सागर: इन दिनों सागर की पहचान कही जाने वाली लाखा बंजारा झील पर एक अजीबोगरीब नजारा देखने मिल रहा है. जिसको लेकर लोग तरह-तरह के कयास और अनहोनी की आशंका लगा रहे हैं. दरअसल दोपहर बाद लाखा बंजारा झील के ऊपर पिछले दो तीन दिन से अचानक चमगादड़ों का मंडराना शुरू हो जाता है. दूसरी तरफ जिन पेड़ों पर चमगादड़ रहती हैं वहां से चमगादड़ें टपककर गिर रही हैं और मर रही हैं.
ऐसे में लोग इस घटना को लेकर तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. हालांकि जानकारों का कहना है कि जब अचानक से तापमान बढ़ता है तो उड़ने वाले जीव चाहे वो पक्षी हों या फिर चमगादड़ें, उन पर सीधा असर पड़ता है और वो अपने आप को बचाने के लिए इस तरह की हरकतें करते हैं.
तालाब के ऊपर चमगादड़ों की गश्त
लाखा बंजारा झील अपने खूबसूरत नजारों के लिए जानी जाती है लेकिन इन दिनों इस झील की चर्चा इसके ऊपर दिन के वक्त मंडरा रहीं चमगादड़ों को लेकर है. दरअसल पिछले तीन चार दिनों से सागर की लाखा बंजारा झील के ऊपर चमगादड़ों की संख्या अचानक से बढ़ जाती है. ये चमगादड़ें भारी संख्या में तालाब के ऊपर मंडराने लगती हैं और एक तरह से गोता लगाकर पानी को छूती नजर आती हैं.

इसे देखकर लोगों में तरह-तरह के कौतूहल जन्म ले रहे हैं. बड़ा सवाल ये है कि जो चमगादड़ दिन के वक्त पेड़ों पर उलटी लटकी नजर आती हैं, वो आखिर दिन में क्यों तालाब के ऊपर बैचेनी भरी उड़ान भर रही हैं. दूसरी तरफ तालाब किनारे लगे पेड़ों के नीचे चमगादड़ें गिरकर दम तोड़ रही हैं.

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'अचानक से बढ़े तापमान का असर'
सागर यूनिवर्सिटी की जूलाॅजी डिपार्टमेंट प्रोफेसर डाॅ श्वेता यादव का कहना है कि "जिस तरह से अचानक से तेजी से तापमान बढ़ा है तो पक्षी हों या चमगादड़, सबके ऊपर अचानक से बढ़े तापमान का असर पड़ रहा है. ऐसी स्थिति में जीवों की Physiological Immunity (जन्मजात प्रतिरक्षा) पर सीधा असर पड़ता है.
पक्षियों की बात करें तो ये equanavigation करते हैं. इसलिए ये तालाब के चारों तरफ मंडरा रहे हैं, वहां पर उनको तापमान से थोड़ी राहत मिल रही है. जहां वो अपने आप को बचा पा रहे हैं. ऐसे में इनकी भोजन ढूंढ़ने की और जीवित बचे रहने की क्षमता काफी ज्यादा प्रभावित होती है. अब जब तापमान बहुत ज्यादा हो गया है, नमी काफी कम है इसलिए उड़ने वाले जीवों पर सीधा असर देखने मिल रहा है."