जयपुर: नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार के तहत बुधवार को छात्रों की ऑनलाइन लॉटरी निकाली गई. शैक्षिक सत्र 2025-26 के लिए तीन लाख से ज्यादा छात्रों को प्राइवेट स्कूलों में फ्री एडमिशन मिलेगा. राज्य में 34 हजार 799 पात्र प्राइवेट स्कूलों के लिए ये लॉटरी निकाली गई है. हालांकि इस बार करीब 2939 स्कूलों के लिए एक भी आवेदन प्राप्त नहीं हुआ. वहीं आरटीई से संबंधित अपीलों के जल्द समाधान के लिए विभाग की ओर से एक नया पोर्टल प्रस्तावित किया गया है. जिसमें अभिभावक के साथ-साथ विद्यालय भी अपने परिवाद दर्ज कर सकेंगे.
प्रदेश के प्राइवेट स्कूलों में पढ़ने का सपना देख रहे असहाय वर्ग और अल्पआय वर्ग के छात्रों के लिए बुधवार को आरटीई की लॉटरी निकाली गई. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने शिक्षा संकुल में लॉटरी निकाली. लॉटरी के जरिए वरीयता सूची को अभिभावक विद्यालयवार वेबपोर्टल http://www.rajpsp.nic.in/ के होम पेज पर 'अभ्यर्थी प्राथमिकता क्रम' पर क्लिक कर आवेदन आईडी और मोबाइल नंबर के जरिए अपने बच्चे की वरीयता सूची में स्थिति देख सकते हैं.
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तीन लाख से ज्यादा आवेदन: नि:शुल्क और अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 की धारा 12 (1) (ग) के तहत सभी प्राइवेट विद्यालयों में नि:शुल्क सीट्स पर प्रवेश के लिए तीन लाख से ज्यादा विद्यार्थियों के नाम शामिल किए गए. नि:शुल्क सीट पर प्रवेश के लिए राज्य में कुल 34 हजार 799 पात्र विद्यालय हैं. जिनमें आवेदन प्राप्त विद्यार्थियों की संख्या 3 लाख 8 हजार 64 है. इनमें बालकों की संख्या 1 लाख 61 हजार 816, बालिकाओं की संख्या 1 लाख 46 हजार 241 और थर्ड जेन्डर की संख्या 7 रही. इस दौरान शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने आरटीई लॉटरी के माध्यम से चयनित सभी विद्यार्थियों और उनके अभिभावकों को बधाई देते हुए कहा कि शिक्षा विभाग वंचित और अल्पआय वर्ग के बच्चों को नि:शुल्क गुणवत्तापूर्ण शिक्षा देने के लिए आरटीई प्रक्रिया को अपनाता है. आरटीई के तहत यदि कोई भी स्कूल छात्र को एडमिशन नहीं देता तो उसके खिलाफ यथोचित कार्रवाई भी की जाएगी. इसके साथ ही उन्होंने ये भी घोषणा की कि आरटीई से संबंधित अपीलों के जल्द समाधान के लिए विभाग की ओर से एक नया पोर्टल प्रस्तावित किया गया है. इसमें अभिभावकों के साथ-साथ विद्यालय भी अपने परिवाद दर्ज कर सकेंगे. ये पोर्टल प्रणाली में पारदर्शिता और त्वरित निस्तारण सुनिश्चित करेगा.
इस अवसर पर मौजूद रहे शिक्षा शासन सचिव कृष्ण कुणाल ने चयन प्रक्रिया की जानकारी देते हुए बताया कि 9 अप्रैल से 15 अप्रैल तक अभिभावक विद्यालयों में वरीयता के अनुसार रिपोर्टिंग कर सकेंगे. चयनित अभ्यर्थियों का 21 अप्रैल तक दस्तावेजों का सत्यापन किया जाना है. चूंकि प्राइवेट स्कूलों में क्लासेस शुरू हो चुकी हैं. ऐसे में जिन छात्रों को लेकर किसी तरह का ऑब्जेक्शन नहीं आ रहा है उन्हें 9 मई के बजाए 22 अप्रैल से ही स्कूलों में दाखिला दें, ताकि उनकी पढ़ाई का नुकसान ना हो. उन्होंने पिछले साल के आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि तब केवल 16-17 प्रतिशत बच्चों को लेकर के ही ऑब्जेक्शन आया था. उनके लिए बाकी 83 फीसदी छात्रों को क्यों रोका जाए?.
ऑनलाइन रिपोर्टिंग 15 अप्रैल तक: पूर्व में शिक्षा विभाग की ओर से जारी आरटीई टाइम फ्रेम के अनुसार अभिभावकों को 9 अप्रैल से 15 अप्रैल तक ऑनलाइन रिपोर्टिंग करनी होगी. इसी दौरान विद्यालय की ओर से आवेदन पत्रों की जांच की जाएगी. ये काम 21 अप्रैल तक चलेगा. 22 अप्रैल को एनआईसी की ओर से बचे आवेदन ऑटो वेरीफाई किए जाएंगे. अभिभावकों को दस्तावेजों को संशोधन का मौका दिया जाएगा. 5 मई तक विद्यालय की ओर से रिजेक्शन रिक्वेस्ट किए जाने पर सीबीईओ जांच करेंगे. इसके बाद 9 मई से 15 जुलाई तक पोर्टल पर उपलब्ध आरटीई सीट्स पर चयन किया जाएगा.