नई दिल्ली: दिल्ली पुलिस की क्राइम ब्रांच (पश्चिमी रेंज-II) ने एक अंतरराज्यीय ऑनलाइन ठग गिरोह का भंडाफोड़ करते हुए एक शातिर आरोपी को केरल से गिरफ्तार किया है. आरोपी ने एक रिटायर्ड कर्नल से फॉरेक्स इन्वेस्टमेंट में भारी मुनाफा दिलाने का झांसा देकर 18 लाख 80 हजार रुपये की ठगी की थी. गिरफ्तार आरोपी की पहचान केरल निवासी श्रीजीत राजेन्द्रन के रूप में हुई है.
ऐसे हुई ठगी: दिसंबर 2023 में एक रिटायर्ड कर्नल को एक महिला के नाम से फोन कॉल व मैसेज आए, जिसने खुद को "क्यूट अर्विन अंगीथा" बताया. महिला ने उन्हें फॉरेक्स ट्रेडिंग में निवेश कर मोटा मुनाफा कमाने का लालच दिया. पीड़ित विश्वास में आ गया और धीरे-धीरे कई किश्तों में कुल ₹18,80,818 निवेश कर दिए. जब उन्होंने पैसे वापस मांगे, तो आरोपियों ने और धनराशि जमा करने की शर्त रखी, जिसके चलते उन्हें और भुगतान करना पड़ा.
राशि अलग-अलग खातों में भेजी गई: डीसीपी हर्ष इंदौरा ने बताया कि क्राइम ब्रांच ने जब बैंक खातों की जांच की तो पाया गया कि ठगी की राशि अलग-अलग खातों में भेजी गई थी, जिनमें से एक खाता केरल के कोल्लम में आरोपी श्रीजीत राजेन्द्रन के नाम था। इस खाते में ₹5,93,681 ट्रांसफर किए गए थे, जिसे आरोपी ने उसी दिन नकद निकाल लिया था.
टीम का गठन: डीसीपी हर्ष इंदोरा के निर्देशन में इंस्पेक्टर अक्षय के नेतृत्व में एसआई राहुल, एचसी संदीप कादियान, एचसी नवीन, एचसी विनोद और एचसी भंवर की टीम को केरल भेजा गया. महीनों की तकनीकी निगरानी और मेहनत के बाद आरोपी श्रीजीत को उसके गांव अज़ीखल से गिरफ्तार कर दिल्ली लाया गया.
इस गिरोह का एक अन्य सदस्य सुनील निवासी जोधपुर को पहले ही जनवरी 2025 में गिरफ्तार किया जा चुका है. गिरोह का मास्टरमाइंड आनंदु लाल अभी भी फरार है, जिसकी तलाश जारी है.
आरोपी का प्रोफाइल श्रीजीत मूलतः मछुआरा है और 10वीं तक पढ़ा है. उसके एक दोस्त ने उसे ठगी के ज़रिए ऐशो-आराम की ज़िंदगी दिखाई, जिससे प्रेरित होकर वह भी इस ठग गिरोह में शामिल हो गया.
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