रीवा: देश की सेवा में तैनात मनगवां निवासी अजय विश्वकर्मा युद्ध अभ्यास के दौरान शहीद हो गए. अपने लाल के शहीद होने की खबर लगते ही परिवार सहम गया. दुखद सूचना मिलते ही गांव में मातम पसर गया. रविवार की शाम तिरंगे में लिपटे शहीद के पार्थिव शरीर को विशेष वाहन से लेकर सेना का एक दल गृहग्राम मढ़ी खुर्द गांव पहुंचा. शहीद का पार्थिव शरीर गृहग्राम पहुंचते ही लोगों का हुजूम उमड़ पड़ा. जिसके बाद लोगों ने नम आंखों से उन्हें अंतिम विदाई दी. इसके बाद सैन्य सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया.
मनगवां निवासी आर्मी जवान शहीद
बताया गया की मनगवां तहसील के मढीखुर्द गांव के निवासी सतेन्द्र विश्वकर्मा के दो बेटों मे से बड़े बेटे अरविंद विश्वकर्मा भी आर्मी के जवान हैं और वर्तमान मे वह रांची में पदस्थ हैं. दूसरे और छोटे बेटे अजय विश्वकर्मा भारतीय सेना की 119 एसाल्ट इंजीनियर रेजीमेंट में कार्यरत थे. जानकारी दी गई की वर्तमान में वह रुड़की पोस्टेड थे. 11 अप्रैल को अजय विश्वकर्मा युद्ध अभ्यास में थे. इसी दौरान भीषण हादसा हो गया और वह गंभीर रूप से घायल हो गए.
रविवार के शाम मढ़ीखुर्द गांव पहुंचा पार्थिव शरीर
हादसे के बाद तत्काल उन्हें रूड़की के आर्मी अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहां पर इलाज के दौरान 12 अप्रैल को वह शहीद हो गए. घटना की सूचना शहीद के परिजनों को दी है. जिसके बाद अपने लाल को खोकर परिजनों का बुरा हाल हो गया और गांव में मातम पसर गया.

13 अप्रैल को सेना के अधिकारी शहीद अजय विश्वकर्मा का पार्थिव शरीर लेकर मनगवां के मढीखुर्द गांव पहुंचे. जहां लोगों ने नम आंखों से शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की. जिसके बाद सूबेदार सत्यानारायण शर्मा के नेतृत्व में सेना के एक दल के द्वारा सैन्य सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई. जिसके बाद शहीद अजय विश्वकर्मा का अंतिम संस्कार किया गया.

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सैन्य सम्मान के साथ हुआ अंतिम संस्कार
मनगवां विधायक नरेन्द्र प्रजापति ने बताया की "ग्राम पंचायत मढ़ीखुर्द गांव के निवासी थे. रुड़की में सैन्य अभ्यास के दौरान वह हादसा हो गया. जिसमें वह गंभीर रूप से घायल हो गए. इलाज के लिए उन्हें आर्मी अस्पताल में भर्ती करवाया गया. मगर इलाज के दौरान वह शहीद हो गए. उनका पार्थिव शरीर रविवार को गृह ग्राम लाया गया जिसके बाद सैन्य सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया."