रतलाम : मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य की बदरंग तस्वीरें अक्सर सामने आती रहती हैं. अब रतलाम जिले के सैलाना से शर्मनाक मामला सामने आया है. प्रसव पीड़ा होने पर महिला को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से दो बार लौटा दिया गया. तीसरी बार देर रात में दर्द होने महिला को उसका पति हाथठेले पर अस्पताल लेकर पहुंचा. इसी दौरान गर्भवती महिला की हाथठेले पर ही डिलेवरी हो गई और नवजात की मौत हो गई. मामला गर्माने पर जिम्मेदारों के खिलाफ ताबड़तोड़ कार्रवाई की गई.
अस्पताल स्टाफ ने प्रसूता को दो बार लौटाया
यह घटना 23 मार्च की है. पीड़ित कृष्णा ग्वाला अपनी गर्भवती पत्नी को दर्द होने पर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लेकर गया था. पीड़ित का आरोप है "अस्पताल स्टाफ ने जांच करने के बाद कहा कि अभी डिलेवरी नहीं होगी. इसके बाद वह घर लौट आया. शाम को फिर दर्द उठने पर दोबारा पत्नी को लेकर अस्पताल पहुंचा. लेकिन पत्नी को भर्ती नहीं करते हुए फिर घर वापस भेज दिया. इसके बाद देर रात प्रसव पीड़ा होने पर वह अपनी पत्नी को हाथठेला पर लेकर अस्पताल पहुंचा लेकिन रास्ते में ही डिलेवरी हो गई और नवजात बच्चे की मौत हो गई."

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दो स्टाफ नर्स पर निलंबन की गाज
इस मामले में ड्यूटी पर मौजूद दोनों नर्स चेतना चारेल और गायत्री पाटीदार सहित अस्पताल प्रबंधन का कहना है "पीड़ित पक्ष अपनी मर्जी से घर चले गए थे. पीड़ित पक्ष द्वारा रात में प्रसव पीड़ा होने पर एंबुलेंस के लिए कोई सूचना नहीं दी गई." घटना की शिकायत पीड़ित पक्ष द्वारा 27 मार्च को एसडीएम कार्यालय में की गई. इस पर सैलाना एसडीएम मनीष जैन ने जांच करने के निर्देश दिए. सिविल सर्जन डॉ. एमएस सागर ने लापरवाही बरतने वाली दोनों नर्स चेतना चारेल और गायत्री पाटीदार को निलंबित कर दिया है. बीएमओ को भी जांच होने तक कार्यमुक्त कर दिया गया है. सीएमएचओ ने ड्यूटी डॉक्टर पर कार्रवाई के लिए चिकित्सा विभाग के उच्च अधिकारियों को लिखा है.