नई दिल्ली: जेएनयू छात्रसंघ (जेएनयूएसयू) चुनावों के लिए प्रत्याशियों की अंतिम सूची गुरुवार देर रात तक भी जारी नहीं की जा सकी. दरअसल, नामांकन वापसी के दौरान छात्र संगठनों ने चुनाव कमेटी के कार्यालय पर न सिर्फ हंगामा किया, बल्कि तोड़फोड़ भी की. कुछ छात्र संगठनों ने आरोप लगाया कि उन्हें नामांकन वापसी नहीं करने दी गई, जिसके उनके उम्मीदवारों के नामांकन रद्द हो गए. छात्र संगठन देर रात तक विश्वविद्यालय में प्रदर्शन कर नामांकन वापसी का समय बढ़ाए जाने की मांग करते रहे. इससे चुनाव के लिए बचे हुए प्रत्याशियों की अंतिम सूची जारी नहीं की जा सकी.
उधर, एबीवीपी और आइसा-डीएसएफ के गठबंधन ने शाम को ही अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए थे. जेएनयूएसयू चुनाव के लिए गुरुवार शाम पांच बजे चुनाव कमेटी की ओर से उम्मीदवारों की अंतिम सूची जारी की जानी थी. चार बजे तक उम्मीदवारों को अपने नाम वापस लेने थे, जिसे बढ़ाकर 4.30 बजे कर दिया गया था. इसके बावजूद स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई), बिरसा अंबेडकर फुले स्टूडेंटस एसोसिएशन (बापसा) और ऑल इंडिया स्टूडेंट्स फेडरेशन (एआईएसएफ) के उम्मीदवार अपने नामांकन वापस नहीं ले सके. उनका आरोप है कि एबीवीपी ने वहां हंगामा कर दिया. वहीं एबीवीपी ने कहा कि वामपंथी छात्र संगठन आखिरी तक अपने उम्मीदवार तय नहीं कर सके थे.
छात्र संगठनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप: समय निकलने के बाद वे नामांकन वापस लेने की मांग कर रहे थे. जेएनयू में एबीवीपी के इकाई अध्यक्ष राजेश्वर दुबे ने इस प्रक्रिया का विरोध किया. साथ ही कहा कि उनपर बेवजह आरोप लगाए गए. उधर एसएफआई के दिल्ली अध्यक्ष सूरज एल्मान ने कहा, हिंसा के बीच कतार में पहले से खड़े कई छात्र अपना नामांकन वापस नहीं ले पाए और इसलिए उन्हें जेएनयूएसयू संविधान द्वारा दिए गए अपने मूल अधिकारों से वंचित कर दिया गया. इसके अलावा, जब नामांकन की सूची आई तो पता चला कि सूची में कई त्रुटियां पाई गई हैं. यह सूची सही नहीं है. हम चाहते हैं कि प्रक्रियाओं का पुनर्मूल्यांकन किया जाए ताकि अंतिम उम्मीदवारों की सही सूची सामने आ सके.
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