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उत्तराखंड में बिछेगा सड़कों का जाल, 1490 बसावटों तक पहुंचेगी 8500 किमी रोड, डीपीआर पर काम शुरू - UTTARAKHAND ROAD CONSTRUCTION

उत्तराखंड के सड़क विहीन 1490 बसावटों तक पहुंचेगी रोड, 8500 किलोमीटर सड़क निर्माण का सर्वे पूरा, अब डीपीआर पर काम हुआ शुरू

ROAD CONSTRUCTION
सड़क (फाइल फोटो- ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : April 3, 2025 at 2:46 PM IST

3 Min Read

देहरादून: उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 814 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया गया. जिसके चलते भारत सरकार ने पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण में स्वीकृत 9 पुलों के निर्माण के लिए बजट भी जारी कर दिया है. जिस पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा. ऐसे में अब पीएमजीएसवाई-4 के पहले चरण में प्रदेश के सड़क विहीन 1,490 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा. जिसके लिए 8,500 किमी सड़कों का निर्माण किया जाना है, जिस दिशा में सड़कों निर्माण का सर्वे पूरा हो गया है. साथ ही डीपीआर बनाने का काम भी शुरू हो गया है.

वित्तीय वर्ष 2024-25 में करीब 933 करोड़ रुपए की धनराशि की गई खर्च: दरअसल, उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 900 करोड़ रुपए के वित्तीय लक्ष्यों के सापेक्ष करीब 933 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की गई, जो कि पिछले साल 2023-24 में किए गए खर्च से करीब 133 करोड़ रुपए ज्यादा है. इसी तरह फिजिकल उपलब्धि में भी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 814 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया गया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 206 किमी ज्यादा है.

इसी बीच पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिन में पीएमजीएसवाई-3 के तहत 9 पुलों के निर्माण के लिए 40.77 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी भारत सरकार से मिल गई है. वहीं, पीएमजीएसवाई-4 के तहत 1,490 सड़क विहीन बसावटों को चिन्हित कर पहले चरण में करीब 8,500 किमी सड़कों के निर्माण का सर्वे पूरा हो गया है, जिसके डीपीआर पर काम शुरू हो गया है.

विशेष निरीक्षण एप के जरिए सड़कों की क्वालिटी पर रखा जाएगा नजर: सड़कों की क्वालिटी बेहतर करने के लिए एक विशेष निरीक्षण एप तैयार किया है. एप के जरिए फील्ड अधिकारियों की ओर से किए जाने वाले निरीक्षणों को समय-समय पर अपलोड किया जा रहा है. जिससे अधिकारी सड़कों की गुणवत्ता को आसानी से मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

क्या है प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना? बता दें कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एक राष्ट्रव्यापी योजना है, जिसका उद्देश्य असंबद्ध गांवों में सभी मौसमों के लिए अच्छी सड़क सुविधा प्रदान करना है. सड़क विहीन गांवों के लिए भारत सरकार ने साल 2000 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरू की थी. योजना के पहले तीन चरणों में 500 की आबादी वाले गांवों को सड़कों से जोड़ने का काम लगभग पूरा हो चुका है.

डबल इंजन की सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के जरिए राज्य की छोटी-छोटी बसावटों को सड़क से जोड़ने का काम किया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग ने बेहतर काम किया है, ऐसे ने अब सरकार चौथे चरण में बचे हुए बसावटों को सड़क से जोड़ने का काम किया जाएगा. - पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

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देहरादून: उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना (पीएमजीएसवाई) के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 के दौरान 814 किमी लंबी सड़कों का निर्माण किया गया. जिसके चलते भारत सरकार ने पीएमजीएसवाई के तीसरे चरण में स्वीकृत 9 पुलों के निर्माण के लिए बजट भी जारी कर दिया है. जिस पर जल्द ही काम शुरू कर दिया जाएगा. ऐसे में अब पीएमजीएसवाई-4 के पहले चरण में प्रदेश के सड़क विहीन 1,490 बसावटों को सड़क मार्ग से जोड़ा जाएगा. जिसके लिए 8,500 किमी सड़कों का निर्माण किया जाना है, जिस दिशा में सड़कों निर्माण का सर्वे पूरा हो गया है. साथ ही डीपीआर बनाने का काम भी शुरू हो गया है.

वित्तीय वर्ष 2024-25 में करीब 933 करोड़ रुपए की धनराशि की गई खर्च: दरअसल, उत्तराखंड में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत वित्तीय वर्ष 2024-25 में 900 करोड़ रुपए के वित्तीय लक्ष्यों के सापेक्ष करीब 933 करोड़ रुपए की धनराशि व्यय की गई, जो कि पिछले साल 2023-24 में किए गए खर्च से करीब 133 करोड़ रुपए ज्यादा है. इसी तरह फिजिकल उपलब्धि में भी वित्तीय वर्ष 2024-25 में 814 किमी लंबी सड़क का निर्माण किया गया, जो कि पिछले वित्तीय वर्ष 2023-24 की तुलना में 206 किमी ज्यादा है.

इसी बीच पिछले वित्तीय वर्ष 2024-25 के अंतिम दिन में पीएमजीएसवाई-3 के तहत 9 पुलों के निर्माण के लिए 40.77 करोड़ रुपए की स्वीकृति भी भारत सरकार से मिल गई है. वहीं, पीएमजीएसवाई-4 के तहत 1,490 सड़क विहीन बसावटों को चिन्हित कर पहले चरण में करीब 8,500 किमी सड़कों के निर्माण का सर्वे पूरा हो गया है, जिसके डीपीआर पर काम शुरू हो गया है.

विशेष निरीक्षण एप के जरिए सड़कों की क्वालिटी पर रखा जाएगा नजर: सड़कों की क्वालिटी बेहतर करने के लिए एक विशेष निरीक्षण एप तैयार किया है. एप के जरिए फील्ड अधिकारियों की ओर से किए जाने वाले निरीक्षणों को समय-समय पर अपलोड किया जा रहा है. जिससे अधिकारी सड़कों की गुणवत्ता को आसानी से मॉनिटरिंग कर रहे हैं.

क्या है प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना? बता दें कि प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना एक राष्ट्रव्यापी योजना है, जिसका उद्देश्य असंबद्ध गांवों में सभी मौसमों के लिए अच्छी सड़क सुविधा प्रदान करना है. सड़क विहीन गांवों के लिए भारत सरकार ने साल 2000 में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना शुरू की थी. योजना के पहले तीन चरणों में 500 की आबादी वाले गांवों को सड़कों से जोड़ने का काम लगभग पूरा हो चुका है.

डबल इंजन की सरकार के कार्यकाल में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के जरिए राज्य की छोटी-छोटी बसावटों को सड़क से जोड़ने का काम किया जा रहा है. वित्तीय वर्ष 2024-25 में विभाग ने बेहतर काम किया है, ऐसे ने अब सरकार चौथे चरण में बचे हुए बसावटों को सड़क से जोड़ने का काम किया जाएगा. - पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड

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