा रह रहे हैं.

बैरक में क्षमता से ज्यादा कैदी
सागर केंद्रीय जेल की बात करें, तो यहां का लाॅकअप हमेशा जेल की क्षमता से दोगुना रहता है. गर्मी के मौसम में तो आलम ये है कि हर बैरक में क्षमता से दोगुने कैदी होने के कारण कैदी ना तो ठीक से सो पा रहे हैं और ना अपनी सेहत को दुरूस्त रख पा रहे हैं. हालात ये है कि गर्मी के मौसम में कैदियों को जेल की बैरकों के बाहर के बरामदों में सुलाना पड़ रहा है. ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर जेल विभाग को काफी मुस्तैद और सतर्क रहना पड़ता है.

सागर की सेंट्रल जेल में कैदियों के गर्मी से हाल बेहाल (ETV Bharat)

जेल में कैसा है कैदियों का हाल
जहां तक सागर केंद्रीय जेल की बात करें, तो ये जेल 180 साल से ज्यादा पुरानी हो गई है. इस जेल में कैदियों की क्षमता बढ़कर 974 कर दी गई है. लेकिन यहां बंदियों की संख्या हमेशा 2 हजार के आसपास होती है. यानि क्षमता से दोगुने बंदी यहां पर हमेशा रहते हैं. ऐसी स्थिति में गर्मी के मौसम में कैदियों की सेहत के साथ उनकी सुरक्षा और जेल के अनुशासन को लेकर जेल प्रबंधन को काफी सतर्कता रखनी पड़ती है. जिन बैरकों में क्षमता से ज्यादा कैदी होते हैं, वहां गर्मी के मौसम में जेल के अंदर के बरामदों में कैदियों को सुलाया जाता है.

central jail prisoners suffering from heat
बंदियों को गर्मी से बचाने जेल विभाग कर रहा प्रयास (ETV Bharat)

कैदी गर्मी के मौसम में बीमार ना पड़ जाएं, इसलिए उनकी सेहत के लिए सतर्कता बरती जाती है. जेल अधीक्षक मानेन्द्र सिंह परिहार बताते हैं कि, ''गर्मी के मौसम में हमें सबसे ज्यादा मदद नई बैरक से मिल रही है. हम सबसे ज्यादा मेडिकल व्यवस्था पर फोकस करते हैं. गर्मी से संबंधित बीमारियों को लेकर सावधानी हम बरतते हैं.''

जितनी क्षमता, रोजाना उससे दोगुना रहता है लाॅकअप
सागर केंद्रीय जेल की बात करें, तो केंद्रीय जेल के अधीक्षक मानेन्द्र सिंह परिहार खुद बताते हैं कि, ''फिलहाल सागर केंद्रीय जेल की क्षमता 894 है. हाल ही मैं चार बैरकों के निर्माण के बाद हमारी क्षमता बढ़कर 974 हो गयी है. जबकि लाॅकअप हमेशा 1800 के ऊपर रहता है. ऐसी स्थिति में हम शासन और हाइकोर्ट के निर्देश अनुसार जो प्रयास हो सकते हैं, वो कर रहे हैं. जेल की क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे प्रमुख बैरक निर्माण रहता है. इसके लिए 8 और नई बैरक स्वीकृत की गयी हैं. जिनका निर्माण शुरू हो गया है. ये बनने के बाद लगभग 80 बंदियों की क्षमता केंद्रीय जेल सागर की और बढ़ जाएगी.''

बैरक निर्माण के साथ स्टाॅफ भी जरूरी
जेल अधीक्षक खुद कहते हैं कि, ''कम जगह में ज्यादा बंदी रहते हैं, तो गर्मी में काफी परेशानी होती है. नई बैरक बनने से ये परेशानी थोड़ा कम हो जाएगी. जिन सर्किल में पहले से दो बैरक है, वहां खाली मैदान में हम और 4 बैरक बना रहे हैं. स्टाॅफ की समस्या तो रहती है, लेकिन वो कंट्रोल हो जाती है. अभी नई भर्ती में हमें 8 प्रहरी मिले है, तो समस्या थोड़ी कम हो गयी है.''

सागर, (कपिल तिवारी) : इस बार गर्मी के मौसम ने शुरूआत से ही अपने तेवर दिखाना शुरू कर दिए हैं. आलम ये है कि शुरूआती गर्मी में तापमान 40 डिग्री पार कर चुका है. ऐसे में दोपहर के वक्त सड़के सूनी नजर आ रही हैं और लोग अपने घर में तरह-तरह के जतन कर गर्मी से बचाव कर रहे हैं. लेकिन गर्मी के तेवर देखते हुए उन जगहों पर लोगों के हाल बेहाल हैं, जहां लोग क्षमता से ज्यादा रह रहे हैं.

