अलवर : टाइगर रिजर्व सरिस्का में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का लंबा इंतजार अब पूरा होने वाला है. राजस्थान राज्य पथ परिवहन निगम ने सरिस्का में फिलहाल 30 इलेक्ट्रिक बसों के संचालन की योजना बनाई है. निगम का यह प्रयास कामयाब रहा तो आगामी समय में सरिस्का में इलेक्ट्रिक बसों की संख्या में इजाफा भी किया जा सकता है. प्रक्रिया के दौरान सब कुछ ठीक रहा तो सरिस्का में जल्द ही इलेक्ट्रिक बसें चलती दिखाई देंगी. पर्यावरण संतुलन और वन्यजीव व वनस्पति को प्रदूषण से बचाने के लिए सरिस्का में लंबे समय से इलेक्ट्रिक वाहनों के संचालन की जरूरत महसूस की जा रही थी.
सरिस्का के सीसीएफ संग्राम सिंह कटियार ने बताया कि पिछले दिनों राज्य सरकार स्तर पर निर्णय किया गया है कि सरिस्का में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का जिम्मा आरएसआरटीसी को दिया गया है. इस विभाग को बसों के परिवहन से लेकर रखरखाव का अच्छा अनुभव है. पिछले दिनों जयपुर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन को लेकर हुई बैठक में सभी आवश्यक निर्णय किए जा चुके हैं. अब ईवी बसों के संचालन की टेडर व अन्य सभी प्रक्रिया आरएसआरटीसी की ओर से अपनाई जाएगी.
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सरिस्का टाइगर रिजर्व में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए कुछ समय पहले सरिस्का प्रशासन की ओर से वन क्षेत्र में इलेक्ट्रिक बस का ट्रायल रन लिया गया था. इसके बाद राज्य सरकार के स्तर पर इस प्रस्ताव को जल्द मूर्तरूप दिलाने की कवायद चल रही थी. अभी इन इलेक्ट्रिक बसों का संचालन सदर गेट व टहला गेट से ऐतिहासिक पाण्डुपोल हनुमान मंदिर तक किया जाना प्रस्तावित है. सरिस्का में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का जिम्मा आरएसआरटीसी को सौंपा गया है.

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वाहनों के शोर व प्रदूषण में आएगी कमी : टाइगर रिजर्व सरिस्का में इलेक्ट्रिक बसों का संचालन शुरू होने से वन, वन्यजीव व वनस्पति संरक्षण में काफी मदद मिल सकेगी. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन का सबसे बड़ा लाभ सरिस्का में हर मंगलवार व शनिवार को बड़ी संख्या में पाण्डुपोल मंदिर के दर्शनाथ स्वयं के वाहनों से जाने वाले वाहनों के शोर से मुक्ति के रूप में मिल सकेगा. अभी सप्ताह में दो दिन अलवर, भिवाड़ी जिले में पंजीकृत वाहनों को नि:शुल्क प्रवेश दिया जाता है, इस कारण सरिस्का में मंगलवार व शनिवार को बड़ी संख्या में दर्शनार्थी अपने निजी वाहनों से पहुंचते हैं. इससे जंगल में प्रदूषण और वाहनों के शोर की समस्या बढ़ जाती है. इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के बाद पर्यटक सरिस्का कार्यालय तक ही अपने वाहनों से जा सकेंगे और वहां पार्किंग में अपने वाहन खड़े कर इलेक्ट्रिक बसों में सवार होकर पाण्डुपोल मंदिर के दर्शन के लिए जा सकेंगे. इससे सरिस्का में वायु और ध्वनि प्रदूषण में कमी आएगी.

दिसंबर में हुआ था ट्रायल रन : गौरतलब है कि सरिस्का टाइगर रिजर्व में दिसंबर माह में तमिलनाडु की एक कंपनी की ओर से 14 सीटर बस का ट्रायल रन लिया गया था, जो कि सफल रहा था. इस ट्रायल रन के दौरान सरिस्का के अधिकारी बस में मौजूद थे. इलेक्ट्रिक बस के ट्रायल रन के दौरान सरिस्का गेट से पांडुपोल तक की 20 किलोमीटर की ट्रिप 3 घंटे में पूरी की गई थी. ट्रायल रन सफल रहने के बाद सरिस्का के अधिकारियों की ओर से राज्य सरकार को अवगत कराया गया था, जिसके बाद सरिस्का में इलेक्ट्रिक बस चलने की चर्चाएं तेज हो गई थी. सरिस्का में ईवी बस चलने से पहले ग्रेवल सड़क बनाई जाएगी.