लखनऊ : इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया के चेयरमैन मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने DGP राजीव कृष्ण से मुलाकात की. प्रतिनिधिमंडल ने DGP से ईद उल अजहा (बकरीद) पर राजधानी में शान्ति, सौहार्द और सुरक्षा व्यवस्था पर बात की.
मौलाना ने डीजीपी को बताया कि ईद उल अजहा की नमाज 7 जून को अदा की जाएगी और कुर्बानी का सिलसिला 7, 8 व 9 जून तक चलेगा. उन्होंने डीजीपी को एक ज्ञापन सौंपा, जिसमें त्योहार के दौरान सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित करने की मांग की गई.
पुलिस से मांगा सहयोग-
- प्रदेश की सभी ईदगाहों और मस्जिदों में नमाज के समय उचित और सख्त सुरक्षा व्यवस्था की जाए.
- कुर्बानी इस्लाम धर्म का महत्वपूर्ण धार्मिक कर्तव्य है, इसे शांतिपूर्ण ढंग से सम्पन्न कराने हेतु सहयोग दिया जाए.
- जहां-जहां पर किसान जानवरों की बिक्री के लिए एकत्र होते हैं, वहां भी सुरक्षा और सुगमता के लिए पुलिस बल तैनात किया जाए.
- जानवरों के परिवहन में किसानों को किसी प्रकार की परेशानी न हो और कानून के तहत अनुमति प्राप्त जानवरों की बिक्री में बाधा उत्पन्न न हो.
डीजीपी बोले- कानून हाथ में नहीं लें : डीजीपी राजीव कृष्ण ने आश्वासन दिया कि सभी वाजिब मांगों पर अमल किया जाएगा. उन्होंने साफ कहा कि कानून व्यवस्था बनाए रखना पुलिस की सर्वोच्च प्राथमिकता है और किसी को भी कानून हाथ में लेने की अनुमति नहीं दी जाएगी. प्रतिनिधिमंडल में मौलाना नईमुर्रहमान सिद्दीकी, मौलाना मुहम्मद मुश्ताक, मौलाना मोहम्मद सुफयान, मुनीब अलवी और मोहम्मद कलीम खां शामिल थे.
इस्लामिक सेंटर ऑफ इंडिया की एडवाइजरी जारी : मौलाना खालिद रशीद फरंगी महली ने बकरीद के अवसर पर एडवाइजरी जारी की है, जिसमें मुसलमानों से धार्मिक दायित्वों का पालन करते हुए कानून का पूरी तरह सम्मान करने की अपील की गई.
- कुर्बानी हर साहिब-ए-हैसियत मुसलमान पर वाजिब है.
- कुर्बानी कोई रस्म नहीं, बल्कि हजरत इब्राहीम (अलै.) और हजरत इस्माईल (अलै.) की सुन्नत है.
- केवल उन्हीं जानवरों की कुर्बानी की जाए जिन पर कोई कानूनी प्रतिबंध नहीं है.
- कुर्बानी की जगह पर साफ़-सफाई का विशेष ध्यान रखा जाए.
- सार्वजनिक स्थानों, सड़कों, गलियों आदि में कुर्बानी न की जाए.
- जानवरों की गंदगी रास्तों में न फेंकी जाए, केवल नगर निगम के कूड़ेदानों का इस्तेमाल किया जाए.
- जानवरों का खून नालियों में न बहाया जाए, बल्कि कच्ची ज़मीन में दफन किया जाए.
- मीट की तकसीम अच्छे तरीके से पैक कर की जाए.
- मीट का एक तिहाई हिस्सा गरीबों और ज़रूरतमंदों को ज़रूर दिया जाए.
- कुर्बानी के दौरान फोटो खींचने, वीडियो बनाने और उसे सोशल मीडिया पर डालने से परहेज़ किया जाए.
- जानवर की खालें अल्लाह की राह में दान की जाएं.
- नमाज-ए-ईद के बाद गर्मी से राहत, देश में अमन-चैन और देश की रक्षा में तैनात जवानों की सलामती के लिए विशेष दुआ की जाए.
संभल में 900 से अधिक लोग पाबंद, प्रतिबंधित पशुओं के कटान पर रोक : संभल हिंसा के बाद पहले बकरीद को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट है. प्रशासन ने धर्म गुरुओं के साथ शांति समिति की बैठक में स्पष्ट कर दिया कि बकरीद पर प्रतिबंधित पशुओं का कटान नहीं होगा, जबकि सोशल मीडिया पर कुर्बानी से संबंधित कोई भी वीडियो पोस्ट करेगा अथवा माहौल को खराब करने की कोशिश करेगा, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. जिले में 900 से अधिक लोगों को पाबंद किया गया है.

संभल डीएम डॉ. राजेंद्र पेंसिया ने बताया कि बकरीद को लेकर जिले में शांति समिति की बैठक आयोजित की गई, जिसमें बताया गया कि जहां-जहां नमाज होगी वहां के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहें. सभी से बात की गई है कि कुर्बानी सार्वजनिक स्थानों पर नहीं की जाएगी. पहले से चिन्हित 19 स्थलों पर ही कुर्बानी होगी.
उन्होंने कहा कि प्रतिबंधित पशुओं के कटान पर पहले से रोक है और पिछले 5 साल से इस तरह का कोई मामला सामने नहीं आया है. सभी लोग ईद की नमाज शांति पूर्ण ढंग से करेंगे हमारी ओर से पानी, बिजली और स्वच्छता का ध्यान रखा जाएगा.
कुर्बानी का काम 7, 8 और 9 जून को दोपहर 3 बजे तक निपटा लें. जिले में धारा 163 BNS लागू है. यदि कोई भी शांति व्यवस्था खराब करने का प्रयास करेगा उसके खिलाफ कड़ी कार्यवाही की जाएगी.
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