रीवा: देशभर में मकड़जाल की तरह फैले जालसाजों के जाल में फंसकर आए दिन भोले भाले लोग अपनी जमा पूंजी गवां बैठते हैं. ऐसा ही एक मामला रीवा शहर के समान थाना क्षेत्र से सामने आया है. जहां पढ़ाई के साथ नौकरी देने के नाम पर ठगों ने करीब 50 छात्र-छात्राओं को ठग लिया. घटना के सालों बीत जाने के बाद पीड़ित छात्र-छात्राओं ने थाने में जालसाजों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है.
एजुकेशन और जॉब के नाम पर की गई ठगी
समान थाने में शिकायत करने पहुंचे विभिन्न कॉलेजों के 50 से अधिक छात्र-छात्राओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि "शहर में संचालित स्मार्ट वैल्यू सुपर लिमिटेड नाम की प्राइवेट कंपनी के द्वारा कई छात्रों के साथ एजुकेशन के साथ नेटवर्क मार्केटिंग की नौकरी देने के नाम पर लाखों रुपए की ठगी कर ली गई." उन्होंने बताया, "पहले तो उन्हें नौकरी देने के आलावा करोड़ों की मर्सिडीज कार के सपने दिखाए गए.
इसके बाद चैन सिस्टम के तहत लोगों को कंपनी से जोड़ने की बात कही गई. किसी छात्र से 16 हजार तो किसी से 18 हजार रुपए जॉइनिंग के नाम पर जमा कराए गए. हमें 7 से 10 हजार मासिक सैलरी देने का वादा भी किया. जब हम जमा किए गए पैसों की रिसीविंग मांगते हैं तो वो अपना मोबाइल नंबर बंद करके ऑफिस बदल लेते हैं."
पूरी टीम बनाकर जालसाजी को दे रहे हैं अंजाम
पीड़ित छात्रा लक्ष्मी विश्वकर्मा ने बताया कि "उनके पास कंपनी में जमा की गई राशि की पूरी डिटेल है. जिसको उन्होंने पुलिस के समक्ष प्रस्तुत भी किया है. कंपनी में कई ऐसे लोग हैं जो छात्र-छात्राओं को सुनहरे भविष्य का सपना दिखाकर अपने जाल में फंसा कर उनसे पैसे ऐंठते है. जालसाजों ने एक टीम बनाई हैं जिसमें कई लोग शामिल हैं जिसमें मुनिराज विश्वकर्मा, निर्मल कुमार, संगम मिश्रा, संदीप पाल, शिवानी सेन प्रमुख हैं. ये सारे स्मार्ट वैल्यू सुपर लिमिटेड कंपनी के लीडर बताएं जाते है. ये अपना ऑफिस हमेशा बदलते रहते हैं. इस समय इनका ऑफिस जॉन टावर के सामने है."
जालसाज कैसे बनाते हैं निशाना
पीड़ित छात्रा श्रेया पटेल ने बताया कि "जालसाज कॉलेज के ड्रेस में कॉलेज के गेट के पास मंडराते रहते हैं. फिर वो छात्र-छात्राओं से मिलते हैं और अपने आप को उनका बैचमेट बताते हैं. फिर कोई मजबूरी बताकर रेगुलर कॉलेज नहीं आ पाने की बात कहते हैं. फिर हमारा नंबर लेते हैं और कहते हैं कॉलेज में कुछ महत्वपूर्ण हो तो बताना. फिर धीरे-धीरे फोन करना शुरू करते हैं और अपनी बातों में फंसाते हैं. इसके बाद स्टूडेंट्स को अपनी स्कीम के बारे में बताते हैं और हमें मीटिंग के लिए बुलाते हैं, जहां हमसे नौकरी देने के नाम पर पैसा लिया जाता है."
- रतलाम में फावड़ा कंपनी में इन्वेस्ट के नाम पर 2 करोड़ की धोखाधड़ी, धरे गये नटवरलाल दंपति
- सोशल मीडिया पर बेच रहा था 10वीं-12वीं बोर्ड के पेपर, क्राइम ब्रांच ने छिंदवाड़ा से दबोचा
एक आरोपी को हिरासत में लेकर पुलिस कर रही पूछताछ
इस मामले में समान थाना प्रभारी विकास कपीस ने बताया कि "कुछ छात्र-छात्राएं आज थाने में शिकायत लेकर पहुंचे थे. उनका कहना था की निर्मल कुमार और मुनिराज विश्वकर्मा ने 2 साल पहले उनसे नौकरी देने के नाम पर पैसे लिए थे. छात्रों द्वारा कैश देने के साथ ही ऑनलाइन पैसे भी ट्रांसफर किए गए थे. उनकी शिकायत को संज्ञान में लिया गया है. निर्मल कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. मामला दर्ज कर जांच की जा रही है. जो भी तथ्य सामने आएंगे उसी के अनुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी."