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सदन में गूंजा निजी सेक्टर में 75 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा, विधायक जयराम महतो के सवाल से श्रम विभाग की खुली पोल! - JHARKHAND BUDGET SESSION

झारखंड बजट सत्र के दौरान सदन में निजी सेक्टर में 75 प्रतिशत आरक्षण का मुद्दा गूंजा.

reservation in private sector issue discussed in House during Jharkhand budget session
सदन की कार्यवाही में भाग लेते जेएलकेएम विधायक जयराम महतो (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : March 25, 2025 at 5:18 PM IST

3 Min Read

रांचीः झारखंड बजट सत्र के 18वें दिन प्रश्नकाल के दौरान डुमरी से जेएलकेएम विधायक जयराम महतो ने निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत स्थानीय को नियोजन देने का मामला उठाया.

विधायक जयराम महतो ने कहा कि 11 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने "झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021" के अनुपालन पर अंतरिम रोक लगा दिया है. लेकिन विभागीय जवाब के मुताबिक हाईकोर्ट के फैसले से पूर्व तक 2.46 लाख लोग पे रोल में नामित है. इनमें से करीब 53 हजार लोग झारखंड के निवासी है.

इससे साफ है कि झारखंड सरकार इस कानून को सख्ती से लागू कराने में सफल नहीं हुई. उन्होंने पूछा कि कहीं 2002 में बनी नियोजन नीति का हाईकोर्ट में जो हश्र हुआ था, क्या वहीं हाल इस कानून का होगा. ऐसी स्थिति में सरकार क्या करना चाहती है.

हाईकोर्ट के अगले आदेश के आधार पर सरकार लेगी कोई फैसला

इसपर श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि यह मामला हाईकोर्ट में है. 26 मार्च 2025 को इसपर फिर सुनवाई होनी है. लिहाजा, कोर्ट के अगले आदेश के आधार पर ही सरकार आगे कोई फैसला लेगी. कुल ढाई लाख में से सिर्फ 53 हजार नौकरियां स्थानीय के देने के सवाल पर मंत्री का कांग्रेस ने बचाव किया.

private sector 75 percent reservation issue discussed in House in Jharkhand budget session
सदन की कार्यवाही में भाग लेते मंत्री संजय प्रसाद यादव (Etv Bharat)

कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि उस कानून में प्रावधान है कि तीन वर्ष तक 75 प्रतिशत सीटों पर एडजस्टमेंट करना है. लेकिन यह कानून सिर्फ एक साल तक चल पाया. इसलिए डाटा अलग दिख रहा है.

इसपर संसदीय कार्यमंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने भी 75 प्रतिशत आरक्षण की बात की थी जो हाईकोर्ट में टर्न डाउन हो गई थी. झारखंड में 40 हजार तक के वेतन से नीचे के पदों पर तीन साल के भीतर 75 प्रतिशत सीटें रिजर्व करने की कवायद चल रही थी. अब हाईकोर्ट का फैसला आ गया है. इस फैसले की वजह से सरकार के हाथ बंध गये हैं.

निबंधित संस्थानों की संख्या में गड़बड़ी

इसी दौरान पूरक प्रश्न के तहत जयराम महतो ने सदन को बताया कि पिछले दिनों नियोजन को लेकर उन्होंने एक सवाल किया था. जिसमें बताया गया था कि झारखंड नियोजन पोर्टल पर 28 फरवरी 2025 तक कुल 7,473 प्रतिष्ठान निबंधित हैं. अब बताया जा रहा है कि 7,470 प्रतिष्ठान निबंधित है. अब सवाल है कि तीन प्रतिष्ठान कहां गायब हो गये. इसपर विभागीय मंत्री ने कहा कि आंकड़ा देने में अगर गलती हुई है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी.

इसे भी पढ़ें- झारखंड में कब होगा जाति सर्वेक्षण, एक साल से कहां अटका है मामला, सदन में सरकार का आया जवाब

इसे भी पढ़ें- ओबीसी आरक्षण के साथ होगा नगर निकाय का चुनाव, सरयू राय के सवाल पर सदन में सरकार का जवाब!

