देहरादून: उत्तराखंड चारधाम यात्रा 2025 के सरल, सुगम और सुरक्षित संचालन के लिए शासन-प्रशासन तैयारियों को पूरा करने में जुटा है. इसी क्रम में देहरादून डीएम ने ऋषिकेश और विकासनगर में रजिस्ट्रेशन काउंटर बढ़ाने के साथ राउंड-द-क्लॉक काउंटर संचालन के निर्देश जारी किए हैं. वहीं, चारधाम यात्रा के दौरान श्रद्धालुओं को मौसम की सही जानकारी मिल सके, इसके लिए मौसम विभाग विशेष तौर पर चारधाम यात्रा पर कवरेज देने वाले कंपैक्ट रडार लगाने की तैयारी कर रहा है.
चारधाम यात्रा के तहत अब ऋषिकेश में काउंटर बढ़ाकर 30 किए जाएंगे और विकासनगर में 20 काउंटर लगाए जाएंगे. रजिस्ट्रेशन काउंटर पर दो कर्मचारी तैनात किए जाएंगे. साथ ही ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन के लिए पुख्ता प्रबंध किए जाएंगे. ताकि श्रद्धालुओं को पंजीकरण की जल्द सुविधा मिले और किसी को परेशानी न हो. यात्री वाहनों की फिटनेस के साथ ग्रीन कार्ड जारी किए जाएंगे. चारधाम यात्रा मार्ग पर यात्री वाहनों के लिए सुबह 4 बजे से रात 10 बजे तक और माल वाहनों के लिए रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक का समय निर्धारित किया जाएगा.
जिलाधिकारी सविन बंसल ने निर्देश दिया कि यात्रा रूट पर जो भी कमियां हैं, उनको तत्काल दूर करें. तीर्थयात्रियों की सुविधा और उनको आवश्यक जानकारी प्रेषित करने के लिए सभी प्रमुख स्थानों पर एलईडी की व्यवस्था की जाए. नगर क्षेत्र में नगर निगम और अन्य स्थानों पर लोनिवि के माध्यम से एलईडी लगवाए जाए. इसके लिए जिला प्रशासन पर्याप्त फंड देगा. स्वास्थ्य विभाग को चिकित्सक और एंबुलेंस की तैनाती के साथ ही हेल्थ एडवाइजरी जारी करने के निर्देश दिए. यात्रियों के होर्डिंग एरिया और यात्रा रूट पर टीटीएसपी, वाटर एटीएम, टैंकर सहित पेयजल की पर्याप्त व्यवस्था की जाए.
चारधाम यात्रा रूट पर लगेगा रडार: वहीं, चारधाम यात्रा के दौरान मौसम विभाग विशेष तौर से चारधाम यात्रा पर कवरेज देने वाले कंपैक्ट रडार लगाने की तैयारी कर रहा है. उत्तराखंड मौसम निर्देशक विक्रम सिंह ने बताया कि उत्तराखंड में इस वक्त तीन बड़े रडार पहले से ही लगे हुए हैं. प्रदेश में इन तीनों रडार में से दो रडार गढ़वाल मंडल के सुरकंडा देवी मंदिर और लैंसडाउन में लगे हुए हैं. वहीं कुमाऊं क्षेत्र में एक रडार मुक्तेश्वर में लगा हुआ है. उन्होंने कहा कि आने वाले समय में प्रदेश में और भी रडार प्रस्तावित है.
उन्होंने कहा कि इसमें से एक कंपैक्ट रडार चारधाम यात्रा रूट पर लगाया जाएगा. इसके लिए अभी सर्वे का काम चल रहा है. इस कंपैक्ट रडार को ऐसे प्वाइंट पर लगाया जाएगा जहां से बदरीनाथ और केदारनाथ धाम की यात्रा को कवरेज देगा. इसको लेकर दिल्ली हेड ऑफिस द्वारा जगह का सुझाव मांगा गया है. ताकि आने वाली यात्रा सीजन में अचानक से खराब होने वाले मौसम की जानकारी समय से मिल पाए.
घाटी क्षेत्र में कंपैक्ट रडार ज्यादा उपयोगी: विक्रम सिंह ने बताया कि चारधाम यात्रा रूट पर कंपैक्ट रडार ज्यादा उपयोगी साबित होते हैं. जिस तरह से बड़े रडार एक बड़े क्षेत्र में कवरेज देते हैं तो उसी तरह से कंपैक्ट रडार छोटे घाटी क्षेत्र में 10 से 15 किलोमीटर के क्षेत्र में विस्तृत डाटा उपलब्ध कराता है. हालांकि, बड़े रडार पहाड़ों पर घाटियों में होने वाली वायुमंडलीय बदलाव को उतने बारीकी से नहीं पकड़ पाते हैं. इसके लिए घाटी क्षेत्र में कंपैक्ट रडार ज्यादा उपयोगी साबित होते हैं.
हरिद्वार और उधम सिंह नगर में लगेंगे बड़े रडार: वहीं इसके अलावा उन्होंने बताया कि प्रदेश के घनी आबादी वाला मैदानी इलाके यानी लो लाइन एरियाज में कवरेज के लिए हरिद्वार और उधम सिंह नगर के लिए रडार प्रस्तावित किए गए हैं. प्रदेश में इन तीनों रडार के लिए प्रक्रिया शुरू कर दी गई है. इन रडार को लगाने के लिए राज्य सरकार को भी मौसम विभाग द्वारा जगह उपलब्ध कराने का लिए पत्र लिखा गया है.
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