बैरक में क्षमता से ज्यादा कैदी
सागर केंद्रीय जेल की बात करें, तो यहां का लाॅकअप हमेशा जेल की क्षमता से दोगुना रहता है. गर्मी के मौसम में तो आलम ये है कि हर बैरक में क्षमता से दोगुने कैदी होने के कारण कैदी ना तो ठीक से सो पा रहे हैं और ना अपनी सेहत को दुरूस्त रख पा रहे हैं. हालात ये है कि गर्मी के मौसम में कैदियों को जेल की बैरकों के बाहर के बरामदों में सुलाना पड़ रहा है. ऐसे में उनकी सुरक्षा को लेकर जेल विभाग को काफी मुस्तैद और सतर्क रहना पड़ता है.

सागर की सेंट्रल जेल में कैदियों के गर्मी से हाल बेहाल (ETV Bharat)

जेल में कैसा है कैदियों का हाल
जहां तक सागर केंद्रीय जेल की बात करें, तो ये जेल 180 साल से ज्यादा पुरानी हो गई है. इस जेल में कैदियों की क्षमता बढ़कर 974 कर दी गई है. लेकिन यहां बंदियों की संख्या हमेशा 2 हजार के आसपास होती है. यानि क्षमता से दोगुने बंदी यहां पर हमेशा रहते हैं. ऐसी स्थिति में गर्मी के मौसम में कैदियों की सेहत के साथ उनकी सुरक्षा और जेल के अनुशासन को लेकर जेल प्रबंधन को काफी सतर्कता रखनी पड़ती है. जिन बैरकों में क्षमता से ज्यादा कैदी होते हैं, वहां गर्मी के मौसम में जेल के अंदर के बरामदों में कैदियों को सुलाया जाता है.

central jail prisoners suffering from heat
बंदियों को गर्मी से बचाने जेल विभाग कर रहा प्रयास (ETV Bharat)

कैदी गर्मी के मौसम में बीमार ना पड़ जाएं, इसलिए उनकी सेहत के लिए सतर्कता बरती जाती है. जेल अधीक्षक मानेन्द्र सिंह परिहार बताते हैं कि, ''गर्मी के मौसम में हमें सबसे ज्यादा मदद नई बैरक से मिल रही है. हम सबसे ज्यादा मेडिकल व्यवस्था पर फोकस करते हैं. गर्मी से संबंधित बीमारियों को लेकर सावधानी हम बरतते हैं.''

जितनी क्षमता, रोजाना उससे दोगुना रहता है लाॅकअप
सागर केंद्रीय जेल की बात करें, तो केंद्रीय जेल के अधीक्षक मानेन्द्र सिंह परिहार खुद बताते हैं कि, ''फिलहाल सागर केंद्रीय जेल की क्षमता 894 है. हाल ही मैं चार बैरकों के निर्माण के बाद हमारी क्षमता बढ़कर 974 हो गयी है. जबकि लाॅकअप हमेशा 1800 के ऊपर रहता है. ऐसी स्थिति में हम शासन और हाइकोर्ट के निर्देश अनुसार जो प्रयास हो सकते हैं, वो कर रहे हैं. जेल की क्षमता बढ़ाने के लिए सबसे प्रमुख बैरक निर्माण रहता है. इसके लिए 8 और नई बैरक स्वीकृत की गयी हैं. जिनका निर्माण शुरू हो गया है. ये बनने के बाद लगभग 80 बंदियों की क्षमता केंद्रीय जेल सागर की और बढ़ जाएगी.''

बैरक निर्माण के साथ स्टाॅफ भी जरूरी
जेल अधीक्षक खुद कहते हैं कि, ''कम जगह में ज्यादा बंदी रहते हैं, तो गर्मी में काफी परेशानी होती है. नई बैरक बनने से ये परेशानी थोड़ा कम हो जाएगी. जिन सर्किल में पहले से दो बैरक है, वहां खाली मैदान में हम और 4 बैरक बना रहे हैं. स्टाॅफ की समस्या तो रहती है, लेकिन वो कंट्रोल हो जाती है. अभी नई भर्ती में हमें 8 प्रहरी मिले है, तो समस्या थोड़ी कम हो गयी है.''

Last Updated : April 14, 2025 at 2:52 PM IST
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