इसे भी पढ़ें- मंईयां सम्मान योजना को लेकर गरमाया सदन, हो-हल्ला के बीच श्रम सहित कई विभाग का बजट पारित

रांचीः झारखंड बजट सत्र के 18वें दिन प्रश्नकाल के दौरान डुमरी से जेएलकेएम विधायक जयराम महतो ने निजी कंपनियों में 75 प्रतिशत स्थानीय को नियोजन देने का मामला उठाया.

विधायक जयराम महतो ने कहा कि 11 दिसंबर 2024 को हाईकोर्ट ने "झारखंड राज्य के निजी क्षेत्र में स्थानीय उम्मीदवारों का नियोजन अधिनियम, 2021" के अनुपालन पर अंतरिम रोक लगा दिया है. लेकिन विभागीय जवाब के मुताबिक हाईकोर्ट के फैसले से पूर्व तक 2.46 लाख लोग पे रोल में नामित है. इनमें से करीब 53 हजार लोग झारखंड के निवासी है.

इससे साफ है कि झारखंड सरकार इस कानून को सख्ती से लागू कराने में सफल नहीं हुई. उन्होंने पूछा कि कहीं 2002 में बनी नियोजन नीति का हाईकोर्ट में जो हश्र हुआ था, क्या वहीं हाल इस कानून का होगा. ऐसी स्थिति में सरकार क्या करना चाहती है.

हाईकोर्ट के अगले आदेश के आधार पर सरकार लेगी कोई फैसला

इसपर श्रम, नियोजन, प्रशिक्षण एवं कौशल विकास विभाग के मंत्री संजय प्रसाद यादव ने कहा कि यह मामला हाईकोर्ट में है. 26 मार्च 2025 को इसपर फिर सुनवाई होनी है. लिहाजा, कोर्ट के अगले आदेश के आधार पर ही सरकार आगे कोई फैसला लेगी. कुल ढाई लाख में से सिर्फ 53 हजार नौकरियां स्थानीय के देने के सवाल पर मंत्री का कांग्रेस ने बचाव किया.

private sector 75 percent reservation issue discussed in House in Jharkhand budget session
सदन की कार्यवाही में भाग लेते मंत्री संजय प्रसाद यादव (Etv Bharat)

कांग्रेस विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि उस कानून में प्रावधान है कि तीन वर्ष तक 75 प्रतिशत सीटों पर एडजस्टमेंट करना है. लेकिन यह कानून सिर्फ एक साल तक चल पाया. इसलिए डाटा अलग दिख रहा है.

इसपर संसदीय कार्यमंत्री सुदिव्य कुमार सोनू ने कहा कि हरियाणा में भाजपा की मनोहर लाल खट्टर की सरकार ने भी 75 प्रतिशत आरक्षण की बात की थी जो हाईकोर्ट में टर्न डाउन हो गई थी. झारखंड में 40 हजार तक के वेतन से नीचे के पदों पर तीन साल के भीतर 75 प्रतिशत सीटें रिजर्व करने की कवायद चल रही थी. अब हाईकोर्ट का फैसला आ गया है. इस फैसले की वजह से सरकार के हाथ बंध गये हैं.

निबंधित संस्थानों की संख्या में गड़बड़ी

इसी दौरान पूरक प्रश्न के तहत जयराम महतो ने सदन को बताया कि पिछले दिनों नियोजन को लेकर उन्होंने एक सवाल किया था. जिसमें बताया गया था कि झारखंड नियोजन पोर्टल पर 28 फरवरी 2025 तक कुल 7,473 प्रतिष्ठान निबंधित हैं. अब बताया जा रहा है कि 7,470 प्रतिष्ठान निबंधित है. अब सवाल है कि तीन प्रतिष्ठान कहां गायब हो गये. इसपर विभागीय मंत्री ने कहा कि आंकड़ा देने में अगर गलती हुई है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होगी.

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