लखनऊ: नगर निगम सदन के दौरान पार्षदों ने जमकर हंगामा किया. इस दौरान जहां समाजवादी पार्टी के पार्षद व भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों के बीच तकरार हुई तो वहीं दूसरी ओर पार्षदों और मेयर के बीच भी टकराहट देखने को मिली. पार्षद निधि को लेकर भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने मेयर पर निशाना साधा. इस दौरान सदन में भारतीय जनता पार्टी के पार्षद मोंटी सिंह ने बजट कॉपी को फाड़ दिया. हंगामा के दौरान मोंटी ने कहा कि या बजट झूठ है.
महापौर ने पार्षद से माफी मांगने को कहाः पार्षद के द्वारा बजट कॉपी को पढ़ने के बाद बीजेपी की मेयर सुषमा खर्कवर ने पार्षद से माफी मांगने को कहा. इसके बाद हंगामा और बढ़ गया. सदन को स्थगित करना पड़ा. हंगामे के बीच भारतीय जनता पार्टी के तमाम पार्षदों ने मेयर को घेरना का प्रयास किया और इस दौरान पार्षदों ने कहा कि पार्षद निधि के मामले में मेयर की मनमानी नहीं चलेगी. पार्षदों ने विल में जाकर खूब हंगामा किया जिसके बाद सदन को स्थगित कर दिया गया.
सपा-बीजेपी के पार्षद आमने-सामने आएः बजट सदन के दौरान भारतीय जनता पार्टी और समाजवादी पार्टी के पार्षद भी आमने-सामने आए. इस दौरान बजट के निर्धारण पर सवाल खड़े करते हुए समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के पार्षदों ने बजट के बंदरबाट होने की बात कही जिस पर भारतीय जनता पार्टी के पार्षदों ने समाजवादी पार्टी व कांग्रेस के कार्यकाल में हुए भ्रष्टाचार गिनाएं.
सदन में पार्षदों ने अपनी अपनी मांग रखी इस दौरान कांग्रेस के पार्षद मुकेश सिंह चौहान ने कहा कि जनता को ऑनलाइन गृहकर जमा करने में जो छूट मिल रही है वह छूट ऑफलाइन टैक्स जमा करने में भी मिलनी चाहिए.
सदन में मेयर निधि व पार्षद निधि के द्वारा कराए गए काम पर विधायक व सांसदों के नाम लिखने को लेकर भी पार्षदों ने विरोध जताया. पार्षदों ने कहा कि नगर निगम द्वारा कराए गए कार्यों पर विधायक व सांसद का नाम नहीं लिखा जाना चाहिए यह नगर निगम का कार्य है. इस पर महापौर पार्षद, नगर आयुक्त व चीफ इंजीनियर का नाम लिखा जाना चाहिए. क्या कोई विधायक या सांसद जब अपनी निधि से काम कराता है तो क्या वह मेयर का नाम शिलापट पर लिखता है.
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